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लखनऊ, 31 अगस्त (भाषा) बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने आरक्षण के लिए अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के उपवर्गीकरण और ‘क्रीमीलेयर’ के मुद्दे को इन वर्गों के लोगों को बांटने वाला करार दिया है।
सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर मायावती ने शनिवार को एक पोस्ट में लिखा, ‘‘एससी-एसटी आरक्षण का वर्गीकरण और क्रीमीलेयर का मुद्दा इन वर्गों को बांटने वाला है, जबकि बसपा का मानवतावादी आंदोलन जाति के आधार पर सदियों से सताए गए इन लोगों को जोड़कर ‘बहुजन समाज’ बनाने का है जिससे कोई समझौता संभव नहीं है। पार्टी इस मुद्दे को लेकर अति गंभीर है।”
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने पोस्ट में कहा, ‘‘इसको लेकर कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु की सरकारों द्वारा माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्णय से पहले से ही एससी-एसटी को बांटने की राजनीति की जा रही है जो ठीक नहीं है। खासकर यहां की कांग्रेस सरकारों का रवैया इस मामले में अति निंदनीय है।’’
मायावती ने इसमें कहा, ‘‘बसपा में रहते हुए जो लोग कांग्रेस की तरह एससी-एसटी के वर्गीकरण और ‘क्रीमीलेयर’ का समर्थन करते हैं और बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर की मिशनरी सोच नहीं रखते हैं, उनका बसपा में कोई स्थान नहीं है। अर्थात एक व्यक्ति के लाभ के लिए पूरे बहुजन समाज के हित की उपेक्षा करना ठीक नहीं है।”
बसपा प्रमुख ने इसमें यह भी कहा है कि ऐसी मानसिकता के लोग यदि पार्टी छोड़कर खुद ही चले जाते हैं या उन्हें अलग कर दिया जाता है, तो यह बसपा पार्टी और इसके आंदोलन के हित में उचित होगा।
उन्होंने कहा कि आरक्षण के वर्गीकरण और क्रीमीलेयर की आड़ में अब कांग्रेस के ‘इंडिया’ गठबंधन की ‘फूट डालो, राज करो’ की रणनीति नहीं चलेगी, लेकिन लोगों को सजग रहना चाहिए।
भाषा राजेंद्र
संतोष
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