धर्मस्थल (कर्नाटक), एक अगस्त (भाषा) विशेष जांच दल (एसआईटी) ने मंदिर नगरी धर्मस्थल में सातवें चिह्नित स्थान पर शुक्रवार को खोदाई शुरू कर दी। यह खोदाई क्षेत्र में सामूहिक कब्रों के आरोपों को लेकर जारी जांच का हिस्सा है। पुलिस ने यह जानकारी दी।
इससे एक दिन पहले, बृहस्पतिवार को छठे चिह्नित स्थान पर खोदाई के दौरान कंकाल बरामद किए गए थे।
पुलिस के अनुसार, एसआईटी ने खोदाई के लिए श्रमिक और भारी मशीनरी समेत अतिरिक्त कर्मी तैनात कर चिह्नित स्थानों पर खोदाई कार्य तेज कर दिया है।
एक पूर्व सफाई कर्मचारी द्वारा गुप्त रूप से की गयी शिकायत के आधार पर खोदाई के लिए कुल 15 स्थानों की पहचान की गयी है।
पुलिस ने कहा कि इन स्थानों पर मिले अवशेषों के फोरेंसिक विश्लेषण के आधार पर आगे की खोदाई की जाएगी।
मंगलुरु के फोरेंसिक विशेषज्ञों ने कहा कि मृत्यु का कारण जानने या यह पुष्टि करने के लिए कि क्या दुर्भावनापूर्ण इरादे से शवों को दफनाया गया था, इसके लिए एक पूरे या लगभग पूरे मानव कंकाल की आवश्यकता होगी।
उन्होंने कहा कि अलग-अलग मिली हड्डियां या आंशिक अवशेष कानूनी निष्कर्ष निकालने के लिए पर्याप्त साक्ष्य नहीं दे सकते।
आरोपों के जवाब में धर्मस्थल ग्राम पंचायत के अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि 1995 से अब तक गांव के विभिन्न हिस्सों में 200 से अधिक लावारिस या अज्ञात शव दफनाए गए हैं।
कब्रिस्तान के लिए कोई निश्चित जगह नहीं होने के कारण ऐसे शवों को नदी के किनारे, जंगल के किनारे और सरकारी भूमि पर दफनाया जाता था।
पुलिस का कहना है कि जांच ‘दस्तावेजी सबूतों’ और ‘जमीनी स्तर की जानकारी’ के आधार पर की जा रही है। आगे की कार्रवाई फोरेंसिक विश्लेषण के नतीजों पर निर्भर करेगी।
छठे चिह्नित जगह पर मानव कंकाल मिलने के बाद एसआईटी ने खोदाई स्थलों पर निगरानी बढ़ा दी है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी संभावित साक्ष्य नष्ट न हो या उसके साथ छेड़छाड़ न हो।
धर्मस्थल में पिछले दो दशकों में सामूहिक हत्याकांड, दुष्कर्म और शवों को दफनाने के आरोपों के बाद राज्य सरकार ने विशेष जांच दल गठित किया है।
शिकायतकर्ता (एक पूर्व सफाईकर्मी जिसकी पहचान उजागर नहीं की गई है) ने दावा किया है कि उसने 1995 और 2014 के बीच धर्मस्थल में काम किया था और उसे धर्मस्थल में महिलाओं और नाबालिगों समेत कई लोगों के शवों को दफनाने के लिए मजबूर किया गया था।
बहरहाल, पूर्व सफाई कर्मचारी की पहचान उजागर नहीं की गयी है।
उसने आरोप लगाया था कि कुछ शवों पर यौन उत्पीड़न के निशान थे। सफाईकर्मी ने इस संबंध में मजिस्ट्रेट के सामने बयान भी दिया है।
भाषा गोला संतोष
संतोष
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