लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गढ़ माने जाने वाले गोरखपुर में बीजेपी के सांसद रवि किशन और विधायक राधा मोहन दास अग्रवाल आमने-सामने हैं. सोशल मीडिया पर बयानबाजी और एक कथित ऑडियो वायरल होने के बाद पार्टी की ओर से राधा मोहन को नोटिस भी दिया गया जिसमें उन पर सरकार व संगठन की छवि धूमिल करने वाली पोस्ट करने का आरोप है.
दरअसल ये पूरा मामला सहायक अभियंता (पीडब्लूडी) केके सिंह के तबादले को लेकर शुरू हुआ. गोरखपुर शहरी सीट के विधायक राधा मोहन ने डिप्टी सीएम केशव मौर्य को पत्र लिखकर केके सिंह की शिकायत की जिसके बाद उन्हें वहां से ट्रांसफर कर मुख्यालय से संबद्ध कर दिया गया. वहीं सांसद रवि किशन ने अभियंता को कर्मठ, विश्वसनीय अधिकारी बताते हुए ट्रांसफर को रोकने के लिए केशव मौर्य को पत्र लिखा.
रवि किशन को मिला दूसरे विधायकों का समर्थन
रवि किशन का समर्थन करते हुए गोरखपुर ग्रामीण सीट से विधायक विपिन सिंह, पिपराइच विधायक महेंद्र पाल सिंह, कैम्पियरगंज विधायक फतेह बहादुर सिंह व सहजनवा विधायक शीतल पांडेय ने भी सहायक अभियंता केके सिंह के पक्ष में डिप्टी सीएम केशव मौर्य को पत्र लिखकर कोई कार्रवाई नहीं करने की अपील की.
इस बीच विधायक राधा मोहन अग्रवाल का एक कथित ऑडियो भी वायरल हो गया है. इसमें बीजेपी विधायक फोन पर अन्य पदाधिकारी से तंज भरे लहजे में एक शिकायत पर कहते हैं कि ठाकुरों से ठीक से रहिए, ठाकुरों की सरकार चल रही है. हालांकि इस ऑडियो के बाद उन्होंने मीडिया से दूरी बना ली. फिर अपने फेसबुक पर लिखा– ‘ऑडियो के मामले में जल्द सब कुछ दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा’.
रवि किशन ने की इस्तीफे की मांग
विधायक राधा मोहन का कथित ऑडियो वायरल होने के बाद रवि किशन ने स्थानीय मीडिया को बयान जारी करते हुए उनके इस्तीफे की मांग की है.
रवि किशन ने कहा कि अगर पार्टी के नीतियों व सिद्धांतों से आपको इतनी दिक्कत हो रही है तो आप पार्टी से इस्तीफा दे दें. उन्होंने कहा कि विधायक राधा मोहनदास अग्रवाल पार्टी विरोधी बातों को मुद्दा बनाकर जनता को भ्रमित करने का काम कर रहे हैं. फिलहाल दोनों (विधायक व सांसद) ने मीडिया से दूरी बना ली है. दिप्रिंट ने दोनों से संपर्क किया लेकिन वे उपलब्ध नहीं थे.
इस पूरे मामले में यूपी बीजेपी के प्रवक्ता नवीन श्रीवास्तव का कहना है कि पार्टी से ऊपर कोई नहीं है. किसी भी तरह की बयानबाजी से दोनों पक्षों को बचना चाहिए इससे पार्टी की छवि खराब होती है. पार्टी आलाकमान की नज़र पूरे विवाद पर है. वे दोनों पक्षों से बातचीत करेंगे.
बता दें कि रवि किशन को गोरखपुर में योगी आदित्यानाथ का करीबी भी माना जाता है लेकिन सांसद-विधायक की इस खींचतान ने मुख्यमंत्री के गढ़ में पार्टी के अंदर गुटबाजी को बढ़ा दिया है. फिलहाल सीएम योगी ने इस मामले में अभी चुप्पी साध रखी है.
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