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Sunday, 5 May, 2024
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LG ने भ्रष्टाचार के आरोपों से ध्यान हटाने के लिए CBI जांच को दी मंजूरी- AAP

सीबीआई ने मामले में प्रारंभिक जांच का मामला दर्ज किया था. एजेंसी करीब डेढ़ साल से इसकी जांच कर रही है, लेकिन अभी तक किसी सफलता का दावा नहीं किया है.

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नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (आप) ने रविवार को कहा कि दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने शहर में लो-फ्लोर बसों की खरीद के लिए बोली पूर्व प्रक्रिया की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) जांच की मंजूरी अपने खिलाफ लगे भ्रष्टाचार के आरोपों से जनता का ध्यान हटाने के लिए दी है.

आप ने हालांकि कहा कि वह इस मामले में सीबीआई या किसी अन्य एजेंसी द्वारा किसी भी जांच के खिलाफ नहीं है.

आप ने कहा, ‘हालांकि, यह ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ है कि भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे सक्सेना ने दिल्ली सरकार द्वारा बसों की खरीद और रखरखाव के लिए निविदा प्रक्रिया की एक महीने में ‘दूसरी बार’ जांच की मंजूरी दी है, जबकि सीबीआई पहले ही मामले में ‘प्रारंभिक जांच’ कर रही है और उसने अभी तक किसी सफलता का दावा नहीं किया है.

आप की प्रतिक्रिया ऐसे समय आई है जब उपराज्यपाल सक्सेना ने एक दिन पहले मुख्य सचिव के उस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी, जिसमें उन्होंने सीबीआई को शिकायत भेजने का प्रस्ताव दिया था ताकि उसे जांच एजेंसी द्वारा चल रही जांच के साथ जोड़ा जा सके.

आप के आरोप पर उपराज्यपाल कार्यालय की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई.

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आप के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘इस मामले में न तो एक बस खरीदी गई और न ही किसी को एक रुपया भी दिया गया. फिर भ्रष्टाचार कहां हुआ?’

उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल सरकार ने उसके खिलाफ कुछ जांच शुरू होने के बाद निविदा प्रक्रिया रोक दी थी. भारद्वाज ने कहा, ‘जांच समाप्त होने तक निविदा प्रक्रिया को आगे नहीं बढ़ाने का निर्णय लिया गया. यह पिछले दो साल से रुकी हुई है और हम एक भी बस नहीं खरीद सके.’

सीबीआई ने मामले में प्रारंभिक जांच का मामला दर्ज किया था. एजेंसी करीब डेढ़ साल से इसकी जांच कर रही है, लेकिन अभी तक किसी सफलता का दावा नहीं किया है.

आप प्रवक्ता ने आरोप लगाया, ‘हर सुबह उठते ही अपनी ही दिल्ली सरकार के खिलाफ फर्जी और निराधार भ्रष्टाचार के आरोप लगाने वाले उपराज्यपाल (सक्सेना) ने अपने खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप से जनता का ध्यान हटाने के लिए कल इस मामले में एक महीने में दूसरी बार सीबीआई जांच की सिफारिश की.’

उन्होंने कहा, ‘केवल तीन हफ्ते पहले, उन्होंने मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी.’ उन्होंने कहा, यह ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ है.

भारद्वाज ने कहा कि आप नेताओं ने सबूत के साथ सक्सेना के खिलाफ भ्रष्टाचार के तीन बड़े और गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा, ‘लेकिन सामने आकर यह कहने के बजाय कि वह जांच का सामना करने के लिए तैयार हैं, सक्सेना केजरीवाल सरकार पर बेबुनियाद आरोप लगाकर हर दिन एक नया नाटक कर रहे हैं.’

आप सांसद संजय सिंह ने एक वीडियो संदेश में इस मुद्दे पर सक्सेना पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि उपराज्यपाल केजरीवाल सरकार के खिलाफ एक के बाद एक ‘निराधार आरोप’ लगा रहे हैं क्योंकि वह सरकारी कार्यों ठेकों में ‘ठेकेदारों से ‘कमीशन’ चाहते हैं.’

उन्होंने कहा, ‘आप (सक्सेना) काम के आवंटन में ‘कमीशन’ के लिए सीधे ठेकेदारों से सौदे करते हैं. केवीआईसी में आपने जो लूट और भ्रष्टाचार का यह धंधा चलाया, वह दिल्ली सरकार में संभव नहीं है.’

उन्होंने मांग की कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार सक्सेना के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच का आदेश दे और ‘उन्हें सलाखों के पीछे डाले.’

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.


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