नई दिल्लीः वर्ल्ड चैंपियन चेस खिलाड़ी दिव्यांग मलिका हांडा को पंजाब सरकार ने सीएम रिलीफ फंड से 21 लाख रुपये कैश और कोच की नौकरी देने का फैसला किया है.
वॉट्सऐप कॉल पर दिप्रिंट से हुई बात के दौरान पंजाब के खेल निदेशक परमिंदर पाल सिंह ने इस बात की जानकारी दी.
उनके मुताबिक बुधवार को दोपहर दिन के करीब 12 बजे पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के साथ मीटिंग में इस बात का फैसला लिया गया. निदेशक ने बताया कि उस वक्त मलिका के साथ मीटिंग में मलिका की मां, उनका भाई और उनके पिता भी मौजूद थे.
उन्होंने आगे बताया कि ‘सरकार ने इस वक्त मलिका को आउटसोर्सिंग के जरिए नौकरी देने का फैसला किया है, लेकिन परमानेंट जॉब दिए जाने के लिए सरकार प्रोविज़न कर रही है क्योंकि राज्य की नीतियों के तहत मलिका के पास कोच की नौकरी के लिए कुछ डिप्लोमा सर्टिफिकेट्स नहीं है.’
दिप्रिंट से बातचीत में खेल निदेशक ने ये भी कहा, ‘सरकार संवेदनशीलता के साथ इस पर विचार कर रही है और हमारी पूरी कोशिश है कि हम नीतियों में जरूरी संशोधन करने के बाद उसे परमानेंट नौकरी दे सकें.’
पिछले दिनों मलिका ने वीडियो और ट्वीट के जरिए पंजाब सरकार पर गुस्सा जाहिए करते हुए कहा था कि ‘मैं बहुत दुखी हूं.’ सरकार ने उन्हें नौकरी और कैश देने का वादा किया था लेकिन अब तक उन्हें बेवकूफ बनाया जा रहा है.
दिव्यांग चेस खिलाड़ी के इस ट्वीट पर भारतीय क्रिकेट टीम के फिरकी गेंदबाज हरभजन सिंह ने भी ये मुद्दा उठाया था और उन्होंने पूछा था कि ये भी देश की खिलाड़ी हैं हमारे यहां दिव्यांग खिलाड़ी को लेकर कोई पॉलिसी क्यों नहीं है.
Firstly why is there no policy for the hearing impaired?? Being deaf doesn’t take away talent. Secondly she should get what was promised for her achievement ..I urge sports minister punjab and India to look after this matter @PargatSOfficial @ianuragthakur https://t.co/9FZAJw2ArQ
— Harbhajan Turbanator (@harbhajan_singh) January 2, 2022
क्या था पूरा मामला
दरअसल, पंजाब के जालंधर में रहने वाली शतरंज की विश्व चैंपियन रहीं दिव्यांग मलिका हांडा ने मौजूदा पंजाब सरकार पर उसे पहले दिए गए कैश और नौकरी के वादे से मुकरने का आरोप लगाया था. मलिका ने ट्वीट करके कहा था कि सरकार ने उन्हें बेवकूफ बनाया और घोषणा करने के बाद भी उन्हें कैश और नौकरी नहीं दी जा रही है. उन्होंने कहा था कि मौजूदा खेल मंत्री परगट सिंह राज्य में दिव्यांग के लिए खेल में नीति न होने का हवाला दे रहे हैं.
I m very feeling Hurt
31 dec I met sports minister of Punjab @PargatSOfficial
Now He said punjab Govt can not give job and Not cash award accept to (Deaf sports) because they do not have policy for deaf sports.
Cc: @CHARANJITCHANNI @sherryontopp @RahulGandhi @rhythmjit @ANI pic.twitter.com/DrZ97mtSNH— Malika Handa??? (@MalikaHanda) January 2, 2022
चूंकि मलिका बोल और सुन नहीं सकती हैं इसलिए दिप्रिंट ने इस मामले में मलिका की मां से संपर्क किया. इस बाबत मलिका की मां रेणु हांडा ने इस संवाददाता से पेपर की कुछ कटिंग भी शेयर की, जिसमें पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की सरकार के खेल मंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढी ने 11 लाख रुपये कैश देने की घोषणा की थी. इसके अलावा उनका कहना था कि उन्होंने सारे सर्टिफिकेट्स पहले ही जमा करा दिए थे.
खेल मंत्री ने कहा था कि नहीं हैं सर्टिफिकेट्स
पंजाब के खेल मंत्री ने इंडियन एक्सप्रेस को दिए एक बयान में कहा था कि मलिका ने अपने सर्टिफिकेट्स जमा नहीं किए हैं. उन्होंने कहा था कि मलिका और उसके घर वालों ने शुक्रवार को मुझसे मुलाकात की थी तो मैंने सोमवार को उनसे अपने डॉक्युमेंट्स सब्मिट करने को कहा था लेकिन वह नहीं आई. आगे उन्होंने कहा कि, ‘सुनने में दिक्कत वाले दिव्यांग खिलाड़ी सरकार की स्पोर्ट्स पॉलिसी के अंतर्गत सीधे तौर पर लाभ की श्रेणी में नहीं आते इसलिए मैंने सीएम से इसके लिए स्पेशल प्रोविज़न बनाने को कहा था.’ हालांकि, बाद में बुधवार को सरकार ने मलिका को कैश और नौकरी देने का फैसला लिया.
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