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Friday, 20 December, 2024
होमदेशमुंडका में आग लगने वाली इमारत का मालिक गिरफ्तार, पुलिस ने कहा- दोषियों के खिलाफ होगी कड़ी कार्रवाई

मुंडका में आग लगने वाली इमारत का मालिक गिरफ्तार, पुलिस ने कहा- दोषियों के खिलाफ होगी कड़ी कार्रवाई

पुलिस ने दिल्ली और हरियाणा में तमाम छापे मारने के बाद मनीष लकड़ा को गिरफ्तार किया. इसके अलावा पुलिस ने इमारत में चल रही कंपनी के मालिक हरीश गोयल और वरुण गोयल को भी शनिवार को गिरफ्तार कर लिया.

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नई दिल्लीः दिल्ली पुलिस ने मुंडका मेट्रो स्टेशन के नजदीक उस चार मंजिला इमारत के मालिक को गिरफ्तार कर लिया है जिसमें आग लगने की वजह से 21 महिलाओं सहित करीब 27 लोगों की मौत हो गई थी. इमारत के मालिक का नाम मनीष लकड़ा है.

घटना के बाद से ही दो दिनों से इमारत का मालिक गायब था क्योंकि तमाम रिपोर्ट्स के मुताबिक ऐसा कहा जा रहा था कि बिल्डिंग में सुरक्षा के उचित इंतजाम नहीं किए गए थे. यानी बिल्डिंग में सुरक्षा को लेकर तय नियम की अनदेखी की गई थी.

दिल्ली और हरियाणा में मारे गए छापे

पुलिस ने दिल्ली और हरियाणा में तमाम छापे मारने के बाद लकड़ा को गिरफ्तार किया. इसके अलावा पुलिस ने इमारत में चल रही कंपनी के मालिक हरीश गोयल और वरुण गोयल को भी शनिवार को गिरफ्तार कर लिया. बता दें कि इस इमारत को हरीश और वरुण गोयल ने किराए पर ले रखी थी जो कि अपनी कंपनी चलाते थे.

मामले में आईपीसी की धारा 304 (गैर-इरादतन हत्या), 308 (गैर-इरादतन हत्या के प्रयास), 120 (कारावास से दण्डनीय अपराध करने की परिकल्पना को छिपाना) इत्यादि में एफआईआर दर्ज की गई है.

वहीं दिल्ली पुलिस ने 13 मई को ट्वीट किया कि मुंडका में एक बिल्डिंग में आग लगने की घटना के बारे में पीसीआर कॉल मिलने पर दिल्ली पुलिस मौके पर पहुंची और फायर ब्रिगेड के साथ मिलकर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया. अभी 12 घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. करीब 50 लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है और 26 लाशें रिकवर की जा चुकी हैं.

सेवा में 30 से ज्यादा फायर टेंडर लगाए गए हैं और पीड़ितों को त्वरित मेडिकल सहायता देने के लिए एंबुलेंस सुविधा भी प्रदान की गई है.

सिर्फ आठ लोगों को हो पाई है पहचान

चश्मदीदों के मुताबिक शुक्रवार को आग दिन में करीब साढ़े तीन बजे लगी. सबसे पहले पहली मंजिल पर जेनरेटर रूम में आग देखी गई लेकिन थोड़ी ही देर में पूरी बिल्डिंग में आग फैल गई.

अभी तक जो लाशें रिकवर की गई हैं उनमें से सिर्फ आठ की ही पहचान हो पाई है जबकि बाकी के डीएनए सैंपल लिए जा रहे हैं. माना जा रहा है कि अंदर करीब 19 लोग ऐसे थे जो लोग अभी भी गायब हैं.

बिल्डिंग में सुरक्षा मानकों का ध्यान नहीं रखा गया था. वहां किसी तरह के इमरजेंसी एग्जिट, वेंटिलेशन शाफ्टत या फायर एक्सटिंग्विशर की व्यवस्था नहीं थी.

आउटर जिले के डिप्टी कमिश्नर समीर शर्मा ने कहा कि जिन लोगों ने भी गलत किया है और नियमों का पालन नहीं किया है उन सबके खिलाफ ऐक्शन लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि पूरी जांच की जाएगी और जिन अधिकारियों को दोषी पाया जाएगा उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी.


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