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Monday, 6 May, 2024
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पुलिस का दावा- आरोपी बदला लेने के लिए महीनों से हरियाणवी गायिका की ‘हत्या’ की साजिश रच रहा था

गिरफ्तार दो आरोपियों में से एक रवि पर कुछ साल पहले मृतक महिला ने रेप करने का आरोप लगाया था. इस मामले में वह अभी 6-8 महीने पहले ही जमानत पर रिहा हुआ है. परिवार का आरोप है कि हत्या से पहले उसके साथ बलात्कार किया गया था.

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नई दिल्ली: रोहतक जिले में सोमवार को मृत पाई गई 27 वर्षीय हरियाणवी गायिका की कथित हत्या की प्रारंभिक जांच में खुलासा हुआ है कि एक आरोपी रवि महीनों से उसकी हत्या की साजिश रच रहा था और उसे अंजाम देने के लिए मौके के इंतजार में था. दिप्रिंट को मिली जानकारी के अनुसार वो मौका तब आया जब महिला अपनी मर्जी से दूसरे आरोपी अनिल से एक म्यूजिक वीडियो के सिलसिले में मिलने के लिए तैयार हो गई.

रविवार को दोनों आरोपियों को हरियाणा के महम कस्बे से गिरफ्तार कर लिया गया है. परिवार के मुताबिक महिला 11 मई से लापता थी.

दिल्ली पुलिस के सूत्रों के मुताबिक, रवि ने जांच के दौरान खुलासा किया कि वह 2019 में अपने खिलाफ दर्ज एक मामले के चलते महिला से ‘बदला’ लेना चाहता था.

दोनों आरोपियों ने कथित तौर पर एक म्यूजिक वीडियो बनाने के बहाने महिला से मुलाकात की, उसे 10 नींद की गोलियां खिलाईं और फिर बेहोश हो जाने पर उसकी हत्या कर दी. पुलिस सूत्रों ने दावा किया कि शव को ठिकाने लगाने और सबूत मिटाने के लिए आरोपी ने उसके कपड़े उतार दिए और उसे अंतर्वस्त्रों (अंडरगारमेंट्स) में दफना दिया. सूत्रों के मुताबिक 11 मई को उसकी हत्या की गई और उसी दिन उसके शव को जमीन में गाड़ दिया गया था.

पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) शंकर चौधरी ने कहा ,‘आरोपियों में से एक ने उसे अपने साथ लिया. फिर दोनों ने उसकी हत्या कर उसके शव को महम थाना क्षेत्र में सड़क किनारे जमीन में गाड़ दिया. महिला का शव बरामद होने के बाद (दोनों आरोपियों के खिलाफ) अपहरण और हत्या के लिए भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. बलात्कार करने का अभी तक कोई सबूत नहीं मिला है.’ उन्होंने आगे बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट अभी नहीं आई है.

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चौधरी ने बताया कि पुलिस ने आरोपियों को पकड़ने के लिए कई जगह पर छापेमारी की थी. उसके बाद ही आरोपी गिरफ्त में आ पाए. मृतक के परिवार ने प्रारंभिक गुमशुदगी रिपोर्ट की जांच के दौरान ही पुलिस को इस मामले में आरोपी की कथित संलिप्तता के बारे में संभावना जता दी थी. पुलिस ने 14 मई को गुमशुदगी का मामला दर्ज किया था. शव मिलने के बाद 22 मई को इसे हत्या और अपहरण के मामले में तब्दील कर दिया गया.


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दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने पुष्टि की कि रवि पर 2019 में मृतक महिला ने बलात्कार का आरोप लगाया था, जिसके बाद से वह जेल में था. उसे छह से आठ महीने पहले ही जमानत पर रिहा किया गया था. मामला अभी भी विचाराधीन है.

सूत्रों ने बताया कि वह कथित तौर पर बदला लेने के लिए एक मौके के इंतजार में था. उसे यह मौका उस समय मिला जब महिला कथित तौर पर अपनी मर्जी से एक संगीत वीडियो के लिए अनिल से मिलने के लिए तैयार हो गई. सूत्रों के मुताबिक, रवि और अनिल दोनों की उम्र लगभग बीस साल है और दोनों एक ही फाइनेंस कंपनी में साथ काम करते थे.

महिला के परिवार के अनुसार, वह पहले रवि के साथ गाती थी और उसके साथ रिश्ते में भी रही.

महिला के भाई ने आरोप लगाते हुए कहा, ‘वे एक साथ गाते थे और लगभग तीन साल पहले एक रिश्ते में थे. उन दोनों ने शादी करने का मन भी बना लिया था. लेकिन बाद में दोनों अलग हो गए. रवि ने 2019 में मेरी बहन के साथ मारपीट की और उसके साथ बलात्कार किया. बाद में उसने मेरी बहन से शादी करने का वादा भी किया, जिससे वह बाद में मुकर गया. तब हमने उसके खिलाफ (बलात्कार) मामला दर्ज कराया था.’

पुलिस सूत्रों ने दावा किया कि ‘आरोपियों ने पूछताछ के दौरान पीड़िता पर कथित तौर पर पैसे के लिए ब्लैकमेल करने का आरोप लगाया है.’

हालांकि महिला के परिवार ने इन दावों का खंडन किया और कहा कि आरोप सही नहीं है. उनके मुताबिक, क्योंकि अनिल दूसरे गांव से था इसलिए वो उसके बारे में ज्यादा नहीं जानते.

परिवार ने पुलिस पर रिपोर्ट लिखने में देरी का आरोप लगाया और जांच में लापरवाही बरतने की बात कही. उन्होंने कहा कि महिला के लापता होने की शिकायत करने के लिए उन्होंने 13 मई को पुलिस से संपर्क किया था. लेकिन उस दिन उनकी रिपोर्ट नहीं लिखी गई. मृतक के परिवार वालों और भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं ने बुधवार को दिल्ली महिला आयोग के कार्यालय के बाहर धरना दिया और मामले की उचित जांच, परिवार के एक सदस्य के लिए सरकारी नौकरी और एक करोड़ रुपये के मुआवजे की मांग की.

मृतका माता-पिता और छह भाई-बहन समेत आठ लोगों के परिवार में अकेली कमाने वाली थी.

तलाश में यहां से वहां भागते रहे

दिल्ली के नजफगढ़ इलाके के पास जफरपुर कलां की रहने वाला 27 साल की यह गायिका पांच बहनों और एक भाई के परिवार में सबसे बड़ी थी.

उसके परिवार के अनुसार, वह कॉमर्स ग्रेजुएट थी और अपने परिवार के घर के खर्च में मदद करने के लिए सिविल डिफेंस में नौकरी करती थी और इसके साथ-साथ यू-ट्यूब पर म्यूजिक वीडियो भी बनाती थी.

कथित रूप से लापता होने के लगभग 11 दिन बाद सोमवार को उसका शव बरामद किया गया. परिवार ने कहा कि उसके लापता होने वाले दिन से ही उसकी मां और एक बहन न्याय पाने के लिए थाने का चक्कर लगा रही हैं. उसके पिता बूढ़े और बीमार हैं.

मृतका के भाई के मुताबिक, जिस दिन वह ‘गायब हुई थी’ उस दिन गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई. क्योंकि जब उन्होंने उसे फोन किया तो उसका मोबाइल बंद आ रहा था. उन्हें लगा कि शायद उसके फोन की चार्जिंग खत्म हो गई होगी और उसके लौटने का इंतजार करने लगे.

मृतका के भाई ने कहा, ‘कुछ गलत हो जाएगा, हमें शुरू में ऐसा कोई अंदेशा नहीं था. हमने अगले दिन तक उसके लौटने का इंतजार किया और जब वह नहीं लौटी तो 13 मई को जेके (जफरपुर कलां) पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराने पहुंचे. पुलिस ने कहा था कि उन्होंने शिकायत दर्ज कर ली है लेकिन आधिकारिक तौर पर शिकायत 14 मई को दर्ज की गई. शिकायत की एक कॉपी हमारे पास है उसमें यही तारीख लिखी है.’

परिवार ने आरोप लगाया कि जफरपुर थाने की पुलिस की ओर से जांच में ढिलाई बरती गई जिसके चलते उन्हें अपनी बहन की तलाश में खुद ही आगे आना पड़ा.

मृतका की मां और बहन के साथ उनका चचेरा भाई भी पुलिस स्टेशन के चक्कर काट रहा था. उन्होंने बताया, ‘हमने उसके जीमेल अकाउंट से उसके बारे में पता लगाने की कोशिश की और एक ढाबे (सड़क के किनारे भोजनालय) से सीसीटीवी फुटेज भी प्राप्त किया. इस फुटेज में रवि और अनिल (आरोपी) को उसे थप्पड़ मारते और एक सफेद वैगनआर कार में घसीट कर ले जाते हुए देखा जा सकता है.’

उनके चचेरे भाई ने कहा कि मृतका की बहन ने ढाबे की सीसीटीवी फुटेज समेत सारी जानकारी पुलिस के साथ साझा की थी. उसके बावजूद पुलिस कोई मदद नहीं कर रही थी.

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस ने शव को ले जाने तक के लिए कार का इंतजाम करने से इंकार कर दिया था और हमसे खुद ही शव को ले जाने की व्यवस्था करने के लिए कहा. वो कहने लगे कि कार का इंतजाम करने के लिए उन्हें पचासियों जगह साइन करने पड़ेंगे (लंबी आधिकारिक प्रक्रिया).

परिवार ने दावा किया कि पुलिस ने शव मिलने के बाद भी एफआईआर (हत्या के लिए) दर्ज करने से इनकार कर दिया था. तब उन्हें भीम सेना की मदद लेने के लिए मजबूर होना पड़ा. अंततः भीम सेना के सदस्यों के विरोध के बाद प्राथमिकी दर्ज की गई.

बहन ने कहा, ‘पुलिस मामले में मददगार नहीं रही है. उन्होंने तो किसी भी तरह के यौन उत्पीड़न तक से इनकार किया है. लेकिन मैंने उसका शरीर देखा है. उसके चेहरे पर चोट के निशान थे, उसकी नाक टूटी हुई थी. उन्होंने (आरोपी ने) पहले प्रताड़ित करने की कोशिश की और फिर उस तेजाब से हमला भी किया.’

उसने बताया कि ‘अगर पुलिस पहले कार्रवाई कर लेती तो यह सब नहीं होता. लेकिन हम तब तक चैन से नहीं बैठेंगे, जब तक मेरी बहन को इंसाफ नहीं मिल जाता.’

जब महिला का शव मिला तो उसके शरीर पर कपड़े नहीं था, इस स्थिति का जिक्र करते हुए उसके चचेरे भाई ने कहा, ‘हमें उसे पहचानने में पांच से दस मिनट लगे. उसने अपने टखने पर एक काला धागा बांधा हुआ था, उसी से हमने उसकी पहचान की.’

उन्होंने आरोप लगाया, ‘क्योंकि हम गरीब और दलित हैं इसलिए हमारे साथ इस तरह का व्यवहार किया गया. अगर पीड़िता अमीर और ऊंची जाति के परिवार से होती तो मंत्री खुद परिवार से मिलने आते.’

(इस ख़बर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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