फिरोजपुर (पंजाब), 15 मई (भाषा) पंजाब के फिरोजपुर जिले में भारत-पाकिस्तान सीमा पर स्थित गांवों में जनजीवन सामान्य हो रहा है और ग्रामीण अपने घरों को वापस आ रहे हैं।
भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य संघर्ष के बाद सीमावर्ती गांवों के लोग अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर चले गए थे।
दस मई को दोनों पड़ोसी देशों के बीच सैन्य कार्रवाई रोकने के समझौते के बाद सीमावर्ती गांवों के लोग वापस घरों को आने लगे हैं।
अंतरराष्ट्रीय सीमा से कुछ ही दूरी पर स्थित जल्लो के गांव के मलकीत सिंह ने कहा, ‘‘लोग वापस आ रहे हैं और ऐसा लग रहा है कि जिंदगी धीरे-धीरे सामान्य हो रही है।’’
सैन्य संघर्ष के तनावपूर्ण दिनों को याद करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘शुरुआती कुछ दिन बहुत डरावने थे। हम रात में अजीबोगरीब आवाजें सुनते थे और भय के कारण सब जागते रहते थे। लेकिन अब धीरे-धीरे चीजें सामान्य होने लगी हैं।’’
दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ने पर गट्टी राजोके, टेंडीवाला, कल्लूवाला, नई गट्टी राजोके, जल्लो और रहीम के गट्टी समेत सीमावर्ती गांवों के कई निवासी सुरक्षित स्थानों पर चले गए थे।
गांव नई गट्टी राजोके के निवासी तारा सिंह (40) ने सबकुछ पीछे छोड़कर चले जाने की दर्दनाक सच्चाई के बारे में बताया। उन्होंने कहा, ‘‘तनाव बढ़ने के बाद, ज्यादातर लोग चले गए। यह आसान नहीं था। कुछ लोगों ने अपने सामान को सुरक्षित जगह पर ले जाने के लिए हजारों रुपये खर्च किए।’’
गुरजीत कौर (52) के लिए गांव में ही रहने का फैसला आसान नहीं था, लेकिन उन्हें इस बात का कोई अफसोस नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘किसी ने मुझे जाने के लिए नहीं कहा और मैंने यहीं रहने का फैसला किया। कुछ लोग अपने रिश्तेदारों के पास रहने चले गए, लेकिन हमें सैनिकों पर भरोसा था।’’
टेंडीवाला निवासी 16 वर्षीय जसविंदर सिंह ने कहा कि उनके परिवार ने गांव नहीं छोड़ा क्योंकि उन्हें पता था कि वे सुरक्षा बलों की वजह से सुरक्षित हैं।
भाषा शफीक नरेश
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