नई दिल्ली: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ को रविवार को पत्र लिख कर सीबीएसई बोर्ड परीक्षा रद्द करने की मांग की. उन्होंने कहा कि परीक्षा केंद्रों पर भीड़भाड़ होने से छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करना असंभव होगा.
प्रियंका ने शिक्षा मंत्री को लिखे अपने पत्र में कहा कि बढ़ती महामारी के दौरान इन परीक्षाओं में बैठने के लिए छात्रों को मजबूर करने पर, किसी भी परीक्षा केंद्र पर बड़ी संख्या में छात्रों के संक्रमित होने की स्थिति में सरकार और केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) को जिम्मेदार ठहराया जाएगा.
उन्होंने कहा, ‘सरकार और सीबीएसई को इस पर विचार करना चाहिए कि क्या वे छात्रों या अन्य की कानूनी जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार हैं, जो इस तरीके से महामारी से बुरी तरह से प्रभावित हो सकते हैं.’
कांग्रेस महासचिव ने कहा कि देश में कोविड-19 के एक लाख से अधिक मामले सामने आ रहे हैं, लाखों बच्चे और उनके माता-पिता ने महामारी की दूसरी लहर के बीच परीक्षा केंद्रों पर एकत्र होने के बारे में डर एवं आशंका जताई है.
उन्होंने कहा कि छात्रों की आशंका वाजिब है क्योंकि जानलेवा रोग के साये में परीक्षा देना बच्चों में अनवाश्यक तनाव पैदा करेगा और इससे परीक्षा में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की उनकी क्षमता पर भी असर पड़ेगा.
प्रियंका ने कहा, ‘वे सही मायने में मौजूदा परिस्थितियों में परीक्षा रद्द करने की मांग कर रहे हैं.’ उन्होंने पत्र में कहा, ‘मैं उम्मीद करती हूं कि सरकार स्कूलों, छात्रों और उनके माता-पिता के साथ वार्ता करेगी, ताकि उनके शैक्षणिक दायित्वों को पूरा करने के प्रति उनके लिए एक सुरक्षित रास्ता निकल सके.’
उन्होंने कहा, ‘राजनीतिक दलों के नेता के तौर पर बच्चों की सुरक्षा और उनका मार्गदर्शन करना हमारी जिम्मेदारी है.’ उन्होंने सवाल किया कि राज्य-दर-राज्य सार्वजनिक स्थानों पर लोगों को एक जगह एकत्र होने से रोकने के लिए दिशा निर्देश जारी कर रहे हैं, ‘ऐसे में किस नैतिक आधार पर हम बच्चों को ऐसा करने पर मजबूर कर सकते हैं.’
सीबीएसई बोर्ड परीक्षा 2021 के नये कार्यक्रम के मुताबिक 10वीं कक्षा की परीक्षा चार मई से सात जून के बीच होगी, जबकि 12वीं कक्षा की परीक्षा चार मई से 15 जून के बीच होगी.
सीबीएसई अधिकारियों ने कहा है कि छात्रों के बीच सामाजिक दूरी सुनिश्चित करने के लिए देश भर में परीक्षा केंद्रों की संख्या में 40 से 50 प्रतिशत तक की वृद्धि की गई है.
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