लखनऊ, 25 अगस्त (भाषा) समाजवादी पार्टी (सपा) ने उत्तर प्रदेश में 2022 के विधानसभा चुनावों में मतदाता सूची में कथित गड़बड़ियों को लेकर सोमवार को निर्वाचन आयोग की तुलना महाभारत के एक पात्र धृतराष्ट्र से की और आयोग पर चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का समर्थन करने का आरोप लगाया।
उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने आरोपों का जवाब देते हुए विपक्षी दल से उन सभी 18,000 मतदाताओं के हलफनामों की मूल प्रतियां उपलब्ध कराने को कहा, जिनके बारे में आयोग से शिकायत की गई थी।
उन्होंने कहा कि अब तक ईमेल के माध्यम से केवल 3,919 हलफनामों की स्कैन की गई प्रतियां ही प्राप्त हुई हैं।
सपा के मीडिया प्रकोष्ठ ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा,“2022 का पूरा विधानसभा चुनाव, सभी उपचुनाव भाजपा सत्ता की मिलीभगत, इशारे पर लूटे गए और धृतराष्ट्र की भांति निर्वाचन आयोग ‘भाजपाई’ बेइमानी के मूक समर्थन में बेइमानियों में संलिप्त रहा।’’
सपा ने कहा, “क्या कार्यवाही हुई उन 18 हजार से अधिक ‘एफिडेविट’ और जनता द्वारा बयां की गई शिकायतों पर? उल्टा शिकायतकर्ताओं को धमकाने की सूचनाएं भी मिलीं जो कि बेहद शर्मनाक हैं। जनता का भरोसा निर्वाचन आयोग से पूरी तरह से उठ चुका है।”
एक अन्य पोस्ट के मुताबिक, “जब विपक्ष ने कोई बात कही तो आप लोग संज्ञान तक नहीं लेते और यहां तक कि विपक्ष के द्वारा की गई जायज शंकाओं और सत्तापक्ष के द्वारा मिलकर चुनाव अधिकारियों द्वारा की जा रही बेइमानियों तक पर कार्यवाही तो छोड़िए संज्ञान तक नहीं लेते और अब जब सत्तापक्ष के विधायक, मंत्री आयोग पर सवाल उठा रहे हैं तो संज्ञान और कार्यवाही की बात कह रहा है निर्वाचन आयोग।”
सपा ने कहा, “भाजपा के साथ चुनावी बेईमानियों में संलिप्त जिलाधिकारी और उपजिलाधिकारी कब निलंबित किए जाएंगे और कब राष्ट्रद्रोह की धाराओं के अंतर्गत उन पर कार्यवाही होगी क्योंकि चुनावी बेईमानी सीधे सीधे संविधान का उल्लंघन और राष्ट्रद्रोह की श्रेणी में आता है।”
उप्र के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने आरोपों का जवाब देते हुए ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “18 हज़ार शपथ पत्रों के साथ की गई शिकायत का जो उल्लेख बार बार किया जा रहा है उसके संबंध में यह स्पष्ट किया जाता है कि एक भी मतदाता का शपथ पत्र मूलरूप में प्राप्त नहीं हुआ है।”
उन्होंने कहा, “ईमेल के माध्यम से समाजवादी पार्टी द्वारा जो शिकायत की गई है उसमें लगभग 3919 अलग अलग नाम के व्यक्तियों के शपथ पत्रों की स्कैन कापी अवश्य प्राप्त हुई हैं। शिकायत 33 ज़िलों के 74 विधानसभा क्षेत्रों से संबंधित है। पांच विधानसभा क्षेत्रों से संबंधित शिकायत की जांच पूर्ण हो चुकी है और एक्स के माध्यम से आम जनता के समक्ष जांच के निष्कर्ष को प्रस्तुत भी किया जा चुका है।”
अधिकारी ने कहा, “अब तक जिन पांच विधानसभा क्षेत्रों की जांच सम्पन्न हुई है उनमें यह पाया गया है के ऐसे कतिपय व्यक्तियों के नाम से माह नवम्बर 2022 में शपथ पत्र बने हैं जिनकी मृत्यु वर्ष 2022 से कई साल पूर्व हो चुकी थी। कतिपय व्यक्तियों ने अपने नाम से बने शपथ पत्र की स्कैन कापी को दिखाने पर ऐसा कोई भी शपथ पत्र देने से स्पष्ट इंकार कर दिया है। उल्लेखनीय है कि कानूनन गलत साक्ष्य दिया जाना एक अपराध माना जाता है।”
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बृहस्पतिवार (21 अगस्त) को भाजपा और निर्वाचन अधिकारियों पर अभिलेखों में हेराफेरी करने का आरोप लगाते हुए कहा था कि उनकी पार्टी द्वारा जमा किए गए 18,000 हलफनामों में से केवल 14 को ही ‘अधूरे और निराधार’ स्पष्टीकरण मिले हैं।
यादव 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में कथित मतदाता सूची विसंगतियों को लेकर आयोग पर निशाना साध रहे हैं और दावा कर रहे हैं कि निर्वाचन आयोग और जिलाधिकारी अब इस मुद्दे पर टकराव की स्थिति में हैं।
भाषा जफर जितेंद्र
जितेंद्र
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.