नयी दिल्ली, 20 अप्रैल (भाषा) राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने शनिवार को कहा कि भाजपा यह दावा कर रही है कि पारदर्शिता लाने के लिए चुनावी बॉण्ड योजना लाई गई थी जबकि उच्चतम न्यायालय पार्टी के इस दावे के उलट योजना को “असंवैधानिक” घोषित कर चुका है।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक समाचार पत्र से कहा है कि भाजपा का इरादा है कि 2024 के आम चुनाव के बाद सत्ता में वापस आने पर सभी हितधारकों के साथ परामर्श करके किसी न किसी रूप में चुनावी बॉण्ड वापस लाया जाए।
सिब्बल ने इसपर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए संवाददाता सम्मेलन में कहा, “निर्मला सीतारमण ने एक साक्षात्कार में कहा है कि हम चुनावी बॉण्ड वापस लाएंगे और साक्षात्कार में यह भी कहा गया है कि चुनावी बॉण्ड योजना पारदर्शिता लाने के लिए लाई गई थी। यह उच्चतम न्यायालय की टिप्पणी के बिल्कुल विपरीत है।”
उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि ये ‘पारदर्शी’ नहीं हैं और इन्हें ‘गैर-पारदर्शी तरीके’ से लाया गया था।
सिब्बल ने कहा, “अब उनके (भाजपा) के सामने समस्या यह है कि उनके पास इस चुनाव के लिए पैसा है लेकिन वे जानते हैं कि जब वे हारेंगे तो उन्हें पैसे की आवश्यकता होगी। हालांकि, निर्मला जी कह रही हैं (वे) जीतेंगे और इसे (चुनावी बॉण्ड योजना) वापस लाएंगे।”
उन्होंने चुनावी बॉण्ड मुद्दे पर आरएसएस प्रमुख मोहन भगत पर निशाना साधा और पूछा कि वह इस मामले पर ‘चुप’ क्यों हैं।
सिब्बल ने चुनावी बॉण्ड का बचाव करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर भी निशाना साधा और कहा कि चुनाव के दौरान इस तरह की बातें करना ‘गलत’ है।
भाषा जोहेब माधव
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