नई दिल्ली : एक अध्ययन से पता चला है कि चीन, जापान और भारत जैसे देशों में मिलने वाले शाकाहारी और पारंपरिक भोजन अल्जाइमर रोग के खतरे को कम कर सकते हैं, खासकर पश्चिमी देशों के भोजन की तुलना में.
अमेरिकी संस्था ‘सनलाइट, न्यूट्रीशन और हेल्थ रिसर्च सेंटर’ के शोधकर्ताओं ने पाया कि इन देशों में पोषण युक्त भोजन को पश्चिमी भोजन में बदल दिया जाता है तो इससे अल्जाइमर रोग भी बढ़ जाता है.
‘जर्नल ऑफ अल्जाइमर डिजीज’ में प्रकाशित अध्ययन में अल्जाइमर रोग के जोखिम को कम करने में आहार की भूमिका के बारे में विस्तार से बताया गया है.
इस अध्ययन में मनोभ्रम के जोखिम के कारकों की पहचान की गई है, जिसमें संतृप्त वसा, मांस, विशेष रूप से हैम्बर्गर तथा बारबेक्यू जैसे कच्चे मांस, साथ ही हॉट डॉग जैसे प्रसंस्कृत मांस और अधिक मात्रा में चीनी तथा परिष्कृत अनाज वाले अत्याधिक-प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ का अधिक सेवन करना शामिल हैं.
अध्ययन में इस बात का भी विशेलषण किया गया है कि आखिर क्यों कुछ खाद्य पदार्थ अल्जाइमर रोग के खतरे को बढ़ाते या कम करते हैं.
उदाहरण के लिए, मांस का सेवन सूजन-जलन, इंसुलिन प्रतिरोध, ऑक्सीडेटिव तनाव, संतृप्त वसा, उन्नत ग्लाइकेशन अंत उत्पाद और ट्राइमेथिलैमाइन एन-ऑक्साइड जैसे जोखिम कारकों को बढ़ाकर मनोभ्रम के खतरे को और अधिक तेज कर देता है.
यह भी बताया गया कि शाकाहारी भोजन जैसे कि हरी पत्तेदार सब्जियां, फल, फलियां (जैसे बीन्स), बादाम, और साबुत अनाज अल्जाइमर रोग से हमें एक तरीके से बचाने का काम करते हैं.
शोधकर्ताओं ने कहा कि अत्याधिक प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ मोटापे और मधुमेह के खतरे को बढ़ा सकते हैं, जो अल्जाइमर रोग के लिए जोखिम कारक हैं.
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