नयी दिल्ली, 25 अगस्त (भाषा) दिल्ली पुलिस ने सोमवार को रामलीला मैदान में प्रदर्शन कर रहे कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) के आकांक्षियों पर बल प्रयोग करने के आरोपों से इनकार किया।
पुलिस ने कहा कि प्रदर्शन को तय समयसीमा के भीतर शांतिपूर्ण तरीके से करने की अनुमति दी गई थी, लेकिन समयसीमा पार होने और प्रदर्शनकारियों के वहां से जाने से इनकार करने पर 40 लोगों को हिरासत में लिया गया।
इसने कहा कि आयोजकों द्वारा दिए गए आश्वासन का उल्लंघन होने के कारण 25 अगस्त के लिए दी गई अनुमति वापस ले ली गई।
पुलिस उपायुक्त (मध्य) निधिन वाल्सन ने बयान में कहा, ‘‘एसएससी आकांक्षियों ने परीक्षाओं से जुड़े मुद्दों को लेकर रामलीला मैदान में प्रदर्शन किया। करीब 1,500 लोग इसमें शामिल हुए। उन्हें सुबह 10 बजे से शाम पांच बजे तक शांतिपूर्वक प्रदर्शन करने की अनुमति दी गई थी।’’
बयान के अनुसार, निर्धारित समय के बाद करीब 300 प्रदर्शनकारी स्थल पर डटे रहे और बार-बार समझाने के बावजूद नहीं हटे। कमला मार्केट सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) और डीसीपी ने भी उनसे मैदान खाली करने का अनुरोध किया।
अधिकारी ने ने कहा, ‘‘प्रदर्शनकारियों को स्पष्ट रूप से बताया गया कि भारतीय न्याय सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 लागू है और तय समय से आगे एकत्रित होना अवैध होगा। इसके बावजूद लगभग 100 प्रदर्शनकारी हटने को तैयार नहीं हुए।’’
उन्होंने बताया कि प्रदर्शनकारियों को स्थल से हटाने की प्रक्रिया में 40 लोगों को हिरासत में लिया गया, बाकी वहां से चले गए। इस दौरान कुछ प्रदर्शनकारियों के आक्रामक व्यवहार के चलते तीन महिला कांस्टेबल समेत पांच पुलिसकर्मी घायल हुए। पुलिस उपायुक्त ने कहा, ‘‘पुलिस द्वारा कोई लाठीचार्ज नहीं किया गया।’’
यह प्रदर्शन रविवार को एसएससी आकांक्षियों और प्रशिक्षकों द्वारा भर्ती प्रक्रिया में कथित कुप्रबंधन जैसे अचानक परीक्षा रद्द होना, सर्वर क्रैश और घर से सैकड़ों किलोमीटर दूर केंद्र आवंटित होने जैसे मुद्दों को लेकर आयोजित किया गया था।
विभिन्न राजनीतिक दलों और कांग्रेस से संबद्ध एनएसयूआई समेत छात्र संगठनों ने पुलिस पर लाठीचार्ज करने का आरोप लगाया और सोशल मीडिया पर वीडियो साझा किए।
हालांकि, दिल्ली पुलिस ने साफ किया कि ऐसी कोई कार्रवाई नहीं की गई।
भाषा राखी नेत्रपाल
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