नयी दिल्ली, 21 मई (भाषा) कांग्रेस ने बुधवार को कहा कि पहलगाम आतंकी हमला गृह मंत्रालय की बड़ी सुरक्षा विफलता है और गृह मंत्री अमित शाह को इसकी जिम्मेदारी स्वीकार करनी चाहिए।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि इस हमले को एक महीना हो चुका है, लेकिन इस घटना को अंजाम देने वाले आतंकवादी आखिर कब पकड़े जाएंगे।
रमेश ने ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में कहा कि पाकिस्तान के खिलाफ कूटनीतिक प्रयास अपनी जगह ठीक हैं, लेकिन यह भी जरूरी है कि निर्दोष भारतीय नागरिकों की हत्या करने वालों को पकड़कर दंडित किया जाए।
उन्होंने 2008 के मुंबई आतंकी हमले का उल्लेख करते हुए कहा कि उस समय आतंकवादियों को कानून की जद में लाया गया था और पाकिस्तान को भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेनकाब किया गया था।
रमेश ने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि पहलगाम हमले में शामिल आतंकियों को पकड़ा जाए। इस हमले को एक महीना पूरा होने को आया है। कूटनीतिक प्रयास ठीक हैं, लेकिन हमला करने वाले आतंकवादियों को पकड़ना और उन्हें दंडित करना जरूरी है।’’
उन्होंने राहुल गांधी पर भाजपा नेताओं के हमलों को लेकर पलटवार करते हुए कहा, ‘‘जिन्ना को क्लीन चिट देकर उनकी तारीफ किसने की थी? जसवंत सिंह ने जिन्ना की प्रशंसा की थी। अटल बिहारी वाजपेयी ने लाहौर तक बस यात्रा की थी। नवाज शरीफ के साथ नाश्ते पर कौन गया था? यह हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी थे।’’
रमेश ने प्रधानमंत्री मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘‘जब आप हताश हो गए हैं, आपकी छवि धूमिल हो चुकी है तो सांसदों को विदेश भेज रहे हैं।’’
उन्होंने कहा कि हालिया सैन्य संघर्ष में चीन ने पाकिस्तान की मदद की थी और दोनों देशों के इसी गठजोड़ को लेकर कांग्रेस और राहुल गांधी पहले ही सवाल उठा चुके हैं।
कांग्रेस नेता ने दावा किया कि अब भाजपा की तरफ से सरकार की विफलताओं से ध्यान भटकाने का प्रयास किया जा रहा है।
पार्टी के ‘पूर्व सैनिक विभाग’ के अध्यक्ष कर्नल (सेवानिवृत्त) रोहित चौधरी ने कहा, ‘‘हम सरकार से अनुरोध करते हैं कि वह लोगों को बताए कि पहलगाम हमला कैसे हुआ और कैसे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया गया। मैंने अपने करियर में कभी नहीं देखा कि आतंकवादी एक-एक आदमी को चुन-चुनकर मारते हैं, अपने जाने का सुरक्षित रास्ता खोजकर रखते हैं और निकल जाते हैं।’’
उन्होंने दावा किया कि यह सुरक्षा की बहुत बड़ी विफलता है और यह नाकामी गृह मंत्रालय की है।
चौधरी ने कहा कि शाह को इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए क्योंकि सुरक्षा का मामला गृह मंत्रालय के अंतर्गत आता है।
उन्होंने बताया कि शाह ने हमले से ठीक दो हफ्ते पहले सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की थी और दावा किया था कि सब कुछ ठीक है।
चौधरी ने दावा किया कि कथित तौर पर खुफिया जानकारी के आधार पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का जम्मू-कश्मीर दौरा रद्द हुआ था।
उन्होंने सवाल किया कि जब इस तरह की सूचना पहले से थी तो कोई एहतियाती कदम क्यों नहीं उठाए गए?
चौधरी ने कहा कि भारतीय सशस्त्र बल 100 फीसदी सफल रहे, लेकिन एक नेता के तौर पर प्रधानमंत्री मोदी विफल रहे हैं।
आतंकवादियों ने बीते 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 26 लोगों की हत्या कर दी थी। मारे गए लोगों में ज्यादातर पर्यटक थे। इसके बाद भारतीय सशस्त्र बलों ने छह और सात मई की दरमियानी रात को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ अभियान चलाकर पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर में कई आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए थे।
भाषा हक हक पवनेश
पवनेश
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