scorecardresearch
शनिवार, 31 मई, 2025
होमदेशरामसर सूची में भारत के तीन और आर्द्रभूमि स्थल शामिल

रामसर सूची में भारत के तीन और आर्द्रभूमि स्थल शामिल

Text Size:

नयी दिल्ली, 14 अगस्त (भाषा) रामसर स्थलों की सूची में भारत की तीन और आर्द्रभूमि को शामिल किया गया है। इसी के साथ भारत में रामसर स्थलों की संख्या बढ़कर 85 हो गई है। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव ने बुधवार को यह जानकारी दी।

यादव ने कहा कि रामसर स्थलों (अंतरराष्ट्रीय महत्व की आर्द्रभूमि) में शामिल किये गए स्थलों में तमिलनाडु में नंजरायण पक्षी अभयारण्य तथा काझुवेली पक्षी अभयारण्य और मध्य प्रदेश में तवा जलाशय शामिल हैं।

रामसर सूची में शामिल 85 भारतीय आर्द्रभूमि 13.5 लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में फैली हुई हैं। तमिलनाडु में रामसर स्थलों की संख्या सबसे ज्यादा 18 हैं, इसके बाद उत्तर प्रदेश का स्थान है जहां ऐसे स्थलों की संख्या 10 है।

सरकार की ओर से महत्वपूर्ण नीतिगत प्रयासों के कारण पिछले 10 वर्ष में रामसर स्थलों की संख्या 26 से बढ़कर 85 हो गई है, जिनमें से 41 पिछले तीन वर्षों में ही जोड़े गए हैं।

यादव ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘देश स्वतंत्रता दिवस का जश्न मनाने की तैयारी में जुटा है, ऐसे में हमें यह बताते हुए खुशी हो रही है कि हमने अपने नेटवर्क में तीन रामसर स्थलों को शामिल किया है। इससे हमारे रामसर स्थलों की संख्या 85 हो गई है, जो भारत में 13,58,068 हेक्टेयर क्षेत्र में फैले हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह उपलब्धि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा प्रकृति के साथ सामंजस्य स्थापित करने, हमारी आर्द्रभूमियों को अमृत धरोहर कहने तथा उनके संरक्षण के लिए निरंतर प्रयास करने पर दिए गए जोर को दर्शाती है।’’

ईरान के रामसर में दो फरवरी, 1971 को रामसर संधि पर हस्ताक्षर किये गये थे। भारत ने इस संधि की पुष्टि एक फरवरी, 1982 को की थी।

रामसर सूची का उद्देश्य आर्द्रभूमि के अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क का विकास और उसकी देखरेख करना है, जोकि वैश्विक जैविक विविधता के संरक्षण और मानव जीवन को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है।

भाषा

देवेंद्र माधव

माधव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments