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Saturday, 4 May, 2024
होमदेशसचिन तेंदुलकर को शरद पवार की सलाह, किसानों के बारे में बोलने के दौरान सावधानी बरतनी चाहिए

सचिन तेंदुलकर को शरद पवार की सलाह, किसानों के बारे में बोलने के दौरान सावधानी बरतनी चाहिए

रिहाना और ग्रेटा थनबर्ग सहित कुछ विदेशी शख्सियतों के किसान आंदोलन के समर्थन में ट्वीट के बाद तेंदुलकर और गायिका लता मंगेशकर सहित ने सरकार के रुख के समर्थन में ट्वीट किए थे.

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पुणे: राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि मशहूर क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर को किसानों के बारे में बोलने के दौरान काफी सावधानी बरती चाहिए.

अमेरिकी गायिका रिहाना और पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग सहित कुछ विदेशी शख्सियतों के प्रदर्शनकारी किसानों के समर्थन में ट्वीट के बाद तेंदुलकर और प्रख्यात गायिका लता मंगेशकर सहित विभिन्न हस्तियों ने सोशल मीडिया पर ‘इंडिया टुगैदर’ #IndiaTogether और ‘इंडिया अगेन्स्ड प्रोपेगैंडा’ #IndiaAgainstPropoganda हैश टैग से सरकार के रुख के समर्थन में ट्वीट किए थे.

तेंदुलकर और मंगेशकर जैसी हस्तियों की ओर से किसान आंदोलन के संबंध में प्रतिक्रिया दिए जाने के सवाल पर पवार ने कहा कि लोगों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी थी.

उन्होंने कहा, ‘मैं सचिन तेंदुलकर को सुझाव दूंगा कि उन्हें अन्य क्षेत्रों से जुड़े मुद्दों पर बयान देने से पहले सावधानी बरतनी चाहिए.’

पवार ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार किसानों को खालिस्तानी और आतंकवादी कहकर आंदोलन को बदनाम कर रही है.

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पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा, ‘ ये प्रदर्शनकारी किसान हैं जोकि हमारे देश का पेट भरते हैं. इसलएि, इन्हें खालिस्तानी या आतंकवादी कहना उचित नहीं है.’


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अन्य नेताओं ने भी किया विरोध

वहीं देशभर के अन्य नेताओं ने भी इसका विरोध किया है. राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता शिवानंद तिवारी ने भी केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि उसने किसान आंदोलन को लेकर हाल में अंतरराष्ट्रीय हस्तियों द्वारा की गई टिप्पणियों का ‘मुकाबला’ करने के लिए क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर को मैदान में ‘उतारा’ है.

उन्होंने कहा कि यह महान खिलाड़ी को भारत रत्न से सम्मानित करने का अपमान है.

राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने सवाल किया कि क्या केंद्र चाहता है कि तेंदुलकर जैसे लोगों के बयान की वजह से दुनिया किसानों के आंदोलन को अनदेखा कर दे.

उल्लेखनीय है कि तेंदुलकर, रवि शास्त्री, विराट कोहली ने बुधवार को बॉलीवुड सुपरस्टार अक्षय कुमार और अजय देवगन के साथ केंद्र के आह्वान ‘ भारत सरकार और उसकी नीतियों के खिलाफ दुष्प्रचार का विरोध’ अभियान का समर्थन किया था. केंद्र ने यह अभियान रिहाना, ग्रेटा थमबर्ग जैसी हस्तियों द्वारा किसान आंदोलन को समर्थन देने के बाद शुरू किया था.

तेंदुलकर ने ट्वीट किया था ,‘ भारत की सम्प्रभुता से समझौता नहीं किया जा सकता . विदेशी ताकतें दर्शक हो सकती हैं लेकिन प्रतिभागी नहीं . भारत को भारतीय जानते हैं और वे ही भारत के लिये फैसला लेंगे . एक देश के रूप में एकजुट होने की जरूरत है .’

राजद नेता ने कहा, ‘किसान ट्विटर के बारे में नहीं जानते हैं. ट्विटर की यह राजनीति हाल में शुरू हुई है और सभी करते हैं. किसानों को ग्रेटा थनर्बग एवं रिहाना से क्या लेना देना? और आपने सचिन तेंदुलकर को उनके खिलाफ उतार दिया.’

तिवारी की इस टिप्पणी की भाजपा एवं उसकी सहयोगी जदयू ने कड़ी आलोचना की है एवं उनसे माफी की मांग की है. हालांकि, राजद ने शिवानंद तिवारी की टिप्पणी से किनारा करते हुए कहा कि यह उनकी ‘निजी राय’ है.

राजद नेता के बयान की निंदा करते हुए भाजपा एवं जदयू ने इसे ‘बेतुका एवं अवांछित’ करार दिया है.

बिहार में भाजपा के प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा, ‘ आज कल शिवानंद तिवारी हताश विपक्षी नेताओं का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं और सुर्खियों में बने रहने को बेकरार हैं. उनका सचिन तेंदुलकर के संबंध में दिया गया बयान बेतुका एवं अवांछित हैं. शिवानंद जी को देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए.’

उन्होंने कहा, ‘ राजद को शिकायत रखने एवं किसी के लिए भारत रत्न की मांग करने की आजादी है, लेकिन शिवानंद जी को किसी के खिलाफ, जो भारत रत्न से सम्मानित है, अपशब्द कहने का अधिकार नहीं है. हम उनके बयान की निंदा करते हैं और तेजस्वी यादव से मांग करते हैं कि उन्हें सामने आकर अपने पार्टी नेता के बारे में सफाई देनी चाहिए.’

जदयू के प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने भी इसी तरह की राय व्यक्त करते हुए कहा, ‘ग्रेटा थमबर्ग और रिहाना जैसी विदेशी हस्तियों के प्रति सम्मान व्यक्त करना और महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर जिसे लाखों लोग प्यार करते हैं, का अपमान करना…. राजद नेता से यही उम्मीद की जा सकती है.’

प्रसाद ने कहा कि अगर तिवारी माफी नहीं मांगते हैं तो राजद नेता तेजस्वी यादव को उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए.

बिहार में राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा, ‘यह उनकी (शिवानंद तिवारी) निजी राय है जो उन्होंने प्रदर्शनकारी किसानों की स्थिति एवं पीड़ा के मद्देनजर व्यक्त की.’


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