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Thursday, 13 June, 2024
होमदेशछेड़छाड़ के आरोपी को भीड़ से बचाने के लिए पुलिस का वाहन एम्स-ऋषिकेश के ‘वेटिंग एरिया’ से गुजरा

छेड़छाड़ के आरोपी को भीड़ से बचाने के लिए पुलिस का वाहन एम्स-ऋषिकेश के ‘वेटिंग एरिया’ से गुजरा

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देहरादून, 23 मई (भाषा) एम्स-ऋषिकेश में महिला चिकित्सक से कथित तौर पर छेड़छाड़ के आरोपी नर्सिंग अधिकारी को भीड़ से बचाने के लिए पुलिस की कार के अस्पताल के ‘वेटिंग एरिया’ से गुजरने के दौरान सुरक्षा गार्ड स्ट्रेचर को रास्ते से हटाने के लिए भागते दिखे और घबराए मरीज अपने बिस्तरों पर उठकर बैठ गए।

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में 20 मई को हुई इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर बृहस्पतिवार को सामने आया।

वीडियो में पुलिस वाहन दोनों तरफ बिस्तरों की कतारों के बीच ‘वेटिंग एरिया’ से गुजरता दिखाई दे रहा है। वीडियो में सुरक्षा बल दौड़कर आते और बिस्तरों को एक तरफ धक्का देते पुलिस वाहन के लिए जगह बनाते दिखाई दे रहे हैं जबकि इस दौरान मरीज और उनके तीमारदार हक्के-बक्के होकर यह देख रहे हैं।

घटना के संबंध में देहरादून के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) अजय सिंह ने बताया, ‘‘महिला चिकित्सक से छेड़छाड़ की घटना के बाद रेजीडेंट डॉक्टरों ने आक्रोशित होकर प्रदर्शन किया…ऐसे में उसे (आरोपी को) सुरक्षित रूप से बाहर लाना और उसे पुलिस थाने तक ले जाना जरूरी था।’’

उन्होंने बताया कि आरोपी की सुरक्षित निकासी सुनिश्चित करने के लिए पुलिस वाहन रैंप का इस्तेमाल करके अस्पताल की चौथी मंजिल तक गया। उन्होंने बताया कि ऐसा एम्स प्रबंधन की अनुमति लेकर किया गया।

छेड़छाड़ की घटना के तूल पकड़ने के बाद आरोपी नर्सिंग अधिकारी सतीश कुमार अस्पताल के मनोरोग वार्ड में भर्ती हो गया था जहां से पुलिस ने उसे पकड़ा।

पहचान जाहिर नहीं करने का अनुरोध करते हुए एक जूनियर रेजीडेंट डॉक्टर ने बताया कि आरोपी मनोरोग वार्ड में इसलिए भर्ती हो गया क्योंकि वह दिखाना चाहता था कि उसने मानसिक रोग से ग्रस्त होने के कारण यह अपराध किया।

एसएसपी ने कहा कि आरोपी को पुलिस वाहन में चौथी मंजिल से पहली मंजिल तक लाया गया जहां से उसे ‘वेटिंग एरिया’ के जरिए बाहर निकाला गया। उन्होंने कहा, ‘‘अगर ऐसा न किया जाता तो पीटकर मार डालने की घटना भी हो सकती थी।’’

आरोपी ने जूनियर रेजीडेंट महिला चिकित्सक के साथ कथित तौर पर ट्रामा वार्ड के ऑपरेशन थियेटर में 19 मई को छेड़छाड़ की थी। पीड़ित चिकित्सक ने 21 मई को पुलिस से शिकायत की जिसके बाद उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया।

एसएसपी ने बताया कि आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 354 और 506 के तहत मामला दर्ज किया गया है।

आरोपी ने अस्पताल प्रशासन को अपना लिखित माफीनामा दिया। घटना के बाद उसे निलंबित कर दिया गया लेकिन चिकित्सक उसकी बर्खास्तगी की मांग कर रहे हैं।

एम्स की निदेशक मीनू सिंह ने सोशल मीडया मंच ‘एक्स’ पर कहा कि एक घटना हुई थी जिसमें महिला चिकित्सक से दुर्व्यवहार हुआ और आरोपी मनोरोग वार्ड में भर्ती था।

उन्होंने कहा कि डॉक्टर आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे थे और उन्होंने वार्ड का घेराव कर लिया था। निदेशक ने कहा, ‘‘आरोपी को बाहर निकालने के लिए पुलिस ने वाहन का इस्तेमाल किया.. हमारी बैटरी संचालित वाहनों के लिए इस्तेमाल होने वाले रैंप का पुलिस ने इस्तेमाल किया। यह एक आपातकालीन उपाय था और इसमें कोई घायल नहीं हुआ..।’’

भाषा दीप्ति दीप्ति आशीष

आशीष

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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