नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि वह हल्द्वानी में रेलवे की 29 एकड़ ज़मीन से अतिक्रमण हटाने के उत्तराखंड हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर ह मई में सुनवाई करेगा.
इन याचिकाओं पर पिछले महीने हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी थी.
यह मामला न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ के समक्ष आज सुनवाई के लिए आया, जिसने इसे दो मई को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया.
शीर्ष अदालत ने हल्द्वानी में रेलवे द्वारा दावा की गई 29 एकड़ भूमि से अतिक्रमण हटाने के हाईकोर्ट के आदेश पर पांच जनवरी को रोक लगा दी थी और इसे ‘मानवीय मुद्दा’ करार दिया था. अदालत ने कहा था कि 50,000 लोगों को रातों-रात नहीं हटाया जा सकता है.
मंगलवार की सुनवाई के दौरान पीठ से अनुरोध किया गया कि शीर्ष अदालत द्वारा पिछले महीने बताए गए समाधान के लिए अधिकारियों को आठ सप्ताह का समय दिया जाए.
रेलवे के अनुसार, भूमि पर 4,365 अतिक्रमणकारी हैं, जबकि कब्ज़ेदार यह दावा करते हुए हल्द्वानी में विरोध प्रदर्शन कर रहे थे कि वे भूमि के असली मालिक हैं.
शीर्ष अदालत ने रेलवे और उत्तराखंड सरकार को नोटिस भी जारी किए थे, जिसमें अतिक्रमण हटाने के उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर उनकी प्रतिक्रिया मांगी गई थी.
याचिकाकर्ताओं ने दावा किया है कि उनके पास ऐसे दस्तावेज हैं जो स्पष्ट रूप से उनके भू-स्वामित्व और वैध कब्जे को स्थापित करते हैं.
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