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Tuesday, 14 May, 2024
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दिल्ली के आनंद विहार में स्मॉग टावर लगाने का काम जल्द शुरू करे केंद्र, 10 अगस्त तक बताए डेडलाइन: सुप्रीम कोर्ट

इससे पहले, केन्द्र ने 30 जुलाई को न्यायालय को सूचित किया था कि पूर्वी दिल्ली के आनंद विहार में स्मॉग टावर लगाने के लिये सहमति पत्र तैयार हो गया है और इस पर सभी हितधारक हस्ताक्षर करेंगे.

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नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को केन्द्र से कहा कि वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिये पूर्वी दिल्ली के आनंद विहार में स्मॉग टावर लगाने का काम जल्द से जल्द शुरू किया जाये.

न्यायमूर्ति अरूण मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ को केन्द्र की ओर से सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने सूचित किया कि वायु प्रदूषण कम करने के लिये विशाल आकार के एयर प्यूरीफायर का ढांचा तैयार करने और स्मॉग टावर लगाने में दस महीने का वक्त लगेगा और प्राधिकारी यह समय-सीमा कम करने की स्थिति में नहीं हैं.

पीठ ने कहा, ‘ठीक है लेकिन यह काम जल्द से जल्द शुरू होना चाहिए.’

शीर्ष अदालत ने मेहता से कहा कि वह इस परियोजना की समय-सीमा के बारे में 10 अगस्त को न्यायालय को जानकारी दें और यह भी बतायें कि स्मॉग टावर लगाने का काम कब तक शुरू हो सकता है.

इस मामले की वीडियो कॉन्फ्रेन्स के माध्यम से सुनवाई के दौरान मेहता ने कहा कि यह काम आईआईटी, मुंबई की देखरेख में किया जायेगा जबकि इसके लिये धन सरकार मुहैया करायेगी.

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इससे पहले, केन्द्र ने 30 जुलाई को न्यायालय को सूचित किया कि पूर्वी दिल्ली के आनंद विहार में स्मॉग टावर लगाने के लिये सहमति पत्र तैयार हो गया है और इस पर सभी हितधारक हस्ताक्षर करेंगे.

न्यायालय ने सरकार से जानना चाहा था कि इस परियोजना को तीन महीने के भीतर पूरा करने के उसके 13 जनवरी के आदेश का अनुपालन क्यों नहीं हुआ.

शीर्ष अदालत को बताया गया था कि पूर्वी दिल्ली के आनंद विहार में स्मॉग टावर परियोजना से आईआईटी मुंबई पीछे हट गया है. न्यायालय ने इस घटनाक्रम पर निराशा व्यक्त की थी और कहा था कि उसे न्यायालय के आदेश का उल्लंघन करने और पीछे हटने के मामले में आईआईटी, मुंबई और संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई करनी पड़ेगी क्योंकि यह आदेश उसी के आधार पर दिया गया था.

हालांकि, सॉलिसीटर जनरल ने पीठ को बताया था कि केन्द्र ने आईआईटी, मुंबई और केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सहित अन्य से संपर्क किया था और अब इस परियोजना के लिये सहमति पत्र तैयार हो गया है.

न्यायालय ने दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में बड़ी संख्या में निर्माण कार्य, खदानों में खनन और ऐसी ही अन्य गतिविधियों की वजह से वायु प्रदूषण की गंभीर स्थिति को ध्यान में रखते हुये स्मॉग टावर लगाने का निर्देश दिया था.

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