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Wednesday, 20 November, 2024
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स्मार्ट क्लासरूम, एआई उपकरण, ई-लाइब्रेरी – ओडिशा सरकार के स्कूलों में उच्च शिक्षा कैसे बेहतर हो रही है

पहल का लक्ष्य पूर्वी राज्य में 8,679 उच्च विद्यालयों का आधुनिकीकरण करना है. ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की आपूर्ति शहरों की तरह स्थिर नहीं है, इसलिए उन्हें चुनौतियों का सामना करना पड़ता है.

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पुरी/भुवनेश्वर: दो साल पहले, सुमिता खांडा एक निजी स्कूल से पुरी जिले में ओडिशा सरकार के कुशभद्रा हाई स्कूल में चली गईं. स्कूल परिसर में प्रवेश करते ही सुमिता चौंक गई: ई-लाइब्रेरी, स्मार्ट बोर्ड और विज्ञान प्रयोगशालाओं ने उसका स्वागत किया.

कक्षा 9 की छात्रा को अब अपने पुराने स्कूल की याद नहीं आती, ऐसी ही भावनाएं उसके जैसी ही अन्य छात्राओं की भी हैं जिनके कि माता-पिता ने सरकारी स्कूलों में उनका एडमिशन कराने का फैसला किया.

ओडिशा सरकार के 5टी हाई स्कूल परिवर्तन कार्यक्रम के तहत आने वाले सरकारी हाई स्कूलों में छात्रों के लिए कोडिंग सीखना, वैज्ञानिक प्रयोग करना, कंप्यूटर से पढ़ना और स्मार्ट कक्षाओं में भाग लेना जैसी नई बातें सामान्य हो गई हैं.

टीम वर्क, पारदर्शिता, प्रौद्योगिकी, समय और बदलाव पर ध्यान केंद्रित करते हुए, कार्यक्रम पूर्वी राज्य में उच्च शिक्षा की छवि को बदलना चाहता है. 2020 में शुरू हुए इस कार्यक्रम ने पूर्वी राज्य में 8679 हाई स्कूलों को आधुनिक बनाने की अपनी खोज में तीन चरण पूरे कर लिए हैं.

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, इस कार्यक्रम का बजट 2018-2019 से 2023-24 तक 55 प्रतिशत बढ़ाया गया था. 2023-24 के बजट में 5T कार्यक्रम के लिए 1,268 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई थी. 2021 के बाद से, सरकार ने कक्षा 1 से 12 तक नामांकन में 1.5 प्रतिशत की वृद्धि देखी है.

ओडिशा के शिक्षा आयुक्त-सह-सचिव अश्वथी एस ने कहा, “क्योंकि यह अत्याधुनिक स्तर पर है, हमने अभी शुरुआत की है और हमें सभी स्तरों को बदलना होगा. इसकी शुरुआत हाई स्कूलों में भौतिक बुनियादी ढांचे को बदलने के साथ हुई है.”

स्मार्ट क्लास, ई-लाइब्रेरी और भी बहुत कुछ

जब विज़िटर्स पुरी जिला स्कूल की दो मंजिला हरी इमारत में प्रवेश करते हैं, तो चमकदार टाइल्स वाली साफ-सुथरी फर्श उनका ध्यान अपनी तरफ खींच लेती है. राजनीतिक ऐक्टिविस्ट गोपबंधु दास, इतिहासकार और शिक्षक नीलकंठ दास और स्वतंत्रता सेनानी आचार्य हरिहर दास सहित प्रसिद्ध छात्रों की तस्वीरें दीवारों में से एक पर सजी हैं.

Alumni wall featuring illustrious students at Puri Zila School | By Special Arrangement
पुरी जिला स्कूल में दीवार पर टंगी बेहतरीन पूर्व छात्रों की तस्वीर | स्पेशल अरेंजमेंट द्वारा

10वीं कक्षा के छात्र आयुष सतपति स्कूल की ई-लाइब्रेरी में कोडिंग सत्र में सहपाठियों के साथ व्यस्त था. युवा दिमाग कोड भाषा के माध्यम से एक गेम – शूटर गेमर – में रॉकेट बनाने की कोशिश कर रहे थे.

आयुष ने कहा, “अभी, हम YouTube वीडियो से सीख रहे हैं, और, कभी-कभी, शिक्षक हमारी मदद करते हैं. मैं एक बैंक मैनेजर बनना चाहता हूं, लेकिन आप कभी नहीं जानते… प्रौद्योगिकी के इस समय में, आपको बहुत सी चीजें करनी होंगी.”

ओडिशा सरकार पहले ही छात्रों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) से परिचित कराने के लिए कदम उठा चुकी है, जिसके लिए उसने मई में युवाओं के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पहल शुरू की थी. यह पहल 5टी स्कूलों और ओडिशा आदर्श विद्यालयों के 18 वर्ष से कम उम्र के छात्रों के लिए है.

पांडियन ने कहा, “ओडिशा सरकार अगले साल से स्कूली पाठ्यक्रम में एआई लॉन्च करने की योजना बना रही है क्योंकि 8,800 हाई स्कूल स्मार्टबोर्ड, ई-लाइब्रेरी, कंप्यूटर और विज्ञान प्रयोगशालाओं के आवश्यक बुनियादी ढांचे के साथ तैयार हैं. एक नॉलेज टीम स्कूलों और कॉलेजों के लिए एक भविष्योन्मुखी पाठ्यक्रम विकसित करने पर काम कर रही है और सरकार ने इंटेल, नैसकॉम जैसे संगठनों के साथ समझौता किया है.”

पुरी जिला स्कूल के विपरीत, कुशभद्रा हाई स्कूल पुरी जिले में कुशभद्रा नदी के पास एक ग्रामीण परिवेश में स्थित है. ऐसे ग्रामीण स्कूलों में ही बाहरी लोगों के लिए ओडिशा सरकार की महत्वाकांक्षी पहल में बाधाएं खड़ी हो जाती हैं.

स्कूल के लॉन में स्मार्ट कक्षाओं, विज्ञान प्रयोगशालाओं के अलावा एक पानी का फव्वारा है, लेकिन बिजली की अनियमित आपूर्ति छात्रों के लिए मुश्किल पैदा करती है.

ई-लाइब्रेरी में मात्र दो लाइटें और आठ कंप्यूटर थे. दो छात्र कंप्यूटर स्क्रीन पर आंखें गड़ाए बैठे थे, लेकिन बिजली बार-बार आ-जा रही थी जिसकी वजह से लगातार उन्हें परेशानी हो रही थी. लाइब्रेरी से कुछ कदम की दूरी पर 5वीं कक्षा के छात्र बिना बिजली वाली कक्षा के अंदर फर्श पर बैठे थे.

Primary students sitting on the floor at Kushabhadra High School | Nootan Sharma | ThePrint
कुशभद्रा हाई स्कूल में फर्श पर बैठे प्राइमरी के छात्र | नूतन शर्मा | दिप्रिंट

पुस्तकालय शिक्षक ने समझाया, “यह एक ग्रामीण क्षेत्र है. तो हमें बिजली से जुड़ी कुछ दिक्कतें आती हैं, लेकिन इनवर्टर तो है ही. जब बिजली नहीं होती तो यह कुछ समय के लिए काम चलाता है.”

उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों की समस्याओं को स्वीकार करते हुए 5टी के अध्यक्ष वी.के. पांडियन ने आश्वासन दिया कि सरकार शिक्षकों और छात्रों की समस्याओं को कम करने के लिए काम कर रही है.

पूर्व आईएएस अधिकारी ने कहा, “हम इंटरनेट, बिजली और सड़कों की कनेक्टिविटी को सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं. यह हमारे लिए एक बड़ी चुनौती है.’ जब हमने पहली बार यह परियोजना शुरू की थी तब अस्सी प्रतिशत स्कूलों में बिजली नहीं थी.”

“ओडिशा में 30,000 प्राथमिक विद्यालय हैं. पांडियन ने कहा, हाई स्कूलों पर हमारे काम करने के पहले इसके बीच का अंतर बहुत बड़ा था और आप जो देख रहे हैं वह काफी बेहतर है. उन्होंने कहा, ”प्राइमरी और प्रारंभिक स्कूलों के लिए विशेष बजट आएगा.”

स्कूल एवं जन शिक्षा सचिव अश्वथी एस. ने कहा कि ओडिशा के 80 प्रतिशत स्कूलों में बिजली उपलब्ध करायी गयी है. उन्होंने दिप्रिंट को बताया, “बाकी हिस्से के लिए, बिजली विभाग को (काम पूरा करने के लिए) सूचित कर दिया गया है.” “सरकारी हाई स्कूलों की तस्वीर बदलनी होगी, भौतिक बुनियादी ढांचा तो अभी शुरुआत है.”


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पूर्व छात्रों की कम्युनिटी

सरकारी प्रयासों की जगह लेने के लिए अपनाई गई नई रणनीतियों में से एक अपने स्कूलों के विकास में मदद करने के इच्छुक पूर्व छात्रों को शामिल करना है.

सरकार किसी भी संभव तरीके से सामुदायिक कार्रवाई को प्रेरित करने के लिए स्कूल के पूर्व छात्रों तक पहुंच रही है – चाहे वह डोनेशन हो, छात्रों को प्रशिक्षित करने के लिए समय निकालना हो, वार्षिक समारोह आयोजित करना हो, या छात्रों को प्रेरित करने के लिए मोटीवेटर्स को आमंत्रित करना हो.

पुराने छात्र – जिनमें व्यवसायियों से लेकर स्थानीय नेता और सामाजिक कार्यकर्ता तक शामिल हैं – इस उद्देश्य के लिए समय निकालते हैं क्योंकि पूर्व छात्र कम्युनिटी समूहों में आम भावना युवा छात्रों की मदद करने की है.

कुशभद्रा हाई स्कूल के प्रधानाध्यापक रघुनाथ लेंका ने कहा, “हर कोई जो योगदान देना चाहेगा उस पर चर्चा करने के लिए हम महीने में एक बार बैठकें आयोजित करते हैं. लोग पेड़ लगाते हैं या स्कूल को सांस्कृतिक कार्यक्रम तैयार करने में मदद करते हैं.”

यह स्कूल खोर्दा जिले के ग्रामीण इलाके में स्थित है.

1984 में पुरी जिला स्कूल से उत्तीर्ण हुए रवि साहू ने कहा, “हम जितना हो सके स्कूल से जुड़े रहने की कोशिश करते हैं. यदि हम 1 रुपये का भुगतान कर रहे हैं, तो सरकार 2 रुपये का भुगतान करेगी. हमें युवा पीढ़ी से जुड़ने का मौका मिलता है और इस तरह समुदाय के लिए कुछ करने का मौका मिलता है. हमारे पूर्व छात्र समूह में लगभग 250 लोग हैं.”

जहां 2020-21 में पूर्व छात्रों से 88.83 करोड़ रुपये जुटाए गए, वहीं ओडिशा सरकार ने इस पहल के लिए अपने हिस्से से 177.66 करोड़ रुपये आवंटित किए. ओडिशा सरकार के अनुसार, 2022-2023 में यह हिस्सा पूर्व छात्रों से 219.96 करोड़ रुपये और राज्य से 439.92 करोड़ रुपये हो गया.

बहुत लंबा सफर है

पुरी जिला स्कूल में प्रधानाध्यापिका ज्योतिमगे मिश्रा और अधिक बदलाव लाने की आशा कर रही हैं.

प्रधानाध्यापिका, जिनका बेटा उसी स्कूल में पढ़ता है,ने कहा “हमारे पास 18 स्मार्ट कक्षाएं हैं जिनमें इंटरेक्शन पैनल, दो विज्ञान प्रयोगशालाएं, फुटबॉल, बास्केटबॉल, टेनिस, जूडो आदि सहित 11 प्रकार के खेल हैं. हम उन्हें केवल अकादमिक ज्ञान नहीं दे रहे हैं बल्कि उन्हें सिविक सेंस, सफाई और अपनेपन की शिक्षा भी दे रहे हैं.”

The front side of the Puri Zila School | By Special Arrangement
पुरी जिला स्कूल के सामने का भाग | स्पेशल अरेंजमेंट द्वारा

“फोकस केवल शिक्षाविदों पर नहीं है. प्रत्येक छात्र एक अनुशासन में उत्कृष्टता प्राप्त कर सकता है और वह खेल से लेकर शिक्षा तक कुछ भी हो सकता है.

पुरी जिला स्कूल की प्रधानाध्यापिका के विपरीत, ब्रह्मपुर हाई स्कूल के प्रधानाध्यापक प्रकाश चंद्र मोहंती इंतजार करना और देखना पसंद करते हैं.

मोहनी ने तर्क दिया, ‘सरकार सरकारी स्कूलों में बेहतरीन सुविधाएं ला रही है, लेकिन कुछ स्कूलों में शिक्षक ही नहीं हैं. जिस स्कूल में लोग मोबाइल फोन चलाना नहीं जानते, वहां वे छात्रों को कंप्यूटर के बारे में कैसे पढ़ाएंगे?”

भद्रक जिले में स्थित ब्रह्मपुर हाई स्कूल में भी पुरी के स्कूल जैसी सुविधाएं हैं.

उन्होंने समझाया, “चुनाव से पहले (2024 में ओडिशा में) बीस हजार शिक्षकों की भर्ती की जानी है, लेकिन केवल सरकारी स्कूलों के लिए, सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों के लिए नहीं. चुनाव ड्यूटी, जनगणना कार्य, मध्याह्न भोजन वितरण…शिक्षक बहुत सी चीजें संभालते हैं.”

5टी हाई स्कूल परिवर्तन कार्यक्रम के प्रभाव को देखने के लिए ओडिशा सरकार द्वारा दिप्रिंट को स्कूलों का दौरा करने के लिए आमंत्रित किया गया था.

(संपादनः शिव पाण्डेय)

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)


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