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Thursday, 14 August, 2025
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सिकल सेल एनीमिया रोग उन्मूलन के लिए सरकार 50 रुपये से कम कीमत की जांच किट लेकर आयी

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(पायल बनर्जी)

नयी दिल्ली, 23 जून (भाषा) सिकल सेल एनीमिया परीक्षण को और किफायती, सुलभ और वंशानुगत रक्त विकार को समाप्त करने के प्रयास के तहत सरकार ने इसके नैदानिक किट की कीमत 50 रुपये से भी कम कर दी है।

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के मुंबई स्थित राष्ट्रीय प्रतिरक्षा रुधिर विज्ञान संस्थान (एनआईआईएच) और नागपुर स्थित हीमोग्लोबिनोपैथी अनुसंधान प्रबंधन एवं नियंत्रण केन्द्र (सीआरएचसीएम) ने पिछले छह महीनों में विभिन्न कंपनियों द्वारा विकसित सिकल सेल एनीमिया निदान के लिए 35 परीक्षणों को मान्य किया है।

सरकार ने राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन के तहत सात करोड़ की आबादी को लक्षित करते हुए रक्त विकार के लिए बड़े पैमाने पर जांच अभियान शुरू करने का प्रस्ताव दिया है।

एनआईआईएच के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. प्रभाकर केदार ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘शुरुआती निर्माताओं ने प्रत्येक जांच के लिए 350 रुपये का मूल्य निर्धारित किया था। स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग को सिकल सेल जांच किट को किफायती बनाने के लिए स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी मूल्यांकन करने का अनुरोध प्राप्त हुआ।’’

आईसीएमआर-राष्ट्रीय प्रजनन एवं बाल स्वास्थ्य अनुसंधान संस्थान ने पीजीआई चंडीगढ़ और एनआईआईएच के साथ मिलकर एक व्यापक मूल्यांकन किया और यह निर्धारित किया गया कि भारत में उच्च जोखिम वाली आबादी के बीच सिकल सेल रोग/लक्षण की जांच तभी किफायती होगी, अगर उन्हें 100 रुपये प्रति जांच या इससे कम कीमत पर खरीदा जाए।

डॉ. केदार ने बताया कि सिफारिश के बाद राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने राज्य के स्वास्थ्य विभागों को अधिकतम 100 रुपये प्रति परीक्षण की दर से जांच किट खरीदने का निर्देश दिया है।

उन्होंने कहा, ‘‘सार्वजनिक निविदा के माध्यम से, प्रतिस्पर्धी खरीद प्रक्रिया के कारण किट की कीमत घटकर 82 रुपये प्रति जांच रह गई, जो शुरुआती बोली से काफी कम है, जिसके परिणामस्वरूप 1,857 करोड़ रुपये की बचत हुई।’’

डॉ. केदार ने कहा, ‘‘इसके बाद, एनआईआईएच ने नयी किट को मान्यता दी है और निर्माता ने किट को 50 रुपये प्रति जांच से कम कीमत पर बेचने पर सहमति व्यक्त की।’’

सिकल सेल रोग के खिलाफ लड़ाई में सहयोग देने के लिए, मुंबई में आईसीएमआर-एनआईआईएच के नोडल अधिकारी डॉ. प्रभाकर केदार और चंद्रपुर में सीआरएमसीएच के वैज्ञानिक डॉ. नागा मुरलीधर को सरकार द्वारा नयी जांच किट के परीक्षण और अनुमोदन के लिए चुना गया है।

भाषा

प्रशांत सुरेश

सुरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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