नयी दिल्ली, 24 मार्च (भाषा) संसद की एक समिति ने बृहस्पतिवार को कहा कि केंद्रीय कृषि मंत्रालय किसानों की आय दोगुना करने के लक्ष्य को हासिल नहीं कर पाया है और इस बात की ओर ध्यान दिलाया कि वर्ष 2015-16 से वर्ष 2018-19 के बीच झारखंड, मध्य प्रदेश, नागालैंड और ओडिशा जैसे कुछ राज्यों में किसानों की आय में गिरावट आई है।
समिति ने मंत्रालय को इन राज्यों में किसानों की आय में गिरावट के कारणों का पता लगाने और सुधारात्मक कदम उठाने के लिए एक विशेष टीम बनाने की सिफारिश की है।
कृषि, पशुपालन और खाद्य प्रसंस्करण पर संसद की स्थायी समिति ने कृषि मंत्रालय के लिए ‘अनुदान मांग’ संबंधी अपनी रिपोर्ट बृहस्पतिवार को संसद के दोनों सदनों में पेश की।
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘यह एक तथ्य है कि भारत सरकार के कई विभाग, संगठन और मंत्रालय इस देश के प्रत्येक किसान की आय को एक निश्चित समय सीमा के भीतर दोगुना करने के लिए जिम्मेदार हैं।’’ हालांकि, पैनल ने यह भी कहा कि इस बात से कोई इंकार नहीं है कि किसानों की आय दोगुनी करने का प्रमुख कार्य कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के पास है।
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘विभाग द्वारा दिए गए उत्तर से प्रतीत होता है कि विभाग किसानों की आय को दोगुना करने के लक्ष्य से दूर है, बल्कि कुछ राज्यों में वर्ष 2015-16 और वर्ष 2018-19 के बीच यानी चार वर्षों में यह कम हो गयी है। जैसे झारखंड में 7,068 रुपये से घटकर 4,895 रुपये, मध्य प्रदेश में यह 9,740 रुपये से घटकर 8,339 रुपये, नागालैंड में यह 11,428 रुपये से घटकर 9,877 रुपये और ओडिशा में 5,274 रुपये से घटकर 5,112 रुपये रह गयी है।’’
समिति ने यह तब हुआ है जब अखिल भारतीय राष्ट्रीय सांख्यिकी संगठन द्वारा किए गए स्थिति आकलन सर्वेक्षण के अनुसार, देश की मासिक कृषि घरेलू आय 8,059 रुपये से बढ़ाकर 10,218 रुपये हो गई है। समिति ने कहा कि यह उपलब्धि ‘प्रशंसनीय’ है।
भाषा राजेश राजेश माधव
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