नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को महाराष्ट्र विधानसभा विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव मामले में अर्णब गोस्वामी को गिरफ्तारी से संरक्षण प्रदान कर दिया. न्यायालय ने इसके साथ ही सदन के नोटिस की जानकारी शीर्ष अदालत को देने के प्रति आगाह करते हुये अर्णब को कथित पत्र लिखने के मामले में विधानसभा सचिव को कारण बताओ नोटिस जारी किया.
शीर्ष अदालत ने विधानसभा सचिव को निर्देश दिया कि वह दो सप्ताह के भीतर बतायें कि क्यों नहीं उनके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू की जाये.
प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमणियन की पीठ ने कहा, ‘यह गंभीर मामला है और अवमानना जैसा है. ये बयान अभूतपूर्व हैं और इसकी शैली न्याय प्रशासन का अनादर करने वाली है और वैसे भी यह न्याय प्रशासन में सीधे हस्तक्षेप करने के समान है. इस पत्र के लेखक की मंशा याचिककर्ता को उकसाने वाली लगती है क्योंकि वह इस न्यायालय में आया है और इसके लिये उसे दंडित करने की धमकी देने की है.’
शीर्ष अदालत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में कार्यक्रमों को लेकर महाराष्ट्र विधानसभा द्वारा अर्णब गोस्वामी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन की कार्यवाही शुरू करने के लिये जारी कारण बताओ नोटिस के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी.