scorecardresearch
Thursday, 9 May, 2024
होमदेशकिसानों के प्रदर्शन पर केंद्र को SC का नोटिस, कहा- आपकी बातचीत से कोई हल नहीं निकल रहा, ये राष्ट्रीय मुद्दा बन सकता है

किसानों के प्रदर्शन पर केंद्र को SC का नोटिस, कहा- आपकी बातचीत से कोई हल नहीं निकल रहा, ये राष्ट्रीय मुद्दा बन सकता है

शीर्ष अदालत ने संकेत दिया कि वह विवाद सुलझाने के लिए देशभर के किसान संगठनों और सरकार के प्रतिनिधियों की एक समिति गठित कर सकती है. मामले पर अगली सुनवाई गुरुवार को होगी.

Text Size:

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों को हटाने संबंधी याचिकाओं पर केंद्र एवं राज्यों को नोटिस जारी किया है. शीर्ष अदालत ने संकेत दिया कि वह विवाद सुलझाने के लिए देशभर के किसान संगठनों और सरकार के प्रतिनिधियों की एक समिति गठित कर सकती है.

न्यायालय ने याचिकाकर्ताओं को, प्रदर्शनकारी किसान यूनियनों को पक्ष बनाने का आदेश दिया और मामले की आगे की सुनवाई बृहस्पतिवार तक के लिए स्थगित कर दी.

केंद्र सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि सरकार किसानों के हितों के खिलाफ कुछ नहीं करेगी. इस पर अदालत ने केंद्र से कहा कि प्रदर्शनकारी किसानों के साथ आपकी बातचीत से अभी तक स्पष्ट रूप से कोई लाभ नहीं हुआ है और ऐसा लग रहा है कि ये जल्द ही राष्ट्रीय मुद्दा बन जाएगा.

दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर बीते 21 दिनों से किसान प्रदर्शन कर रहे हैं. केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की उनकी मांगे हैं. इस बाबत सरकार और किसान संगठनों के बीच कई दौर की वार्ता भी हो चुकी है लेकिन कुछ भी नतीजा अभी तक नहीं निकला है.

सरकार की तरफ से बार-बार कहा जा रहा है कि ये तीनों ही कानून किसानों के हितों में है. इस बात को मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने गुजरात दौरे के दौरान दोहराया और कहा कि कुछ लोग किसानों को भ्रमित कर रहे हैं. वहीं किसान संगठनों ने सरकार के कृषि कानून में संशोधनों के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है.

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें

गौरतलब है कि केंद्र सरकार सितंबर में पारित किए तीन नए कृषि कानूनों को कृषि क्षेत्र में बड़े सुधार के तौर पर पेश कर रही है, वहीं प्रदर्शन कर रहे किसानों ने आशंका जताई है कि नए कानूनों से एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) और मंडी व्यवस्था खत्म हो जाएगी और वे बड़े कॉरपोरेट पर निर्भर हो जाएंगे.

(भाषा के इनपुट के साथ)


यह भी पढ़ें: मेडिकल विशेषज्ञों ने कहा- MBBS कोर्स की अवधि कम करने से गुणवत्ता होगी खराब


 

share & View comments