भोपाल, छह मई (भाषा) भोपाल के एक निजी कॉलेज में छात्राओं के साथ कथित बलात्कार के मामले सामने आने के बाद मध्यप्रदेश पुलिस ने लक्ष्य बनाकर राज्यभर में युवतियों को ‘प्रेम जाल में फंसाने’, उनका शारीरिक शोषण करने और फिर ‘जबरन धर्मांतरण कराने’ से जुड़े मामलों की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (महिलाओं के खिलाफ अपराध) प्रज्ञा ऋचा श्रीवास्तव ने बताया कि भोपाल में कॉलेज की छात्राओं से बलात्कार के हालिया मामले और प्रदेश में इस तरह के अन्य मामलों की आशंका के मद्देनजर पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ने एसआईटी का गठन किया है।
भोपाल पुलिस ने एक निजी कॉलेज की छात्राओं के साथ अपनी पहचान छिपाकर बलात्कार करने और वीडियो बनाकर उन्हें ब्लैकमेल करने के आरोप में मुख्य आरोपी फरहान अली सहित पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
भोपाल कॉलेज के मामले के बाद राज्य में और भी कई ऐसे मामले सामने आए हैं। पुलिस के मुताबिक एसआईटी ऐसे सभी मामलों की जांच करेगा और ऐसी घटनाओं की रोकथाम के लिए सरकार के समक्ष आवश्यक उपाय एवं सिफारिशें प्रस्तुत करेगा।
एसआईटी के गठन से संबंधित आदेश में कहा गया है कि मध्यप्रदेश के कुछ जिलों में ऐसी आपराधिक गतिविधियों की सूचनाएं प्राप्त हुई हैं, जिनमें सामाजिक रूप से असुरक्षित एवं कमजोर वर्ग की बालिकाओं व महिलाओं को योजनाबद्ध तरीके से निशाना बनाया गया है।
आदेश में कहा गया है, ‘उन्हें प्रेम जाल, धोखे, धमकी या अन्य प्रलोभनों के माध्यम से लक्ष्य बनाकर उनका कथित रूप से मानसिक, शारीरिक एवं सामाजिक शोषण किया गया है और इन घटनाओं में पीड़ितों का कथित रूप से भय, दबाव या धोखे के आधार पर धर्मांतरण कराया गया है।’
आदेश में कहा गया, ‘‘ऐसी घटनाएं न केवल आपराधिक प्रकृति की है, बल्कि महिलाओं की गरिमा, स्वतंत्रता एवं समाज में शांति व्यवस्था के लिए भी गंभीर चुनौती प्रस्तुत करती हैं।’’
भोपाल (देहात) के पुलिस महानिरीक्षक अभय सिंह को एसआईटी का अध्यक्ष बनाया गया है। अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (अपराध एवं मुख्यालय), सहायक पुलिस महानिरीक्षक (महिला सुरक्षा शाखा), सहायक पुलिस महानिरीक्षक (अपराध एवं मुख्यालय) और पुलिस अधीक्षक (राज्य साइबर सेल, भोपाल) को इसका सदस्य नियुक्त किया गया है।
आदेश में कहा गया है कि समिति के अध्यक्ष आवश्यकतानुसार एसआईटी में अन्य अधिकारियों व कर्मचारियों को समाहित कर सकेंगे।
एसआईटी से कहा गया है कि वह ऐसी घटनाओं की पहचान कर उनकी विस्तृत जांच करे, जिनमें बालिकाओं व महिलाओं को बहलाकर, धमकाकर अथवा प्रलोभन देकर धर्मांतरण हेतु विवश किया गया हो।
जांच दल को घटनाओं में संलिप्त व्यक्तियों, संगठनों या गिरोह की पहचान कर उनके विरुद्ध कठोर विधि कार्रवाई सुनिश्चित करने को भी कहा गया है।
इसके साथ ही उसे ‘किसी अंतरराज्यीय या विदेशी नेटवर्क’ की संलिप्तता की जांच का जिम्मा भी सौंपा गया है।
आदेश के मुताबिक एसआईटी से ऐसे सभी मामलों में साइबर एवं डिजिटल माध्यमों का विश्लेषण कर साक्ष्य एकत्रित करने के अलावा भविष्य में ऐसी घटनाओं की रोकथाम के लिए आवश्यक उपाय एवं सिफारिशें प्रस्तुत करने को कहा गया है।
ज्ञात हो कि भोपाल के एक निजी कॉलेज में छात्राओं के साथ दुष्कर्म करने और फिर उनके आपत्तिजनक वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करने का मामला सामने आने के बाद पुलिस ने आरोपितों के विरुद्ध धार्मिक स्वातंत्र्य कानून 2021 के अंतर्गत धारा तीन और धारा पांच के अंतर्गत भी मामला दर्ज किया है।
इस मामले में अब तक पांच पीड़िताएं सामने आई हैं और पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।
मामला सामने आने के बाद राज्य में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने इसे ‘लव जिहाद’ का मामला बताया और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
भोपाल से भाजपा के सांसद आलोक शर्मा ने तो ऐसे मामले में दोषियों की नसबंदी कराने की मांग की थी।
‘लव जिहाद’ शब्द का प्रयोग हिंदू समूहों द्वारा मुस्लिम पुरुषों पर हिंदू महिलाओं से विवाह कर उनका धर्म परिवर्तन करने का आरोप लगाने के लिए किया जाता है।
अधिकारियों के अनुसार, शिकायतकर्ताओं ने दावा किया कि आरोपियों ने अपनी पहचान छिपाने के बाद उनके साथ बलात्कार किया और उन्हें वीडियो के साथ ब्लैकमेल किया।
मामले का स्वतः: संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी और झारखंड की पूर्व पुलिस महानिदेशक निर्मल कौर की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच समिति का भी गठन किया, जिसने जांच शुरू कर दी है।
टीम ने सोमवार को कैफे क्लब-90 का दौरा किया, जिसके बाद उसके कुछ हिस्से को जिला प्रशासन और नगर निगम के अधिकारियों की मौजूदगी में बुलडोजर चलाकर ध्वस्त कर दिया गया। पुलिस के मुताबिक मुख्य आरोपी फरहान का गिरोह, छात्राओं को क्लब-90 के कमरों में लेकर आता था।
भाषा ब्रजेन्द्र नरेश
नरेश
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