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Saturday, 21 December, 2024
होमदेशबजट पेश करते हुए निर्मला ने पढ़ीं कश्मीरी और तमिल कवियों की कविता- 'हमारा राष्ट्र खिलते हुए कमल जैसा'

बजट पेश करते हुए निर्मला ने पढ़ीं कश्मीरी और तमिल कवियों की कविता- ‘हमारा राष्ट्र खिलते हुए कमल जैसा’

वित्तमंत्री ने कश्मीरी कवि दीना नाथ नदीम की कविता मायो वतन पढ़ी. उन्होंने कहा, हमारा वतन खिलते हुए शालीमार बाग जैसा, हमारा वतन डल झील में खिलते हुए कमल जैसा...

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नई दिल्ली: वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण के दौरान तीन कवियों की कविता पढ़ीं. इन कविताओं के जरिए मोदी सरकार के काम ​गिनवाए. इस पर सत्तापक्ष की तरफ से तालियां भी मिली तो ​विपक्षी सदस्यों के तरफ से विरोध के स्वर भी सुनने को मिले.

अपने बजट भाषण में वित्तमंत्री सीतारमण ने सबसे पहले कश्मीरी कवि दीना नाथ नदीम की कविता मायो वतन पढ़ी. जैसे ही वित्तमंत्री ने कविता पढ़ीं वैसे ही सत्तापक्ष की तरफ से मेजें थपथपाई गई.

वित्तमंत्री ने अपने भाषण में कहा, ‘हमारा वतन खिलते हुए शालीमार बाग जैसा, हमारा वतन डल झील में खिलते हुए कमल जैसा, नौजवानों के गर्म खून जैसा, मेरा वतन तेरा वतन हमारा वतन, दुनिया का सबसे प्यारा वतन…’

गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर राज्य से पिछले वर्ष अनुच्छेद 370 को केंद्र सरकार ने हटा दिया था.

वित्तमंत्री ने तमिलनाडु के ​प्रसिद्ध दार्शनिक और कवि तिरुवल्लुवर की कविता पढ़ी. उन्होंने तमिल कविता का अनुवाद करते हुए कहा कि एक देश में क्या खूंबियां होती है. वित्तमंत्री ने कविता में बताएं पांच रत्नों की तुलना पीएम मोदी के फैसलों से भी की.


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इस दौरान विपक्षी सदस्यों ने हंगामा भी किया. हंगामा कर रहे सदस्यों को टोकते हुए वित्तमंत्री ने कहा राष्ट्रीय सुरक्षा मोदी सरकार की बड़ी प्राथमिकताओं में से एक है.

उन्होंने कहा कि कवि तिरुवल्लूर ने जिन पांच रत्नों का जिक्र किया है, उन्हें पीएम मोदी ने उन्‍हें पूरा कर दिखाया है.

ये पांच रत्‍न हैं जहां ​बीमारियों नहीं हो ,पैसा हो, अच्छी फसल हो, खुशहाली हो और जगह सुरक्षित हो. इसके बाद वित्तमंत्री ने मोदी सरकार की योजनाओं के नाम गिनाए और बताया कि इनके कारण आज देश खुशहाल है.

वित्त मंत्री ने बजट पेश करते हुए तमिल कवित्री अव्वईयर की कविता पढ़ी, जो ‘संत कवि’ थीं, जो 3000 साल पहले हुआ करती थीं. वित्त मंत्री ने अव्वय्यर ने अपनी कविता में धरती के प्रभावकारी उपयोग की बात करती हैं.

आगे बोलते हुए, सीतारमण ने कहा कि खेती के लिए पर्याप्त खेत होना चाहिए, न कि खाद और पानी. उन्होंने कहा कि सरकार रासायनिक उर्वरकों के उपयोग के लिए प्रोत्साहन को भी संशोधित करेगी. वित्तमंत्री ने कहा, ‘किसानों को वेयरहाउस निर्माण प्रोत्साहन भी दिया जाएगा, उन्होंने कहा कि मुद्रा ऋण भी प्रदान किया जाएगा और महिलाएं गांवों में ‘धन लक्ष्मी’ होंगी.

लोकसभा स्पीकर ने दशका पहला बजट पेश करने पर दी बधाई

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण को बजट प्रस्तुत करने की मंजूरी देते हुए कहा कि दशक का पहला बजट पेश करने के लिए उनका अभिनंदन.

पीली साड़ी पहनकर आई वित्तमंत्री ने अपने बजट भाषण में जीएसटी का जिक्र करते हुए वित्तमंत्री अरुण जेटली को याद किया. उन्होंने क​हा कि उनकी दूरदर्शिता के चलते ही जीएसटी लागू हुआ है. इससे इंस्पेक्टर राज खत्म हो गया.

वित्तमंत्री गले में तकलीफ होने के कारण पूरा बजट भाषण नहीं पढ़ सकीं

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अस्वस्थ्य होने के कारण शनिवार को लोकसभा में बजट भाषण के कुछ पन्ने नहीं पढ़ सकीं. उन्होंने शनिवार को वित्त वर्ष 2020-21 का बजट भाषण दो घंटे 39 मिनट तक पढ़ा.

बजट भाषण पढ़ते समय तक उनकी तबियत कुछ खराब हुई तब उन्होंने तीन बार पानी पिया. हालांकि इससे कुछ फायदा नहीं हुआ. तब सदन में विपक्ष के सदस्यों ने उनसे बजट दस्तावेज सभापटल पर रखने का आग्रह किया। इस पर सीतारमण ने कहा कि सिर्फ दो पन्ने बचे हैं.


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वित्त मंत्री ने दोबारा बजट पढ़ने का प्रयास किया लेकिन वे ठीक से नहीं पढ़ पा रही थीं.सदन में पास ही बैठे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से कुछ कहा. इसके बाद गडकरी ने टाफी निकाल कर सीतारमण को दी. लेकिन इसके बाद भी उन्हें बजट भाषण पढने में परेशानी होने पर कुछ केंद्रीय मंत्रियों ने बजट दस्तावेज सभा पटल पर रखने का आग्रह किया.

इसके बाद वित्त मंत्री ने लोकसभा अध्यक्ष की अनुमति से बजट भाषण सभा पटल पर रख दिया.बाद में वित्त मंत्री सीतारमण राज्यसभा गयीं और बजट से जुड़े कागजात सदन की पटल पर रखे.

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