नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को जर्मनी के अपने समकक्ष हीको मास से अफगानिस्तान के ताजा घटनाक्रम पर तथा काबुल से लोगों की आपात निकासी से जुड़ी चुनौतियों पर चर्चा की.
जयशंकर ने ट्वीट किया, ‘जर्मनी के विदेश मंत्री हीको मास का फोन आना महत्वपूर्ण है. अफगानिस्तान से लोगों को निकालने संबंधी चुनौतियों पर और वहां बदलावों के नीतिगत प्रभावों पर चर्चा की.’
काबुल में रविवार शाम को तालिबान का कब्जा होने के बाद अफगानिस्तान में तेजी से बदलते हालात पर भारत ने अमेरिका, ब्रिटेन और कई अन्य देशों के साथ संपर्क साध रखा है.
तालिबान के कब्जे के बाद काबुल हवाईअड्डे के आसपास मची अफरा-तफरी की स्थिति के मद्देनजर वहां से लोगों को निकालने में भारत समेत अनेक देशों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है.
भारत ने शनिवार को भारतीय वायु सेना के एक परिवहन सैन्य विमान से काबुल से करीब 80 भारतीयों को निकाला था. काबुल से भारतीयों को निकालने के बाद विमान तजाकिस्तान के दुशांबे पहुंचा.
भारत ने मंगलवार को भारतीय राजदूत तथा काबुल में अपने दूतावास के अन्य कर्मियों समेत 200 लोगों को वायु सेना के दो सी-17 विमानों से निकाला था.
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