नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को दावा किया कि ‘लाइसेंस राज’ की वजह से शहर के रेस्तरां उत्पीड़न का सामना करते हैं और उम्मीद जताई कि नगर निगमें खाद्य लाइसेंस जारी नहीं करने के एफएसएसएआई के निर्देश का जल्द पालन करेंगी.
दिल्ली सरकार ने कुछ दिन पहले रेस्तरों के लिए पुलिस लाइसेंस और स्वास्थ्य व्यापार लाइसेंस को समाप्त करने की घोषणा की थी, जो भाजपा शासित नगर निगमें जारी करती हैं. सरकार ने स्वास्थ्य व्यापार लाइसेंस को खत्म करने के लिए 10 दिन की समय सीमा तय की है.
निगमों का आरोप है कि दिल्ली सरकार का निर्णय नगर निगमों को कमजोर करने की एक ‘चाल’ है. उन्होंने कहा कि वह सरकार के कदम का ‘मुकाबला’ करने के लिए कानूनी सलाह लेंगे.
केजरीवाल ने रविवार को ट्वीट किया, ‘रेस्तरां दिल्ली की अर्थव्यवस्था और करों में बड़े पैमाने पर योगदान करते हैं. वे लाइसेंस राज की वजह से उत्पीड़न का सामना करते हैं. सभी सरकारों को उत्पीड़न को खत्म करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए. केंद्र सरकार की संस्था एफएसएसएआई ने एमसीडी को खाद्य लाइसेंस जारी नहीं करने का निर्देश दिया है. मुझे उम्मीद है कि एमसीडी जल्द केंद्र के निर्देशों का पालन करेंगी.’
केजरीवाल की अध्यक्षता में हुई बैठक में दिल्ली सरकार ने रेस्तरां के लिए लाइसेंस खत्म करने का निर्णय किया है. इस बैठक में रेस्तरां मालिक भी शामिल हुए थे.
बैठक में रेस्तरां चलाने वालों का कहना था कि भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) उन्हें पहले ही खाद्य सुरक्षा और स्वच्छता लाइसेंस जारी कर चुका है.
उन्होंने कहा था कि स्थानीय निकायों द्वारा उन्हें स्वास्थ्य व्यापार लाइसेंस जारी करना अप्रासंगिक है.
उत्तर दिल्ली के महापौर जय प्रकाश ने कहा था कि उन्होंने सरकार के कदम को चुनौती देने के लिए कानूनी राय मांगी है.
दक्षिण दिल्ली की महापौर अनामिका ने आरोप लगाया कि आप सरकार स्वास्थ्य व्यापार लाइसेंस जारी करने को लेकर राजनीति कर रही है.
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