बेंगलुरु, 24 जून (भाषा) जनता दल (सेक्युलर) के पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना ने मंगलवार को एक बार फिर कर्नाटक उच्च न्यायालय का रुख करते हुए अपने खिलाफ दर्ज यौन उत्पीड़न और बलात्कार मामले में जमानत देने का अनुरोध किया।
न्यायालय ने पहले आरोपों की गंभीरता और गवाहों से छेड़छाड़ के संभावित जोखिम का हवाला देते हुए उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी।
नवीनतम याचिका पर सुनवाई के दौरान रेवन्ना की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता प्रभुलिंग के. नवदगी ने कहा कि पिछले आदेश के बाद से परिस्थितियों में महत्वपूर्ण बदलाव आया है।
उन्होंने तर्क दिया कि अधीनस्थ अदालत के समक्ष कार्यवाही में लंबे समय तक देरी रेवन्ना की जमानत याचिका पर पुनर्विचार के लिए पर्याप्त कारण है।
नवदगी ने यह भी बताया कि कथित घटना के चार साल बाद शिकायत दर्ज की गई थी। उन्होंने दलील दी कि पीड़िता ने शुरुआत में रेवन्ना पर भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (बलात्कार) के तहत आरोप नहीं लगाया था, लेकिन उसके बयान दर्ज करने के दौरान ये विशिष्ट आरोप लगाए गए थे।
रेवन्ना के वकील ने कहा कि प्रक्रियागत देरी के कारण लगातार कारावास अनुचित है।
हालांकि, राज्य सरकार ने इस जमानत याचिका का पुरजोर विरोध किया।
दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद अदालत ने मामले को अगली तारीख तक के लिए स्थगित कर दिया।
भाषा संतोष प्रेम
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