(सुनंदा पी)
मुंबई, 28 जून (भाषा) मुंबई के पुलिस आयुक्त देवेन भारती ने शनिवार को कहा कि शहर अब निर्देशात्मक लाउडस्पीकरों से पूरी तरह मुक्त हैं। उन्होंने कहा कि इससे पहले सभी धार्मिक संरचनाओं पर मौजूद सार्वजनिक संबोधन प्रणालियों के खिलाफ व्यापक कार्रवाई को पुलिसकर्मियों ने सफलता पूर्वक पूरा किया।
भारती ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘धर्म स्थलों से लाउडस्पीकर हटा दिए गए हैं। मुंबई में अब सभी धर्म स्थल लाउडस्पीकर से मुक्त हैं।’’
पुलिस आयुक्त ने चुनिंदा ढंग से निशाना बनाने के दावों का खंडन करते हुए स्पष्ट किया कि किसी एक विशेष समुदाय के धार्मिक ढांचों को निशाना नहीं बनाया गया। उन्होंने कहा कि यह अभियान उचित और मनमानी रहित कार्रवाई करने के महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के निर्देश के अनुरूप व्यवस्थित तरीके से चलाया गया।
भारती ने इन उपायों को लागू करने से पहले अपनाए गए सहयोगपरक दृष्टिकोण पर प्रकाश डालते हुए बताया,‘‘हमने समुदाय और धार्मिक नेताओं तथा राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ विचार-विमर्श किया और उन्हें समझाया।’’
यह कार्रवाई इस साल जनवरी में मुंबई उच्च न्यायालय द्वारा जारी एक आदेश के बाद की गई है, जिसमें पुलिस को ध्वनि प्रदूषण के मानदंडों और नियमों का उल्लंघन करने वाले विभिन्न लाउडस्पीकर के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया था।
उच्च न्यायालय ने दोहराया कि लाउडस्पीकर का इस्तेमाल किसी भी धर्म का अनिवार्य हिस्सा नहीं माना जाता है।
अभियान की व्यापकता के बारे में टिप्पणी करते हुए पुलिस प्रमुख ने कहा,‘‘हमने शहर भर में धार्मिक ढांचों से लगभग 1,500 निर्देशात्मक लाउडस्पीकर हटा दिए हैं। पुलिस यह भी सुनिश्चित करेगी कि ऐसे लाउडस्पीकर फिर से न लगाए जाएं।’’
उन्होंने कहा कि वैसे तो स्थायी लाउडस्पीकरों पर प्रतिबंध अब प्रभाव में है, लेकिन धार्मिक त्योहारों के दौरान लाउडस्पीकरों के उपयोग के लिए अस्थायी अनुमति दी जाएगी।
उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा था कि शोर स्वास्थ्य के लिए बहुत बड़ा खतरा है और कोई भी यह दावा नहीं कर सकता कि अगर उसे लाउडस्पीकर के इस्तेमाल की अनुमति नहीं दी जाती है तो उसके अधिकार किसी भी तरह से प्रभावित होंगे।
भाषा राजकुमार संतोष
संतोष
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