scorecardresearch
Monday, 17 June, 2024
होमदेशआंध्र का दूसरा सीरो सर्वेक्षण आज से शुरू हो रहा है, 9 जिलों से 45,000 सैंपल एकत्र किए जाएंगे

आंध्र का दूसरा सीरो सर्वेक्षण आज से शुरू हो रहा है, 9 जिलों से 45,000 सैंपल एकत्र किए जाएंगे

सर्वे सात दिनों के पीरियड में किया जाएगा और इसमें नौ जिलों को कवर किया जाएगा. इसमें बुजुर्ग, हेल्थ सेक्टर से जुड़े लोगों के साथ सफाई कर्मचारी और कंटेनमेंट जोन के लोगों को भी शामिल किया जाएगा.

Text Size:

नई दिल्ली: बुधवार से आंध्र प्रदेश के नौ जिलों में सीरोलॉजिकल सर्वे का दूसरा फेज शुरू हो गया है.

ये सर्वे सात दिनों के लिए किया जाएगा और कोविड -19 के संक्रमण स्तर का विश्लेषण करने के लिए 45,000 सैंपल एकत्रित करने की उम्मीद है.

पहला सर्वे 7 अगस्त से 12 अगस्त तक किया गया था, इस सर्वे में राज्य के चार प्रमुख जिले अनंतपुर, कृष्णा, पूर्वी गोदावरी और नेल्लोर से सैंपल एकत्रित किए गए.

सीरोप्रेवलांस में कृष्णा जिले में 21.7 फीसदी के साथ सबसे अधिक संक्रमण के प्रसार का पता चला, इसके बाद अनंतपुर (16.7 प्रतिशत), पूर्वी गोदावरी (14.4 प्रतिशत) और नेल्लोर (8.2 प्रतिशत) का स्थान रहा.

कोविड-19 के राज्य कोऑर्डिनेटर, जेनरल फिजिसियन और मेडिसिन के प्रोफेसर डॉ के रामबाबू ने दिप्रिंट को बताया कि जैसे ही दूसरे चरण का सर्वे पूरा हो जाएगा, राज्य में किए गए दोनों सीरो सर्वे का एक संकलित परिणाम ये देखते हुए साझा किया जाएगा कि लोगों में कोविड एंटीबॉडी डेवल्प हुई है.

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें


य़ह भी पढ़ें: भारत में कोरोना संक्रमण का आंकड़ा 32.34 लाख पर पहुंचा, करीब 60 हज़ार लोगों की हो चुकी है मौत


सीरोलॉजिकल सर्वे एक ऐसी प्रक्रिया है जिसका मकसद बीमारी के लिए आबादी के वास्तविक जोखिम का पता लगाना है. वे इसमें एंटीबॉडी के लिए ब्लड सैंपल का परीक्षण करते हैं और इससे ये पता लगाया जाता है कि बिना किसी मेडिकल असिस्टेंस के बीमारी से अपने दम पर उबर चुके हैं.

कोविड -19 के मामले में, इसमें ऐसे एसिम्पटमैटिक लोग भी शामिल होंगे जो बीमारी के संपर्क में तो आए लेकिन उनकी जानकारी के बिना बीमारी से उबर चुके हैं या थे.

‘इस बार सैंपल का आकार बड़ा’

दोनों सर्वे के बारे में डॉ राम बाबू कहते हैं इनदोनों में मुख्य अंतर लिया जा रहा सैंपल साइज है.

उन्होंने कहा, ‘हमने 7 अगस्त से 12 अगस्त के बीच चार जिलों में हर में ले 3,750 ब्लड सैंपल लिए थे, लेकिन इस बार, हम 26 अगस्त से शुरू होने वाले नौ जिलों में 5,000 सैंपल को इकट्ठा करेंगे.’

प्रक्रिया के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा, प्रत्येक जिले में उन 1,000 लोगों के सैंपल लिए जाएंगे जो हाई रिस्क पर थे या रहे हैं. जबकि शेष 4,000 सामान्य आबादी से होंगे.

वरिष्ठ नागरिकों, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, पुलिस कर्मियों, सफाई कर्मचारियों और माइग्रेंट्स को अन्य लोगों के बीच हाई रिस्क जोन वाले माने जाते हैं.

लगभग 60 प्रतिशत नमूने कनटेंनमेंट ज़ोन से एकत्रित किए जाएंगे. ब्लड सीरम के नमूनों को आईजीजी एंटीबॉडी के लिए चेमिलुमाइनेसेज़ एंजाइम इम्यूनोसैस या सीएलआईए विधि का उपयोग करके परीक्षण किया जाएगा. आईजीजी एक प्रकार का एंटीबॉडी है जो संक्रमण के बाद ब्लड में उत्पन्न होता है.

इस सर्वेक्षण के बाद एपीडेमोलॉजिस्ट (महामारी विज्ञानी) सरकार को विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखते हुए जिलावार सलाह देंगे.

सर्वेक्षण में भाग लेना स्वैच्छिक है, और केवल वे लोग जो कोविड -19 के लिए एक बार भी परीक्षण नहीं करवा पाए हैं, उन्हें अपने रक्त के नमूने देने की अनुमति दी जाएगी.


य़ह भी पढ़ें: लव अग्रवाल काम पर लौटे, लेकिन स्वास्थ्य मंत्रालय में कोविड फैलने के कारण नए ऑर्डर जारी किए गए


मंगलवार तक आंध्र प्रदेश में कोविड-19 पोजिटिव के 3,68,744 के मामले दर्ज किए गए हैं.

share & View comments