नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में कहा कि भारत सौर ऊर्जा और अंतरिक्ष के क्षेत्र में कमाल कर रहा है व पूरी दुनिया उसकी उपलब्धियां देखकर ‘हैरान’ है.
मोदी ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की हाल में अंतरिक्ष में 36 उपग्रहों को एक साथ स्थापित करने की सफलता का जिक्र किया और इसे देश के युवाओं की ओर से ‘दिवाली का विशेष तोहफा’ बताया.
उन्होंने कहा कि इस प्रक्षेपण के साथ ही देशभर में डिजिटल संपर्क और मजबूत हो जाएगा तथा दूरस्थ इलाकों को भी भारत के शेष हिस्सों से अधिक आसानी से जोड़ा जा सकेगा. उन्होंने इसे अपनी सरकार के आत्म-निर्भरता पर जोर देने का एक सफल उदाहरण बताया.
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘जब देश आत्म-निर्भर होता है तो वह कैसे सफलता की नयी ऊंचाइयों पर पहुंचता है, यह इसका भी उदाहरण है.’ उन्होंने कहा कि भारत को कभी क्रायोजेनिक रॉकेट तकनीक देने से इनकार कर दिया गया था, लेकिन इसके वैज्ञानिकों ने देश में ही यह तकनीक विकसित कर दी.
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उन्होंने कहा कि अब इसकी मदद से दर्जनों उपग्रहों को अंतरिक्ष में भेजा जा रहा है.
उन्होंने कहा कि इससे देश वैश्विक वाणिज्यिक बाजार में एक मजबूत ‘खिलाड़ी’ बनकर उभरा है तथा नये अवसर पैदा हो गए हैं.
उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष क्षेत्र को निजी क्षेत्र के लिए खोले जाने के कारण कई युवाओं के स्टार्टअप इसमें शामिल हो रहे हैं तथा इससे क्रांतिकारी परिवर्तन आए हैं.
मोदी ने कहा कि भारत 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने के संकल्प के साथ काम कर रहा है और यह सभी के प्रयासों से ही अपने लक्ष्यों को हासिल कर सकता है.
उन्होंने कहा, ‘भारतीय उद्योग और स्टार्टअप नये नवाचारों और नयी प्रौद्योगिकियों को इस क्षेत्र में लाने में जुटे हैं. खासतौर पर इस क्षेत्र में ‘इन-स्पेस’ के साथ भागीदारी से बहुत असर पड़ने वाला है.’
प्रधानमंत्री ने इस संदर्भ में छात्रों की शक्ति की भी प्रशंसा की और कहा कि इसे महज छात्र संघ की राजनीति तक ही सीमित नहीं करना चाहिए. उन्होंने कहा कि छात्र शक्ति ही भारत को शक्तिशाली बनाने का आधार है.
उन्होंने कहा, ‘जिस तरह हमारे युवा हैकाथॉन्स में समस्याएं हल करते हैं और रात-रात भर जागकर घंटों काम करते हैं, वह बहुत ही प्रेरणा देने वाला है. हाल के वर्षों में हुई हैकाथॉन में देश के लाखों युवाओं ने कई चुनौतियों को पार किया और देश को नये समाधान दिए.’
मोदी ने कहा कि 14-15 अक्टूबर को सभी 23 भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) अपने नवाचार तथा अनुसंधान परियोजनाएं दिखाने के लिए पहली बार एक मंच पर आए तथा देशभर से छात्रों एवं अनुसंधानकर्ताओं ने 75 से अधिक उत्कृष्ट परियोजनाएं दिखायीं.
उन्होंने कुछ की जानकारियां देते हुए कहा कि इसमें स्वास्थ्य देखभाल, खेती, रोबोटिक्स, सेमीकंडक्टर, 5जी संचार जैसे विषयों पर परियोजनाएं बनायी गयीं.
उन्होंने कहा कि कई आईआईटी संस्थान बहुभाषी परियोजना पर भी एक साथ मिलकर काम कर रहे हैं, जो स्थानीय भाषाएं सीखने के तरीकों को आसान बनाती है. उन्होंने कहा कि इससे राष्ट्रीय शिक्षा नीति को अपना लक्ष्य हासिल करने में मदद मिलेगी.
प्रधानमंत्री ने लोगों को छठ पर्व की बधाई देते हुए कहा कि इसका प्रकृति से गहरा जुड़ाव है तथा इसमें डूबते एवं उगते सूर्य की उपासना की जाती है.
उन्होंने कहा कि भारत जिस तरीके से सौर ऊर्जा का उपयोग कर रहा है वह भी ‘सूर्य देव का आशीर्वाद’ है. उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया पर्यावरण अनुकूल सौर ऊर्जा में अपना भविष्य देख रही है.
मोदी ने कहा, ‘भारत, आज अपने पारंपरिक अनुभवों को आधुनिक विज्ञान से जोड़ रहा है. तभी आज हम सौर ऊर्जा से बिजली बनाने वाले सबसे बड़े देशों में शामिल हो गए हैं. सौर ऊर्जा से कैसे हमारे देश के गरीब और मध्यम वर्ग के जीवन में बदलाव आ रहा है, यह भी अध्ययन का विषय है.’
‘पीएम कुसुम योजना’ का जिक्र करते हुए उन्होंने विस्तार से बताया कि कैसे लोगों ने इसका फायदा उठाकर न केवल अपने बिजली का बिल कम किया, बल्कि इससे वे धन और कुछ मामलों में रोजगार भी अर्जित कर रहे हैं.
उन्होंने भारत के पहले सौर गांव गुजरात के मोढेरा के निवासियों से भी बात की और कहा कि ज्यादातर निवासियों ने सौर ऊर्जा से बिजली पैदा करना शुरू कर दिया है.
उन्होंने कहा, ‘वह दिन दूर नहीं है जब भारत में सूर्यग्रामों का निर्माण बहुत बड़ा जनांदोलन बनेगा और इसकी शुरुआत मोढेरा गांव के लोग कर ही चुके हैं.’
मोदी ने कहा कि सूर्य देव की उपासना की परंपरा इस बात का सबूत है कि हमारी संस्कृति और आस्था का प्रकृति से कितना गहरा जुड़ाव है. उन्होंने कहा, ‘छठ का पर्व हमारे जीवन में स्वच्छता के महत्व पर भी जोर देता है. इस पर्व के आने पर सामुदायिक स्तर पर सड़क, नदी, घाट, पानी के विभिन्न स्त्रोतों, सबकी सफाई की जाती है. छठ का पर्व ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ का भी उदाहरण है. आज बिहार और पूर्वांचल के लोग देश के जिस भी कोने में हैं, वहां धूमधाम से छठ का आयोजन हो रहा है.’
उन्होंने 31 अक्टूबर को वल्लभभाई पटेल की जयंती पर राष्ट्रीय एकता दिवस के मौके पर ‘रन फॉर यूनिटी’ आयोजित किए जाने का जिक्र करते हुए कहा कि यह दौड़ देश में एकता के सूत्र को मजबूत करती है और हमारे युवाओं को प्रेरित करती है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि हाल में राष्ट्रीय खेलों के दौरान भी ऐसी ही भावना देखी गयी.
उन्होंने कहा कि ‘जुड़ेगा इंडिया तो जीतेगा इंडिया’ थीम के साथ ही राष्ट्रीय खेलों ने जहां एकता का मजबूत संदेश दिया, वहीं भारत की खेल संस्कृति को भी बढ़ावा देने का काम किया है.’
मोदी ने यह भी कहा कि 15 नवंबर को ‘जनजातीय गौरव दिवस’ है. इसके साथ ही उन्होंने बिरसा मुंडा को श्रद्धांजलि भी दी.
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