scorecardresearch
Sunday, 26 May, 2024
होमदेशहमारी सरकार ने पूर्वोत्तर के विकास की राह में आई कई बाधाओं को ‘रेड कार्ड’ दिखाया है: PM मोदी

हमारी सरकार ने पूर्वोत्तर के विकास की राह में आई कई बाधाओं को ‘रेड कार्ड’ दिखाया है: PM मोदी

प्रधानमंत्री ने कहा कि कई शांति समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए, अंतर-राज्यीय सीमा समझौते किए गए और चरमपंथ की घटनाओं में कमी आई है.

Text Size:

नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मेघालय के शिलांग में कहा कि उनकी सरकार ने आठ साल के कार्यकाल में पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास की राह में आई सभी बाधाओं को दूर कर दिया है. वहीं, त्रिपुरा में विभिन्न परियोजनाओं का शिलान्यास करते हुए उन्होंने कहा कि हम राज्य को लोकल से ग्लोबल बनाने की ओर बढ़ रहे हैं.

पूर्वोत्तर परिषद (एनईसी) की स्वर्ण जयंती के मौके पर शिलांग में एक जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा कि क्षेत्र में प्रदान की गई बेहतर हवाई सेवाओं से कृषि उत्पाद के निर्यात में मदद मिल रही है जिससे किसानों को फायदा पहुंच रहा है.

कतर में फीफा विश्व कप के फाइनल मुकाबले से पहले मोदी ने कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार ने पूर्वोत्तर के विकास की राह में आई कई बाधाओं को ‘रेड कार्ड’ दिखाया है.

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘भ्रष्टाचार, भेदभाव, हिंसा और वोटबैंक की राजनीति जैसी बाधाओं को हटाया गया.’

उन्होंने कहा कि पहले पूर्वोत्तर को बांटने के प्रयास किए गए लेकिन अब हम इस तरह के प्रयासों को रोक रहे हैं.

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें


यह भी पढ़ेंः भारतीय स्कूलों में ट्रांसजेंडर और नॉन-बाइनरी टीचर्स के साथ कैसा होता है बर्ताव- ‘स्वीकार्यता सिर्फ दिखावटी’


‘चरमपंथ की घटनाओं में कमी आई है’

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘जिन राजनीतिक दलों की लंबे समय से सरकारें थीं, उनकी पूर्वोत्तर के लिए ‘विभाजनकारी मानसिकता’ थी. अलग-अलग समुदाय हों, क्षेत्र हों- हम सभी विभाजनों को दूर कर रहे हैं. विवादों की सरहद नहीं, हम पूर्वोत्तर में विकास के गलियारे बना रहे हैं.’

मोदी ने कहा कि पिछले आठ सालों में कई संगठनों ने हिंसा का रास्ता छोड़कर शांति का रास्ता अपनाया. पूर्वोत्तर में AFSPA की जरूरत न रहे, इसके लिए राज्य सरकारों के साथ समन्वय कर स्थिति में लगातार सुधार किया जा रहा है.

मेघालय में उन्होंने कई परियोजनाओं का उद्घाटन और उनकी नींव भी रखी. जिन परियोजनाओं का उद्घाटन किया गया उनमें ‘न्यू शिलांग टाउनशिप’ में भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम)-शिलांग भी शामिल है.

रविवार सुबह यहां पहुंचे प्रधानमंत्री पहले ‘स्टेट कन्वेंशन सेंटर’ में एनईसी के स्वर्ण जयंती समारोह में शामिल हुए. उनके साथ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और कई अन्य केंद्रीय मंत्रियों तथा गणमान्य लोगों ने भी इस कार्यक्रम में भाग लिया.

वहीं, त्रिपुरा के अगरतला में कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास के दौरान प्रदेश के मुख्यमंत्री माणिक साहा भी मौजूद रहे.

पीएम ने कहा, ‘मैं त्रिपुरा के लोगों का अभिनंदन करता हूं कि आप सबके प्रयास से यहां स्वच्छता से जुड़ा बहुत बड़ा अभियान आपने चलाया है. बीते 5 वर्षों में आपने स्वच्छता को जन आंदोलन बनाया है. इसी का परिणाम है कि इस बार त्रिपुरा छोटे राज्यों में देश का सबसे स्वच्छ राज्य बनकर उभरा है.’

उन्होंने कहा कि आज डबल इंजन सरकार का प्रयास है कि त्रिपुरा के छोटे किसानों, छोटे उद्यमियों और सबको बेहतर अवसर मिले. यहां का लोकल कैसे ग्लोबल बने इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं.

मोदी ने कहा कि डबल इंजन सरकार बनने से पहले तक सिर्फ 2 बार त्रिपुरा की नॉर्थ ईस्ट की चर्चा होती थी. एक जब चुनाव होते थे और दूसरा जब हिंसा की घटना होती थी. आज त्रिपुरा की चर्चा इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए होती है.

एक आधिकारिक बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर पिछले 50 वर्षों में पूर्वोत्तर के विकास में एनईसी के योगदान संबंधी पुस्तिका ‘गोल्डन फुटप्रिंट्स’ का भी विमोचन किया. एनईसी के 50 साल के सफर पर एक लघु फिल्म भी दिखाई गई.

मोदी ने क्षेत्र के विकास में एनईसी के योगदान की भी सराहना की.

क्षेत्र के आठ राज्यों को ‘अष्ट लक्ष्मी’ बताते हुए उन्होंने कहा कि सरकार को पूर्वोत्तर के विकास के लिए आठ नींव स्तंभ पर काम करना चाहिए. उन्होंने कहा कि ये आठ ‘नींव स्तंभ’ शांति, ऊर्जा, पर्यटन, 5जी कनेक्टिविटी, संस्कृति, प्राकृतिक खेती, खेल और सामर्थ्य है.

एक आधिकारिक बयान के अनुसार, ‘पूर्वोत्तर, दक्षिण-पूर्व एशिया का प्रवेश द्वार है और यह पूरे क्षेत्र के विकास का केंद्र बन सकता है. क्षेत्र की इस क्षमता का लाभ उठाने के लिए भारत-म्यांमा-थाईलैंड त्रिपक्षीय राजमार्ग और अगरतला-अखौरा रेल जैसी परियोजनाओं पर काम हो रहा है.’

प्रधानमंत्री ने कहा कि कई शांति समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए, अंतर-राज्यीय सीमा समझौते किए गए और चरमपंथ की घटनाओं में कमी आई है.

उन्होंने कहा कि पिछले आठ वर्ष में क्षेत्र में हवाई अड्डों की संख्या नौ से बढ़कर 16 हो गई है और उड़ानों की संख्या बढ़कर लगभग 1,900 हो गयी है जो 2014 से पहले लगभग 900 थी.

उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर के कई राज्य रेलवे के मानचित्र पर आए हैं और जलमार्गों के विस्तार के प्रयास भी किए जा रहे हैं.

मोदी ने कहा कि क्षेत्र में 2014 के बाद से राष्ट्रीय राजमार्गों की लंबाई 50 फीसदी तक बढ़ाई गई है. उन्होंने पनबिजली और पर्यटन क्षेत्रों की संभावना पर भी बात की.

एनईसी पूर्वोत्तर क्षेत्र के आर्थिक एवं सामाजिक विकास के लिए नोडल एजेंसी हैं. इस क्षेत्र में आठ राज्य अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड, सिक्किम और त्रिपुरा शामिल हैं. पूर्वोत्तर परिषद का गठन संसद के एक कानून के जरिए 1971 में किया गया था. हालांकि, इसका औपचारिक उद्घाटन सात नवंबर, 1972 को किया गया था.


यह भी पढ़ेंः अमित शाह की अध्यक्षता में अहम बैठक के दौरान ममता ने दिखाए तेवर, अलग से भी दोनों नेताओं ने की मुलाकात


 

share & View comments