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Tuesday, 23 April, 2024
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‘मन की बात’ में पीएम मोदी ने देश को दिए तीन मंत्र, कहा- इससे मिलते हैं अभूतपूर्व परिणाम

युवाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि युवाओं से समृद्ध हर देश में तीन चीजें बहुत मायने रखती हैं. पहली चीज है – आइडियाज़ और इनोवेशन. दूसरी है – जोखिम लेने का जज्बा और तीसरी है – कैन डू स्पिरिट, यानी किसी भी काम को पूरा करने की ज़िद.

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नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज ‘मन की बात’ में देश को संबोधित किया. अभी तक का पीएम का देश को यह 83वां संबोधन था. बता दें कि पीएम हर माह के अंतिम रविवार को देश को मन की बात के जरिए संबोधित करते हैं.

पीएम मोदी ने मन की बात की शुरुआत में ‘अमृत महोत्सव’ का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि अमृत महोत्सव, सीखने के साथ ही हमें देश के लिए कुछ करने की भी प्रेरणा देता है. आगे उन्होंने कहा, अब तो देश-भर में आम लोग हों या सरकारें, पंचायत से लेकर पार्लियामेंट तक, अमृत महोत्सव की गूंज है और लगातार इस महोत्सव से जुड़े कार्यक्रमों का सिलसिला चल रहा है.

जनजातीय समुदाय का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘आजादी में अपने जनजातीय समुदाय के योगदान को देखते हुए देश ने जनजातीय गौरव सप्ताह भी मनाया है. देश के अलग-अलग हिस्सों में इससे जुड़े कार्यक्रम भी हुए. अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में जारवा और ओंगे, ऐसे जनजातीय समुदायों के लोगों ने अपनी संस्कृति का जीवंत प्रदर्शन किया.’

दिल्ली के एक कार्यक्रम का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि पिछले दिनों दिल्ली में ‘आजादी की कहानी-बच्चों की जुबानी’ कार्यक्रम में बच्चों ने स्वाधीनता संग्राम से जुड़ी गाथाओं को प्रस्तुत किया. खास बात ये रही कि इसमें भारत के साथ नेपाल, मॉरिशस, तंजानिया, न्यूजीलैंड और फीजी के छात्र भी शामिल हुए.

इस दौरान उन्होंने वृन्दावन का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा, वृन्दावन के बारे में कहा जाता है कि ये भगवान के प्रेम का प्रत्यक्ष स्वरूप है. बुंदलेखंड क्षेत्र का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि हमारे स्वतंत्रता संग्राम में झांसी और बुंदेलखंड का कितना बड़ा योगदान है, ये हम सब जानते हैं. यहां रानी लक्ष्मीबाई और झलकारी बाई जैसी वीरांगनाएं भी हुईं और मेजर ध्यानचंद जैसे खेल रत्न भी इस क्षेत्र ने देश को दिये हैं.

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प्राकृतिक संसाधनों को बचाने और उनका ध्यान रखने के बारे में भी पीएम मोदी ने जिक्र किया. उन्होंने कहा, ‘प्रकृति से हमारे लिए खतरा तभी पैदा होता है जब हम उसके संतुलन को बिगाड़ते हैं या उसकी पवित्रता नष्ट करते हैं. प्रकृति मां की तरह हमारा पालन भी करती है और हमारी दुनिया में नए-नए रंग भी भरती है. अभी मैं सोशल मीडिया पर देख रहा था, मेघालय में एक फ्लाइंग बोट की तस्वीर खूब वायरल हो रही है. पहली ही नज़र ये तस्वीर हमें आकर्षित करती है. आपमें से भी ज्यादातर लोगों ने इसे ऑनलाइन जरूर देखा होगा. नदी का पानी इतना साफ़ है कि हमें उसकी तलहटी दिखती है. हमारे देश में अनेक राज्य हैं, अनेक क्षेत्र है जहां के लोगों ने अपनी प्राकृतिक विरासत के रंगों को संजोकर रखा है.’

आगे उन्होंने कहा, ‘इन लोगों ने प्रकृति के साथ मिलकर रहने की जीवनशैली आज भी जीवित रखी है. ये हम सबके लिए भी प्रेरणा है. हमारे आस-पास जो भी प्राकृतिक संसाधन है, हम उन्हें बचाएं, उन्हें फिर से उनका असली रूप लौटाएं. इसी में हम सबका हित है, जग का हित है.’

सरकारी प्रयास का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि सरकार के प्रयासों से, सरकार की योजनाओं से कैसे कोई जीवन बदला उस बदले हुए जीवन का अनुभव क्या है? जब ये सुनते हैं तो हम भी संवेदनाओं से भर जाते हैं. यह मन को संतोष भी देता है और उस योजना को लोगों तक पहुंचाने की प्रेरणा भी देता है.

जालौन के नून नदी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि जालौन में एक पारंपरिक नदी है- नून नदी. नून यहां के किसानों के लिए पानी प्रमुख स्रोत हुआ करती थी. लेकिन धीरे-धीरे नून नदी लुप्त होने के कगार पर पहुंच गई. जालौन के लोगों ने इस स्थिति को बदलने का बीढ़ा उठाया. आज इतने कम समय में ये नदी फिर जीवित हो गई है.

आगे पीएम मोदी ने कहा कि मैं आज भी सत्ता में नहीं हूं, और भविष्य में भी सत्ता में जाना नहीं चाहता हूं. मैं सिर्फ सेवा में रहना चाहता हूं. मेरे लिए ये पद, सत्ता के लिए है ही नहीं, सेवा के लिए है.

युवाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि युवाओं से समृद्ध हर देश में तीन चीजें बहुत मायने रखती हैं. पहली चीज है – आइडियाज़ और इनोवेशन. दूसरी है – जोखिम लेने का जज्बा और तीसरी है – कैन डू स्पिरिट, यानी किसी भी काम को पूरा करने की ज़िद. जब ये 3 चीजें आपस में मिलती हैं तो अभूतपूर्व परिणाम मिलते हैं.

आगे उन्होंने कहा, ‘आपको ये जानकार बेहद ख़ुशी होगी कि अब यूनीकॉर्न की दुनिया में भी भारत तेज उड़ान भर रहा है. एक रिपोर्ट के मुताबिक इसी साल एक बड़ा बदलाव आया है. सिर्फ 10 महीनों में ही भारत में हर 10 दिन में एक यूनीकॉर्न बना है.

स्टार्ट-अप की दुनिया में आज भारत विश्व में एक प्रकार से नेतृत्व कर रहा है. साल दर साल स्टार्ट-अप्स को रिकॉर्ड निवेश मिल रहा है. ये क्षेत्र बहुत तेज रफ्तार से आगे बढ़ रहा है. देश के हर छोटे-छोटे शहर में भी स्टार्ट-अप की पहुंच बढ़ी है.’


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