scorecardresearch
Monday, 23 December, 2024
होमदेशVHP ने कहा- बाबरी मस्जिद मामले में सत्य और न्याय की जीत, कई सालों से हिंदू व्यथित रहा

VHP ने कहा- बाबरी मस्जिद मामले में सत्य और न्याय की जीत, कई सालों से हिंदू व्यथित रहा

RSS ने फैसले का स्वागत करते हुए कहा- अब समाज के हर वर्ग की प्रगति के लिए कार्य करते हुए देश को आगे ले जाने में जुट जाना चाहिए.

Text Size:

नई दिल्ली: बाबरी मामले में लखनऊ की ​सीबीआई की विशेष अदालत द्वारा सुनाए गए निर्णय का संघ परिवार और विश्व हिंदू परिषद ने स्वागत किया है. वीएचपी ने इसे सत्य और न्याय की जीत बताते हुए हिंदुओं की व्यथा का अंत बताया है. दोनों ने अब समाज के सभी वर्गों और देश के लिए कार्य करने में जुट जाने को कहा है.

आरएसएस के सरकार्यवाह सुरेश (भय्याजी) जोशी ने बयान जारी कर कहा कि सीबीआई की विशेष अदालत द्वारा विवादास्पद ढांचे के विध्वंस मामले में आरोपित सभी दोषियों को ससम्मान बरी करने के निर्णय का राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ स्वागत करता है. इस निर्णय के उपरांत समाज के सभी वर्गों ने परस्पर विश्वास और सौहार्द से एक साथ आकर देश के सामने आने वाली चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना करते हुए इसे प्रगति की दिशा में ले जाने के कार्य में जुट जाना चाहिए.

विश्व हिंदू परिषद के कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा, अयोध्या के विवादित ढांचे से संबंधित आपराधिक मुकदमे का निर्णय आ गया है. सत्य और न्याय की विजय हुई है. हालांकि न्यायालयों को यह निर्णय देने में 28 वर्ष लग गये. हम आशा करते हैं कि इस निर्णय से उन विषयों का पटाक्षेप हो जायेगा जो गत 472 वर्षों से हिन्दू मानस को व्यथित करते रहें हैं.


यह भी पढ़े: बाबरी विध्वंस पर आए फैसले पर आडवाणी ने लगाया ‘जय श्री राम’ का नारा, जोशी बोले- ‘सबको सन्मति दे भगवान’


उन्होंने कहा, राम भक्तों ने इन झूठे मुकदमों का 28 वर्ष तक धैर्य और साहस से सामना किया. इसमें 49 एफआईआर थीं, अभियोजन पक्ष ने 351 गवाह पेश किये और लगभग 600 दस्तावेज न्यायालय में दिए गये. मुकदमे को सुन रहे नयायाधीश का कार्यकाल, उनके सेवानिवृत्त होने के बाद भी कई बार बढ़ाना पड़ा. तब जाकर यह फैसला आ पाया है.

कुमार ने कहा कि प्रारंभ में सरकार ने 49 लोगों को अभियुक्त बनाया था. हम कृतज्ञता से उन 17 लोगों का पुण्य स्मरण करते हैं जो इस मुकदमे को चलते वैकुण्ठ सिधार गए. इनमें अशोक सिंघल, पूज्य महंत अवैद्यनाथ, पूज्य परमहंस रामचन्द्र दास, श्रीमंत राजमाता विजया राजे सिंधिया, आचार्य गिरिराज किशोर, बाल ठाकरे, विष्णुहरी डालमिया और वैकुंठ लाल शर्मा (प्रेम जी) जैसे महानुभाव हैं.

आलोक कुमार ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, सर्वोच्च न्यायलय के 9 नवम्बर 2019 के आदेश में यह सदा के लिए घोषित कर दिया है कि अयोध्या की संबंधित भूमि श्री रामलला विराजमान की ही है. आज के निर्णय ने षड़यंत्र के आरोपों को ध्वस्त कर दिया है. अब समय है कि हम राजनीति से ऊपर उठें, और बार-बार पीछे देखने की बजाय एक संगठित और प्रगति की ओर ले जाने वाले भारत के निर्माण के लिए आगे बढ़ें.

उन्होंने कहा कि भारतीय समाज को अब अपना ध्यान आगे आने वाले कार्यों की ओर लगाना है. विश्व हिन्दू परिषद पुनः अपने आप को श्री रामजन्मभूमि पर भव्य मंदिर का निर्माण, सामाजिक ऊंच-नीच को दूर करके समरस समाज की स्थापना, अनुसूचित जाति-जनजाति और आर्थिक रूप से पिछड़े अन्य वर्गों की सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक उन्नति के लिए समर्पित करती है. साथ ही हमें ऐसा सशक्त भारत बनाना है जो अपने अन्दर के और सीमाओं पर चुनौतियों का सफलता से सामना कर सके. विश्व हिन्दू परिषद मंदिर और उसकी सम्पत्तियों की रक्षा और मंदिरों की आय धर्म एवं समाज हित के कार्यों के लिए ही व्यय होने के लिए भी अपना संघर्ष सतत जारी रखेगी.

share & View comments