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Sunday, 22 December, 2024
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कासगंज पुलिस की हिरासत में मौत मामले में नया मोड़, पुलिस द्वारा ढूंढी गई हिंदू लड़की नहीं है नाबालिग़

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लिखे एक पत्र में अल्ताफ के पिता चांद मियां ने एक और पोस्टमॉर्टम और अपने बेटे की मौत की सीबीआई जांच की मांग की थी.

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नई दिल्ली: दिप्रिंट को पता चला है कि पुलिस हिरासत में मरने वाले 22 वर्षीय मुस्लिम युवक अल्ताफ के दोस्त के साथ  ग़ायब होने वाली हिंदू लड़की नाबालिग़ नहीं है.

शुक्रवार को पुलिस ने ‘लापता’ लड़की को ढूंढ निकाला, और सोमवार को उसे एक स्थानीय कोर्ट में पेश किया गया जहां उसने सीआरपीसी की धारा 164 के तहत एक मजिस्ट्रेट के सामने अपना बयान दर्ज कराया.

केस की जानकारी रखने वाले एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘लड़की बालिग़ है. उसने पुलिस को बताया है कि वो 16 साल की नहीं है जैसा कि उसके पिता ने अल्ताफ के खिलाफ शुरुआती एफआईआर में दावा किया था. 10वीं क्लास की मार्कशीट में उसकी जन्मतिथि मार्च 2002 दर्ज है. इसलिए उसकी आयु 19 वर्ष है. उसने 12 वीं क्लास पास की हुई है. हमने उसके स्कूल से सत्यापित कर लिया है और उसका ट्रांसफर सर्टिफिकेट भी ले लिया है’.

अधिकारी ने आगे कहा, ‘मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज किए गए उसके बयान की कॉपी मिलने के बाद हम इसकी आगे जांच करेंगे’.

दिप्रिंट से बात करते हुए कासगंज एसपी रोहन बोतरे ने उसकी उम्र की पुष्टि की. उन्होंने कहा, ‘पिता के दावे के विपरीत लड़की बालिग़ है. अल्ताफ के खिलाफ दर्ज एफआईआर में से आईपीसी धारा 363 (अपहरण) हटा दी जाएगी. आगे की जांच चल रही है’.

मामला सुर्ख़ियों में तब आया, जब 9 नवंबर को अल्ताफ की पुलिस हिरासत में मौत हो गई जिसे एक दिन पहले ही पूछताछ के लिए लाया गया था. उसपर फिलहाल भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 363 (अपहरण) और 366 (अपहरण, जिसमें किसी महिला को शादी के लिए मजबूर करना तक शामिल है) के तहत मुक़दमा दर्ज है.

कासगंज पुलिस ने दावा किया था कि अल्ताफ पुलिस थाने के वॉशरूम में एक टैप से लटक गया था जिसके लिए उसने अपने ‘जैकेट हुड की डोरी’ का इस्तेमाल किया था. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में मौत का कारण दम घुटना बताया गया था और उसके बाक़ी शरीर पर मौत से पहले किसी घाव के निशान नहीं थे.

महिला के पिता ने अपनी शिकायत में दावा किया था कि वो 16 साल की थी जिसके आधार पर एफआईआर दर्ज की गई थी.

महिला के पिता ने आरोप लगाया था कि अल्ताफ ने ‘अपने दोस्त के साथ उसे दिल्ली भेज दिया था’. अल्ताफ का दोस्त रिंकू अभी भी ग़ायब है.


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उनके संबंध एक साल से अधिक से थे

कासगंज पुलिस सूत्रों ने कहा कि लड़की और अल्ताफ के संबंध एक साल से अधिक समय से थे और वो कई बार उसके घर भी गई थी.

एक दूसरे पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘अल्ताफ के परिवार को दोनों के बीच रिश्तों का पता था. वो कई बार लड़की से मिल चुके थे. पूछताछ के दौरान लड़की ने दावा किया था कि जब उसने अल्ताफ के परिवार से कहा कि वो दोनों शादी करना चाहते हैं तो उसके पिता चांद मियां ने उससे कहा कि शादी करने के लिए उसे इस्लाम धर्म अपनाना होगा’.

अधिकारी ने कहा, ‘लड़की ने दावा किया है कि उसके और अल्ताफ के बीच यौन संबंध थे और उसने शादी करने का वादा किया था लेकिन भागने के दिन अल्ताफ ने उसे रिंकू के घर छोड़ दिया और उससे कहा कि वो उसे बाद में मिलेगा’.

पहले, लड़की को नाबालिग़ समझते हुए पुलिस ने कहा था कि लड़की के मिल जाने और उसका बयान दर्ज होने के बाद अल्ताफ के खिलाफ पॉक्सो के आरोप जोड़े जा सकते हैं. उनकी उम्र की इस ताज़ा डिटेल के साथ मामले ने एक नया मोड़ ले लिया है.

सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लिखे एक पत्र में अल्ताफ के पिता चांद मियां ने एक और पोस्टमॉर्टम और अपने बेटे की मौत की सीबीआई जांच की मांग की थी. पिता की शिकायत के आधार पर आईपीसी की धारा 302 (हत्या) के तहत एक एफआईआर दर्ज कर ली गई है और मामले की न्यायिक जांच भी शुरू कर दी गई है.

(इस ख़बर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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