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Wednesday, 8 May, 2024
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त्रिपुरा में 60 विधानसभा सीटों पर वोटिंग शुरू, BJP, कांग्रेस-CPI-M और तिपरा मोथा के बीच कड़ा मुकाबला

बीजेपी 55 सीटों पर और आईपीएफटी 6 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. लेफ्ट क्रमशः 47 और कांग्रेस 13 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. कुल 47 सीटों में से सीपीएम सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगी.

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अगरतला: पूर्वोत्तर राज्य त्रिपुरा में 60 सदस्यीय विधानसभा सीटों पर गुरुवार को कड़ी सुरक्षा के बीच सुबह सात बजे से मतदान शुरू हो गया.

मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) जी. किरणकुमार दिनकरराव ने बताया कि राज्य में कुल 28.13 लाख मतदाता 3,337 मतदान केंद्रों में मतदान करेंगे और 259 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे.

त्रिपुरा में 20 महिलाओं सहित कुल 259 उम्मीदवार मैदान में हैं. वोटिंग सुबह 7 बजे से 4 बजे के बीच होगी और चुनाव के परिणाम 2 मार्च को आएंगे.

कुल 3,337 मतदान केंद्रों में से 1,100 केंद्रों को संवेदनशील और 28 को अति संवेदनशील के रूप में वर्गीकृत किया गया है. कम से कम 97 मतदान केंद्रों का प्रबंधन महिला चुनाव कर्मी कर रही हैं.

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दिनकरराव ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय और अंतर-राज्यीय सीमाओं को सील कर दिया गया है, ताकि राज्य के बाहर से कोई उपद्रवी तत्व आकर मतदान प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न नहीं कर सकें.

सीईओ ने कहा, ‘‘स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव कराने के लिए 31,000 मतदानकर्मी और केंद्रीय बलों के 25,000 सुरक्षाकर्मी तैनात किये गए हैं. इसके अलावा, कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए राज्य सशस्त्र पुलिस और राज्य पुलिस के 31,000 कर्मचारियों को तैनात किया जाएगा.’’

इस साल ये मुकाबला बीजेपी-आईपीएफटी गठबंधन और सीपीआई (एम), कांग्रेस और तिपरा मोथा के बीच है.

वर्षों से कट्टर प्रतिद्वंद्वी रहे कांग्रेस और सीपीआईएम ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को हराने के मकसद से चुनाव पूर्व गठबंधन किया है, जबकि बीजेपी जो अपनी सत्ता को बरकरार रखना चाहती है इस बार इंडीजेनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ इंडिया (आईपीएफटी) के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ रही है.

त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति में किंगमेकर के रूप में देखे जा रहे तिपरा मोथा 2021 में शाही वंशज प्रद्योत किशोर देबबर्मा द्वारा बनाई गई एक प्रभावशाली क्षेत्रीय पार्टी के रूप में उभरे हैं. इस बीच तृणमूल कांग्रेस ने भी कई सीटों पर प्रत्याशी उतारे हैं.

तिपरा मोथा त्रिपुरा की 31 फीसदी जनजातीय आबादी के लिए एक अलग राज्य ‘ग्रेटर तिपरा लैंड’ बनाने की बात कर रही है.

सीमावर्ती राज्य में 60 सदस्यीय विधानसभा के चुनाव में 28 लाख से अधिक मतदाता मतदान करने के पात्र हैं.


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पार्टियों को प्रदर्शन में सुधार की उम्मीद

इस साल बीजेपी 55 सीटों पर और उसकी सहयोगी आईपीएफटी 6 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. लेफ्ट क्रमशः 47 और कांग्रेस 13 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. कुल 47 सीटों में से सीपीएम सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जबकि फॉरवर्ड ब्लॉक, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) और रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी) एक-एक सीट पर चुनाव लड़ेंगी.

त्रिपुरा इस साल चुनाव में जाने वाला पहला राज्य है. जबकि नागालैंड और मेघालय विधानसभाओं के लिए मतदान 27 फरवरी को होगा. इस साल पांच और राज्यों में चुनाव होने हैं.

बीजेपी ने विधानसभा की 36 सीटों पर जीत हासिल की और 2018 के चुनाव में उसे 43.59 फीसदी वोट मिले थे, जबकि सीपीआई (एम) ने 42.22 प्रतिशत वोट शेयर के साथ 16 सीटें जीतीं थीं. आईपीएफटी ने आठ सीटें जीतीं और कांग्रेस खाता नहीं खोल सकी थी.

2018 में 36 सीटें जीतकर बीजेपी ने इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा यानी आईपीएफटी के साथ मिलकर सरकार बनाई थी.

इससे पहले त्रिपुरा में 25 साल से लेफ्ट का शासन था और माणिक सरकार लंबे समय तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे थे.

बीजेपी को भरोसा है कि वह इस साल राज्य में अपने प्रदर्शन में सुधार करेगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और पार्टी प्रमुख जेपी नड्डा सहित पार्टी के शीर्ष नेताओं ने राज्य में प्रचार किया है.


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