पुणे: मशहूर सामाजिक कार्यकर्ता और ‘अनाथ बच्चों की मां’ के तौर पर पहचानी जाने वाली सिंधुताई सपकाल का मंगलवार को दिल का दौरा पड़ने से यहां एक निजी अस्पताल में निधन हो गया. डॉक्टरों ने यह जानकारी दी.
पिछले साल पद्मश्री से सम्मानित होने वाली सपकाल 75 वर्ष की थीं. उन्हें पुणे के गैलेक्सी केयर अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डॉ शैलेश पुंताम्बेकर ने कहा, ‘सपकाल का करीब डेढ़ महीने पहले हर्निया का ऑपरेशन हुआ था और वह तेजी से उबर नहीं पा रही थीं. आज, रात करीब आठ बजे दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया.’
गरीबी में पली-बढ़ीं सपकाल को बाल्यावस्था में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा था. उन्होंने अनाथ बच्चों के लिए संस्थानों की स्थापना की. उन्होंने 40 वर्षों में एक हजार से अधिक अनाथ बच्चों को गोद लिया और उनकी देखभाल की.
सिंधुताई सपकाल को श्रद्धांजलि देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि उनके प्रयासों के कारण कई बच्चे बेहतर जीवन जी सके हैं. मोदी ने ट्वीट कर कहा, ‘डॉ सिंधुताई सपकाल को समाज के लिए उनकी उत्कृष्ट सेवा के वास्ते सदैव याद किया जाएगा. उनके प्रयासों की वजह से कई बच्चे बेहतर जीवन जी सके हैं.’
उन्होंने कहा, ‘सिंधुताई सपकाल ने हाशिये पर पड़े समुदायों के बीच भी काफी काम किया. उनके निधन से दुखी हूं. उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदनाएं. ओम शांति.’
Dr. Sindhutai Sapkal will be remembered for her noble service to society. Due to her efforts, many children could lead a better quality of life. She also did a lot of work among marginalised communities. Pained by her demise. Condolences to her family and admirers. Om Shanti. pic.twitter.com/nPhMtKOeZ4
— Narendra Modi (@narendramodi) January 4, 2022
पद्म पुरस्कार के अलावा सपकाल को 750 से अधिक पुरस्कारों और सम्मान से नवाजा गया था. वह पुरस्कार से प्राप्त राशि का उपयोग अनाथालय बनाने में करती थीं.
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