नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को मध्य प्रदेश के रीवा में स्थापित 750 मेगावाट की सौर परियोजना राष्ट्र को समर्पित करेंगे. राज्य के बाहर दिल्ली मेट्रो इसके संस्थागत ग्राहकों में एक होगा.
प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से बृहस्पतिवार को जारी एक बयान में कहा गया कि इस परियोजना में एक सौर पार्क के अंदर स्थित 500 हेक्टेयर भूमि पर 250-250 मेगावाट की तीन सौर उत्पादन इकाइयां शामिल हैं.
बयान के मुताबिक, ‘यह परियोजना सालाना लगभग 15 लाख टन कार्बन डाइऑक्साइड के बराबर कार्बन उत्सर्जन को कम करेगी.’
प्रधानमंत्री डिजिटल माध्यम से आयोजित एक समारोह में इस परियोजना को राष्ट्र के नाम समर्पित करेंगे.
यह परियोजना राज्य के बाहर एक संस्थागत ग्राहक को आपूर्ति करने वाली पहली अक्षय ऊर्जा परियोजना भी है. यह दिल्ली मेट्रो को अपनी कुल उत्पादन का 24 प्रतिशत बिजली देगी जबकि शेष 76 प्रतिशत बिजली मध्य प्रदेश के राज्य बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) को आपूर्ति की जाएगी.
रीवा परियोजना 100 गीगा वाट (जीडब्ल्यू) की सौर स्थापित क्षमता के साथ 2022 तक 175 गीगा वाट (जीडब्ल्यू) की स्थापित अक्षय ऊर्जा क्षमता के लक्ष्य को प्राप्त करने की भारत की प्रतिबद्धता का उदाहरण भी है.
बयान में कहा गया कि केंद्र और राज्य सरकारों के बीच तालमेल होने पर हासिल होने वाले परिणामों का रीवा सौर परियोजना उत्कृष्ट उदाहरण है. यह परियोजना ग्रिड समता अवरोध को तोड़ने वाली देश की पहली सौर परियोजना है.
साल 2017 की शुरूआत में उस समय की मौजूदा सौर परियोजना की लगभग 4.50 रुपये प्रति यूनिट की दर की तुलना में रीवा परियोजना ने 15 वर्षों तक 0.05 रुपये प्रति यूनिट की वृद्धि के साथ पहले साल 2.97 रुपये प्रति यूनिट और 25 साल की अवधि के लिए 3.30 रुपये प्रति यूनिट की स्तरीय दर के साथ ऐतिहासिक परिणाम प्राप्त किए.
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बयान के मुताबिक रीवा परियोजना को भारत और विदेशों में इसकी ठोस परियोजना संरचना और नवाचारों के लिए जाना जाता है. एमएनआरई द्वारा बिजली डेवलपर्स के जोखिम को कम करने के लिए इसके भुगतान सुरक्षा तंत्र को अन्य राज्यों के लिए एक मॉडल के रूप में अनुशंसित किया गया है.
बताया गया कि नवाचार और उत्कृष्टता के लिए इसे वर्ल्ड बैंक ग्रुप प्रेसिडेंट अवॉर्ड भी मिला है. यही नहीं, इसे प्रधानमंत्री की ‘अ बुक ऑफ इनोवेशन: न्यू बिगनिंग्स’ पुस्तक में भी शामिल किया गया है.
इस सौर पार्क को रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर लिमिटेड (आरयूएमएसएल) ने विकसित किया है जो मध्य प्रदेश उर्जा विकास निगम लिमिटेड (एमपीयूवीएन) और केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र की ईकाई सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एसईसीआई) की संयुक्त उद्यम कंपनी है.
इस सौर पार्क के विकास के लिए आरयूएमएसएल को 138 करोड़ रुपये की केंद्रीय वित्तीय मदद प्रदान की गई है. पार्क के विकसित हो जाने के बाद आरयूएमएसएल ने पार्क के अंदर 250 मेगावाट की तीन सौर उत्पादन इकाइयों का निर्माण करने के लिए रिवर्स ऑक्शन के माध्यम से महिंद्रा रिन्यूएबल्स प्राइवेट लिमिटेड, एसीएमई जयपुर सोलर पावर प्राइवेट लिमिटेड और आरिन्सन क्लीन एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड का चयन किया था.