(उज्मी अतहर)
नयी दिल्ली, 10 मई (भाषा) दिसंबर 2021 में हेल्पलाइन शुरू होने के बाद से अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के खिलाफ अत्याचारों के संबंध में राष्ट्रीय हेल्पलाइन अगेंस्ट एट्रोसिटीज (एनएचएए) को 6.5 लाख से अधिक फोनकॉल प्राप्त हुई हैं, जिनमें से लगभग आधी कॉल उत्तर प्रदेश से आई हैं। आधिकारिक आंकड़ों से यह जानकारी सामने आई है।
इन फोनकॉल में से 7,135 शिकायतें आधिकारिक तौर पर दर्ज की गईं और 4,314 का समाधान किया गया।
एससी और एसटी के सदस्यों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से शुरू की गई यह हेल्पलाइन अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 के उचित कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए हिंदी, अंग्रेजी और क्षेत्रीय भाषाओं में चौबीसों घंटे चालू है।
इन शिकायतों में मारपीट, सामाजिक बहिष्कार, जाति-आधारित दुर्व्यवहार, भूमि हड़पने और सार्वजनिक स्थानों तक पहुंच से वंचित करने की घटनाओं से लेकर अत्याचार के मामलों में पुलिस की निष्क्रियता के आरोप शामिल हैं।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “हेल्पलाइन पर प्राप्त होने वाली अधिकांश कॉल पूछताछ, कानूनी मार्गदर्शन के अनुरोध या ऐसी रिपोर्ट से संबंधित होती हैं जिनमें औपचारिक रूप से शिकायत के रूप में पंजीकृत करने के लिए पर्याप्त विवरण का अभाव होता है। केवल वे कॉल जो अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत अत्याचार की विशिष्ट घटनाओं से संबंधित हों और कानूनी कार्रवाई के मानदंडों को पूरा करती हों, उन्हें आधिकारिक शिकायत में परिवर्तित किया जाता है।”
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के अनुसार, अकेले उत्तर प्रदेश में 3,33,516 कॉल आईं, जिनमें से 1,825 औपचारिक रूप से शिकायत के तौर पर पंजीकृत की गईं और 1,515 का समाधान किया गया।
बिहार में 58,112 कॉल आईं, जिनमें 718 शिकायतें दर्ज की गईं और 707 का समाधान किया गया। राजस्थान में 38,570 कॉल और 750 शिकायतें दर्ज की गईं, जिनमें से 506 का निवारण किया गया।
महाराष्ट्र में 268 शिकायतें दर्ज की गईं, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ, जबकि गोवा में केवल एक शिकायत दर्ज की गई, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ।
मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, दिल्ली, हरियाणा और कर्नाटक में भी ‘कॉल’ की संख्या काफी अधिक रही तथा शिकायत पंजीकरण और निवारण का स्तर भी अलग-अलग रहा। उदाहरण के लिए, मध्य प्रदेश में 1,630 शिकायतें दर्ज की गईं, लेकिन केवल 282 का ही समाधान किया गया।
इसके विपरीत, हरियाणा ने उच्च समाधान दर प्रदर्शित की तथा उसे प्राप्त 392 शिकायतों में से 379 का समाधान किया गया।
केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार द्वारा 2021 में शुरू की गई यह हेल्पलाइन जाति आधारित अत्याचारों को रोकने और समय पर न्याय सुनिश्चित करने के सरकार के प्रयास का हिस्सा है।
एनएचएए एक वेब-आधारित पोर्टल और मोबाइल ऐप के रूप में भी काम करती है। यह शिकायत ट्रैकिंग, फीडबैक और राज्य-स्तरीय प्रदर्शन के लिए डैशबोर्ड जैसी सुविधाएं प्रदान करता है। प्रत्येक शिकायत को एक डॉकेट नंबर दिया जाता है, तथा अधिकारियों को कानूनी समय-सीमा के अनुसार प्राथमिकी दर्ज करने, राहत प्रदान करने तथा समय पर अभियोजन चलाने का दायित्व सौंपा जाता है।
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