चंडीगढ़: संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने बुधवार को हरियाणा भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के प्रमुख गुरनाम सिंह चढूनी को यह सुझाव देने के लिए सात दिनों के लिए निलंबित कर दिया कि केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन में शामिल पंजाब के किसान संगठनों को अगले साल राज्य विधानसभा चुनाव लड़ना चाहिए.
सिंघू बॉर्डर आंदोलन स्थल के पास संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, मोर्चा के वरिष्ठ नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि चढूनी कई बार ऐसा नहीं करने के लिए कहे जाने के बावजूद अपने ‘मिशन पंजाब’ के बारे में बयान दे रहे हैं. राजेवाल ने कहा, ‘फिलहाल हम (केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ) लड़ रहे हैं. हम कोई राजनीति नहीं कर रहे हैं.’
भाकियू (राजेवाल) के अध्यक्ष राजेवाल ने कहा, ‘इसके लिए आज हमने उन्हें सात दिन के लिए निलंबित करने का फैसला किया. वह कोई बयान जारी नहीं कर पाएंगे या मंच साझा नहीं कर पाएंगे. उन पर ये प्रतिबंध लगाए गए हैं.’ एक सवाल के जवाब में राजेवाल ने कहा कि चढूनी पंजाब किसान संघों के नेताओं को राजनीतिक रास्ता अपनाने के लिए कह रहे हैं.
उन्होंने कहा, ‘हम उनसे कह रहे थे कि हमारा ऐसा कोई कार्यक्रम नहीं है. बाद में पंजाब के नेताओं ने उनके बयानों के संबंध में शिकायत की और मंगलवार को बैठक की. आज मोर्चा ने उन्हें सात दिनों के लिए निलंबित कर दिया.’
गौरतलब है कि चढूनी ने एक सप्ताह पहले कहा था कि केन्द्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन में शामिल पंजाब के संगठनों को पंजाब विधानसभा चुनाव लड़ना चाहिए.