scorecardresearch
Friday, 1 November, 2024
होमदेशकश्मीर में गड़बड़ी के लिए PDP के युवा नेता पर्रा ने गिलानी के दामाद को 5 करोड़ रुपये दिए थे: NIA

कश्मीर में गड़बड़ी के लिए PDP के युवा नेता पर्रा ने गिलानी के दामाद को 5 करोड़ रुपये दिए थे: NIA

पर्रा ने अपने वकील के जरिए इन आरोपों से इनकार किया है और उसका दावा है कि उसे राजनीतिक कारणों से गिरफ्तार किया गया है.

Text Size:

जम्मू/ नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआईए ने आरोप लगाया है कि पीडीपी के युवा नेता वहीद-उर-रहमान पर्रा ने हिजबुल मुजाहिदीन सदस्य बुरहान वानी की 2016 में मौत के बाद कश्मीर में गड़बड़ी जारी रखने के लिए कट्टरपंथी हुर्रियत कांफ्रेंस नेता सैयद अली शाह गिलानी के दामाद को पांच करोड़ रुपये दिए थे.

एनआईए ने हाल ही में जम्मू में एक विशेष अदालत में दायर विस्तृत आरोपपत्र में आरोप लगाया है कि पर्रा हिजबुल मुजाहिदीन और लश्कर-ए-तैयबा जैसे प्रतिबंधित आतंकवादी समूहों से जुड़े रहे हैं. पर्रा को पिछले साल नवंबर में गिरफ्तार किया गया था.

एनआईए ने आरोप लगाया है कि जुलाई 2016 में सेना के साथ मुठभेड़ में वानी की मौत के बाद पर्रा, अल्ताफ अहमद शाह उर्फ ​​अल्ताफ फंटूश के संपर्क में आया और शाह को यह सुनिश्चित करने को कहा कि घाटी में व्यापक अशांति और पथराव की घटनाएं जारी रहनी चाहिए.

पर्रा ने अपने वकील के जरिए इन आरोपों से इनकार किया है और उसका दावा है कि उसे राजनीतिक कारणों से गिरफ्तार किया गया है.

एनआईए अदालत ने उसे जमानत दे दी थी और कहा था कि मूल आरोपपत्र और पिछले साल जुलाई एवं अक्टूबर में दायर पूरक आरोपपत्र में उसका कोई संदर्भ नहीं है.

अदालत ने कहा कि मूल आरोपपत्र में पर्रा की संलिप्तता के संबंध में ‘जिक्र नहीं है’ और फरवरी, 2020 में एक आरोपी का एक बयान था जिसमें पर्रा को कथित तौर पर शामिल किया गया.

हालांकि उसे मुख्यधारा के नेताओं और अलगाववादियों के बीच सांठगांठ से संबंधित मामले में कश्मीर में सीआईडी के ‘काउंटर इंटेलिजेंस विंग’ ने गिरफ्तार किया था तथा वह तब से जेल में है. श्रीनगर में एनआईए अदालत ने उसकी जमानत खारिज कर दी थी.

पीडीपी ने पहले दावा किया था कि केंद्र यह सुनिश्चित करने के लिए दबाव की रणनीति अपना रहा है ताकि उनके नेता पार्टी बदल लें और भाजपा के संरक्षण वाले दलों में शामिल हो जाएं.

एनआईए के आरोपपत्र में आरोप लगाया गया है कि पर्रा ने शाह को पांच करोड़ रुपये दिए थे और शाह को गिलानी का करीबी सहयोगी भी माना जाता है.

इसमें दावा किया गया है कि यह राशि हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के कट्टरपंथी धड़े से जुड़े शाह को दी गयी ताकि वानी की मौत के बाद कश्मीर घाटी में अशांति कायम रहे.

वानी की मौत के बाद कश्मीर में सबसे लंबे समय तक अशांति रही और करीब 53 दिनों तक कर्फ्यू रहा. इस दौरान करीब 100 लोगों की मौत हो गयी और 4,000 सुरक्षाकर्मियों सहित हजारों लोग घायल हुए थे.


यह भी पढ़ें: बांग्लादेश की आजादी के लिए संघर्ष मेरे जीवन के पहले आंदोलनों में से एक था: नरेंद्र मोदी


 

share & View comments