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Monday, 6 May, 2024
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कांग्रेस को स्थानीय नेतृत्व को आगे बढ़ने की अनुमति देनी चाहिए : सचिन पायलट

मुंबई में 'ऑफ दि कफ' में राजस्थान के डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने कहा कि उनकी कार्यशैली सीएम अशोक गहलोत से अलग है, लेकिन वे 'एक ही उद्देश्य' के साथ काम करते हैं.

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मुंबई : राजस्थान के उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने मुंबई में दिप्रिंट के ‘ऑफ दि कफ’ कार्यक्रम में मंगलवार को कहा कि कांग्रेस को स्थानीय नेतृत्व विकसित करने की अनुमति देनी चाहिए. मंगलवार को उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट मुंबई में दिप्रिंट के चेयरमैन और प्रधान संपादक शेखर गुप्ता से बात कर रहे थे.

राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष पायलट ने कहा, ‘मैंने राजस्थान में जो किया, उससे मुझे यकीन हो गया कि मेरे जिले के नेता पूरी तरह से पावर में हैं. उनके पास कुछ भी करने की ताकत हैं. यदि वे एक जिले में सरकार की नीति का विरोध करना चाहते थे, तो वे यह निर्णय ले सकते थे. यदि आप अपने स्थानीय नेताओं को स्वायत्तता देते हैं, तो वे अच्छा प्रदर्शन करते हैं.’

उन्होंने कहा, ‘यदि आप उनसे सीधे तरह से जुड़े होते हैं तो जयपुर या दिल्ली से अधिक नियंत्रण कर सकते हैं, तो मुझे लगता है कि पहल की कमी है. अलग-अलग राज्यों में हमें नेतृत्व को विकसित करने की अनुमति देनी चाहिए और उन्हें अच्छा प्रदर्शन करने का मंच देना चाहिए.’

इस साल तीन राज्यों के चुनाव होने जा रहे हैं. 21 अक्टूबर को महाराष्ट्र और हरियाणा और फिर झारखंड में चुनाव होने हैं. सचिन पायलट ने कहा कि उनकी पार्टी के लिए यह महत्वपूर्ण है कि प्रमुख राज्यों में चुनाव जीते जिससे लोकसभा में ज्यादा सीटें जीत सकें.


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उन्होंने कहा, ‘पंजाब में हमारे पास कैप्टन अमरिंदर सिंह हैं. जिन्होंने राज्य में बहुत कुछ किया है.

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मोदी एक मेहनती प्रधानमंत्री हैं, लेकिन और समावेशी होने की जरूरत है

पायलट ने ‘मेहनती व्यक्ति’ होने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की. लेकिन कहा कि उन्हें प्रधानमंत्री के रूप में अधिक समावेशी होने की आवश्यकता है.

पायलट ने कहा, ‘आप वह सब कुछ पसंद नहीं करते जो वह करते हों, ऐसा नहीं है उनकी नीतियों का विरोध नहीं होना चाहिए, जैसे जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को कैसे समाप्त किया गया और विमुद्रीकरण को कैसे लागू किया गया है. लेकिन, आपको स्वीकार करना होगा कि वह एक मेहनती आदमी है. हमें यह स्वीकार करना होगा और फिर विकल्प भी देखने होंगे.’

भारत के प्रधानमंत्री के रूप में एक चीज जो वह कर सकते थे, वह अधिक समावेशी माहौल बना सकते थे. उदाहरण के लिए मुझे नहीं पता कि महत्वपूर्ण मुद्दों पर उनकी कितनी सर्वदलीय बैठकें हुई हैं. मेरे विरोधियों के लिए मेरे मन में बहुत सम्मान है. लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि मैं उनके साथ खड़ा हूं.

मिसाल के तौर पर जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने पर पायलट ने कहा, मोदी सरकार ने नैतिक मूल्यों के आधार पर कदम उठाया, क्योंकि भाजपा ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में यह वादा किया था और लोगों ने उसके आधार पर सरकार को वोट दिया था. लेकिन इसका क्रियान्वयन बेहतर हो सकता था.

सीएम अशोक गहलोत के साथ मतभेद

सचिन पायलट, जिन्हें राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ विवादों के लिए जाना जाता है, ने स्वीकार किया कि उनके बीच मतभेद हैं, लेकिन उसकी वजह से उनके काम में बाधा नहीं आती है.

अगर हर राजनीतिक दल, हर नेता एक तरह से काम करेगा, तो कोई बहुलता नहीं होगी. हमारे पास कामकाज के विभिन्न तरीके हैं, जो ठीक है. वह सीएम हैं और मैं कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष हूं और हम साथ काम करते हैं. हमारे उद्देश्य एक समान हैं, हमें राजस्थान के लोगों तक पहुंचाना है.


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एक लोकप्रिय धारणा है कि कांग्रेस पार्टी में पर्याप्त लोकतंत्र नहीं है, गांधी परिवार द्वारा ऊपर से नियंत्रित किया जाता है. पायलट ने कहा कि उन्हें हमेशा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी या राहुल गांधी से खुलकर बोलने की आजादी है, भले ही मैं उनकी राय से सहमत नहीं हूं.

पायलट ने यह भी कहा कि भारत की राजनीति अधिक आक्रामक हो रही है. पायलट ने यह भी कहा कि मतभेद हो सकता है, लेकिन टकराव की राजनीति किसी के लिए भी अच्छी नहीं है. हमें एक दूसरे के बारे में बात करने के बजाय एक दूसरे से बात करनी चाहिए.

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