लखनऊ, आठ अगस्त (भाषा) समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश सरकार पर ‘षड्यंत्र’ के तहत सरकारी स्कूलों को बंद करने का आरोप लगाया, जिसके बाद राज्य के वरिष्ठ मंत्रियों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए 2017 से शिक्षा क्षेत्र में ‘अभूतपूर्व सुधार’ का जिक्र किया।
यादव ने कहा, “विश्वगुरु के दावे की ये है बुनियादी भूल, भाजपाई साजिशवश बंद कर रहे ‘स्कूल’। पीडीए पढ़ेगा, पीडीए बढ़ेगा। भाजपाई षड्यंत्र नहीं चलेगा।”
यादव पिछड़े वर्ग, दलित और अल्पसंख्यक के लिए पीडीए का संक्षिप्त रूप इस्तेमाल करते हैं।
यादव ने कहा कि “दरअसल कमी कोष की नहीं, सोच की है। माना जाता है कि शिक्षा की आदर्श व्यवस्था में 20 छात्रों के लिए एक अध्यापक होना चाहिए। इसे ‘टीचर-स्टूडेंट अनुपात’ के रूप में 1:20 भी कहा जाता है। उप्र की भाजपा सरकार चूंकि हर काम लाभ-हानि की कारोबारी मानसिकता से करती है इसीलिए वो पढ़ाई के मामले में भी यही कर रही है और बजट न होने का हवाला दे रही है।”
उन्होंने कहा कि “यदि भाजपाई मुख्यमंत्री जी आत्म प्रचार के खर्चे को ही कम कर दें तो बच्चों की पढ़ाई के लिए पैसे का पूरा इंतजाम हो जाएगा।”
सपा मुखिया ने कहा “हम फिर दोहराते हैं। हर चीज को व्यापार समझनेवाले भाजपाइयों को कोई समझाए कि शिक्षा आय-व्यय और फ़ायदे-नुक़सान की तराज़ू पर तौली जाने वाली कोई चीज़ नहीं होती है।”
उन्होंने कहा “शिक्षा और प्रतिभा को प्रोत्साहन हमारी प्राथमिकता रही है और सदैव रहेगी। जब-जब भाजपा सरकार स्कूल बंद करेगी, तब-तब ‘पीडीए पाठशाला’ अपनी सकारात्मक और सार्थक भूमिका निभाएगी, बच्चों की पढ़ाई के हक़ के लिए ढाल बन जाएगी।भाजपा जाए तो पढ़ाई बच जाए!”
दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह ने यादव पर पलटवार करते हुए कहा, “2017 से पहले राज्य की शिक्षा व्यवस्था तुष्टिकरण, भाई-भतीजावाद, नकल माफिया और लापरवाही की शिकार थी।”
उन्होंने दावा किया कि भाजपा सरकार ने पारदर्शिता, निवेश और आधुनिक सुधारों के ज़रिए इस क्षेत्र का कायाकल्प किया है।
सिंह ने आरोप लगाया कि सपा सरकार ने 3.45 करोड़ बच्चों को स्कूल से बाहर कर दिया और 2012 से 2017 के बीच एक भी आदर्श स्कूल नहीं बनाया गया।
उन्होंने योगी सरकार के ऑपरेशन कायाकल्प जैसी पहलों का ज़िक्र किया, जिसके तहत परिषदीय स्कूलों को 19 बुनियादी सुविधाओं से लैस करने के लिए 11,500 करोड़ रुपये से ज़्यादा का निवेश किया गया।
उन्होंने बेसिक शिक्षा में विस्तार से सुधारों की जानकारी दी और उलब्धियों के आंकड़े भी साझा किए।
उधर भाजपा के सहयोगी दल सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश सरकार के पंचायत राज मंत्री ओम प्रकाश राजभर के हवाले से जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि सपा के शासन काल में ‘ए’ से अराजकता, ‘बी’ से भ्रष्टाचार, ‘सी’ से चोरी और ‘डी’ से दलाली, यही सपा की पहचान थी।
बयान के मुताबिक समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश ने जब सत्ताधारी भाजपा को ‘एबीसीडी’ के जरिए घेरा, तो प्रदेश सरकार के मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने उसी एबीसीडी से पलटवार करते हुए सपा के शासनकाल को कठघरे में खड़ा कर दिया। उन्होंने कहा कि अगर समाजवादी पार्टी को वाकई एबीसीडी आती होती, तो आज उनकी पार्टी सत्ता से बाहर न होती।
राजभर ने कहा कि समाजवादी पार्टी ने सत्ता में रहते हुए जिस ‘एबीसीडी’ को अपनाया, उसी ने प्रदेश की हालत बिगाड़ दी। उन्होंने ‘वाई’ से ‘यादववाद’ और ‘जेड’ से ‘जीरो बदलाव’ तक पूरा वर्णन करते हुए सपा की नीतियों को जातिवादी, भाई-भतीजावादी और अव्यवस्थित करार दिया।
ओम प्रकाश राजभर ने खासतौर से सपा शासन में शिक्षा व्यवस्था की दुर्दशा पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जब अखिलेश यादव सत्ता में थे, तब सरकारी स्कूल बच्चों की पढ़ाई के लिए नहीं, बल्कि नकल माफिया और भर्ती घोटालों के लिए कुख्यात थे।
राजभर ने दावा किया “भाजपा सरकार के कार्यकाल में शिक्षा व्यवस्था में क्रांतिकारी बदलाव लाए गए हैं।”
राजभर के अनुसार, ऑपरेशन कायाकल्प के तहत 11,500 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है और 96 प्रतिशत से अधिक सरकारी स्कूलों में बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। उन्होंने भी विस्तार से सरकार की उपलब्धियों और योजनाओं की जानकारी दी।
भाषा आनन्द जोहेब
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