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Saturday, 28 September, 2024
होमदेशप्रदर्शनकारी किसानों ने कहा- मोदी सरकार से बात करने को तैयार लेकिन कोई शर्त नहीं मानेंगे

प्रदर्शनकारी किसानों ने कहा- मोदी सरकार से बात करने को तैयार लेकिन कोई शर्त नहीं मानेंगे

किसानों ने अमित शाह की बुराड़ी के मैदान में स्थानांतरित होते ही वार्ता करने को तैयार होने की शर्त नकार दी है, बिना शर्त वार्ता की बात कही है.

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नई दिल्ली: केंद्र सरकार द्वारा लागू तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों ने रविवार को कहा कि वे सरकार से बातचीत को तैयार हैं लेकिन सिंघु और टीकरी बार्डर से हटकर प्रशासन द्वारा प्रदर्शन स्थल के रूप में चिह्नित बुराड़ी के मैदान में जाने सहित किसी भी शर्त को स्वीकार नहीं करेंगे.

उल्लेखनीय है कि किसान प्रदर्शनकारी सिंघु और टीकरी बार्डर पर पिछले चार दिन से जमे हुए हैं.

भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के हरियाणा इकाई के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चाधोनी ने कहा, ‘‘हम उनके (सरकार) प्रस्ताव की शर्त को स्वीकार नहीं करेंगे. हम बातचीत करने को तैयार है लेकिन अभी कोई शर्त नहीं स्वीकार करेंगे.’’

क्रांतिकारी किसान यूनियन के पंजाब इकाई के अध्यक्ष दर्शन पाल ने कहा, ‘सरकार ने शर्तों के साथ बातचीत के लिए आमंत्रित किया है. बातचीत का वातावरण तैयार किया जाना चाहिए. अगर कोई शर्त रखी जाती है तो हम बात नहीं करेंगे.’

केंद्र द्वारा लागू तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली में विरोध प्रदर्शन करने आ रहे हजारों किसान एक और सर्द रात सड़क पर बिताने के साथ राष्ट्रीय राजधानी के सिंघु और टीकरी बॉर्डर पर रविवार को लगातार चौथे दिन जमे हुए हैं. वहीं, किसान नेता सरकार द्वारा प्रस्तावित रणनीति पर मंथन कर रहे हैं.

किसानों के आंदोलन की वजह से कई सड़कें और दिल्ली आने वाले रास्ते बंद हैं जबकि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने किसानों से बुराड़ी मैदान में आकर प्रदर्शन करने की अपील की है और कहा कि वे जैसे ही निर्धारित स्थान पर जाएंगे, उसी समय केंद्र वार्ता को तैयार है.

शाह ने कहा कि किसानों के प्रतिनिधिमंडल को चर्चा के लिए तीन दिसंबर को आमंत्रित किया गया है. उन्होंने कहा कि कुछ किसान संगठनों ने तत्काल वार्ता करने की मांग की है और केंद्र बुराड़ी के मैदान में किसानों के स्थानांतरित होते ही वार्ता को तैयार है.

किसान संगठनों का प्रतिनिधित्व कर रहे अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति (एआईकेएससीसी) के प्रतिनिधि ने कहा, ‘अगर सरकार किसानों की समस्याओं का समाधान करने को गंभीर है तो उसे शर्ते रखनी बंद करनी चाहिए और नए कानून से किसानों को होने वाले फायदे को बताने के लिए संवाद करना चाहिए.’

भारतीय किसान एकताग्रह के अध्यक्ष जोगिंदर सिंह ने कहा, ‘हम सीमा पर बैठे हैं. हमारी मांग है कि सरकार कृषि कानून को वापस ले और हम इससे कम कुछ भी स्वीकार नहीं करेंगे.’

भारी पुलिस बल की मौजूदगी के बीच किसान सीमा पर सरकार के खिलाफ नारे लगाकर अपना विरोध जता रहे हैं. दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (डीएसजीएमसी) प्रदर्शन कर रहे किसानों को भोजन मुहैया करा रही है.

सिंघु बॉर्डर पर मौजूद बृज सिंह नामक किसान ने कहा, ‘भविष्य की रणनीति तय करने के लिए आज अहम बैठक होने वाली है. तब तक हम यहीं जमे रहेंगे. बैठक के नतीजों के हिसाब से फैसला करेंगे. मांगें माने जाने तक हम प्रदर्शन खत्म नहीं करेंगे.’

इस बीच, जो किसान शनिवार को प्रशासन द्वारा निर्धारित प्रदर्शन स्थल बुराड़ी के निरंकारी समागम मैदान में पहुंचे, वे भी प्रदर्शन कर रहे हैं.

एक प्रदर्शनकारी किसान ने कहा, ‘हमारे नेता बैठक कर रहे हैं. वे जो फैसला करेंगे हम उसका अनुपालन करेंगे. अगर सरकार बातचीत करना चाहती है तो उसे तुंरत बिना शर्त बात करनी चाहिए.’

पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने भी शाह के प्रस्ताव पर कहा कि किसानों से जितनी जल्दी बातचीत होगी, उतना ही वह कृषि समुदाय और दिश के हित में होगा.

सिंह ने शनिवार को किसानों से आह्वान किया था कि वे केंद्र की अपील स्वीकार करे और प्रदर्शन के लिए निर्धारित स्थान पर चले जाएं.

दिल्ली पुलिस उपायुक्त (बाहरी उत्तर) गौरव शर्मा ने कहा, ‘बुराड़ी डीडीए मैदान को पहले ही प्रदर्शन स्थल के रूप में चिह्नित किया गया है और जब वे (प्रदर्शनकारी) वहां जाएंगे तो उन्हें जाने की सुविधा भी मुहैया कराई जाएगी.’

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