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Thursday, 14 November, 2024
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आरएसएस की व्यापक विमर्श की योजना से भारत की संवैधानिक नींव कमजोर होगी: येचुरी

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नयी दिल्ली, 14 मार्च (भाषा) माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने दावा किया है कि भारत के ”व्यापक विमर्श” को पेश करने की राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की योजना से भारतीय गणराज्य की संवैधानिक नींव कमजोर होगी।

दरअसल, आरएसएस ने देश के भीतर और विदेश में गलतफहमी फैलाने के कथित प्रयासों का मुकाबला करने के लिए भारत का तथ्य-आधारित ”व्यापक विमर्श” पेश करने के मकसद से शोधकर्ताओं, लेखकों और मत निर्माताओं के साथ सहयोग करने का फैसला किया है। संघ के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी थी।

येचुरी ने एक समाचार को टैग करते हुए ट्वीट किया, ”यह भारतीय गणराज्य की संवैधानिक नींव को कमजोर करने की एक परियोजना है। अनुच्छेद 51ए(एफ) प्रत्येक नागरिक को ‘हमारी मिश्रित संस्कृति की समृद्ध विरासत को महत्व देने और संरक्षित करने’ का अधिकार देता है। साथ ही यह हमारे संविधान की रक्षा के दोहरे संकल्प को भी रेखांकित करता है। ”

उन्होंने ट्वीट किया, ” भारतीय इतिहास को दोबारा लिखने के लिये व्यापक विमर्श। भारत की समृद्ध समकालिक दार्शनिक परंपराओं का अध्ययन केवल हिंदू धर्मशास्त्र के अध्ययन तक सिमटकर रह जाएगा। भारत का इतिहास और सांस्कृतिक संगमों के जरिये इसका अवलोकन केवल हिंदू पौराणिक कथाओं के अध्ययन तक ही रह जाएगा।”

भाषा जोहेब दिलीप

दिलीप

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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