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Monday, 23 December, 2024
होमदेशओमीक्रॉन और कोरोना ने फिर बढ़ाई धड़कन, विशेषज्ञ बोले- फरवरी में संक्रमण चरम पर होगा

ओमीक्रॉन और कोरोना ने फिर बढ़ाई धड़कन, विशेषज्ञ बोले- फरवरी में संक्रमण चरम पर होगा

ओमीक्रॉन से महाराष्ट्र में सर्वाधिक 167 मामले पाए गए हैं, दिल्ली में 165, केरल में 57, तेलंगाना में 55, गुजरात में 49 और राजस्थान में 46 मामले सामने आए हैं.

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नई दिल्ली: देश में ओमीक्रॉन के नए मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी जारी है. दिल्ली में कोविड-19 के ताजा मामलों की संख्या महीने की शुरुआत की तुलना में 10 गुना बढ़ने के बीच विशेषज्ञों ने सोमवार को कहा कि कोरोना के नये स्वरूप ओमीक्रॉन के कारण अगले कुछ महीनों में संक्रमण में वृद्धि होगी. फरवरी में कोरोना संक्रमण के चरम पर पहुंचने की आशंका है.

दिल्ली में रविवार को 0.55 प्रतिशत संक्रमण दर के साथ कोरोना के 290 नये मामले दर्ज किए गये, जबकि सोमवार को नए मामलों की संख्या 0.68 प्रतिशत संक्रमण दर के साथ 331 पर पहुंच गयी.

राष्ट्रीय राजधानी में एक दिसंबर को 0.07 प्रतिशत संक्रमण दर के साथ 39 नए मामले दर्ज किए गये थे. अगले दिन, संक्रमण दर घटकर 0.06 प्रतिशत हो गई, जबकि नए मामलों की संख्या 41 थी.

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 9 दिसंबर से 15 दिसंबर के बीच, दिल्ली में औसतन 48 दैनिक मामले दर्ज किए गए, जो 16 दिसंबर से 22 दिसंबर के बीच बढ़कर 95 हो गए. साप्ताहिक आधार पर इसमें 49.47 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी थी.

महामारी विज्ञानी गिरिधर आर. बाबू ने कहा, ‘इस बात की बहुत कम आशंका है कि त्योहारी सीजन के कारण मामलों की संख्या में वृद्धि हुई है, क्योंकि वैसी स्थिति में, नवंबर में दिवाली के 14 दिन बाद इसका प्रभाव देखा गया होता और नवंबर के अंत तक मामलों की संख्या बढ़ गई होती. ओमीक्रॉन स्वरूप के कारण संख्या बढ़ रही है, जो अत्यधिक संक्रामक है. मामलों में तेजी से उतार-चढाव देखा जाएगा, जबकि मध्य जनवरी और मध्य फरवरी के बीच इस संक्रमण के शिखर तक पहुंचने की आशंका है.’

सफदरजंग अस्पताल में सामुदायिक चिकित्सा विभाग के प्रमुख डॉ जुगल किशोर ने कहा कि कोरोनावायरस के मामलों की संख्या और संक्रमण दर में वृद्धि होना तय है, लेकिन यह मृत्यु दर में तब्दील नहीं होगा.

उन्होंने कहा, ‘हम केवल यह कह सकते हैं कि वर्तमान मामलों में से 60 प्रतिशत से 70 प्रतिशत मामले ओमीक्रोन से संबंधित हो सकते हैं, जबकि शेष अन्य स्वरूपों के कारण हो सकते हैं.’

वरिष्ठ डॉक्टर ने यह भी कहा कि जब तक स्थिति को अच्छी तरह से प्रबंधित किया जाएगा, तब तक कोई समस्या नहीं होगी.

 ओमीक्रॉन में आंकड़ा तेजी से बढ़ा

देश में ओमीक्रॉन का मामला 650 का आंकड़ा पार कर गया है. स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, देश में अब तक ओमीक्रॉन के 653 मामले सामने आए हैं. संक्रम‍ित मरीजों का दैन‍िक रेट 0.07 फीसदी है.

जिस तरह से ओमीक्रॉन के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, उस तरह से कोरोना मरीजों की संख्या में भी तेजी से इजाफा हो रहा है. ओमीक्रॉन के सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र में 167 और दिल्ली में 165 मामले सामने आए हैं.

बीते 24 घंटे में कोरोना के 6,358 नए मामले सामने आए.बीते दिन 293 मरीजों की मौत हुई. सबसे ज्यादा 1,636 मामले और सबसे ज्यादा 236 मौतें केरल में ही हुईं.

ओमीक्रॉन से महाराष्ट्र में सर्वाधिक 167 मामले पाए गए हैं, दिल्ली में 165, केरल में 57, तेलंगाना में 55, गुजरात में 49 और राजस्थान में 46 मामले सामने आए हैं.

मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, मुंबई और कई राज्यों ने रात्रि कर्फ्यू लगने के साथ लोगों की भीड़ जुटने पर पाबंदियां लगाई हैं.

पिछले 61 दिन से कोरोनावायरस संक्रमण के दैनिक मामले लगातार 15,000 से कम रहे हैं.

पिछले 25 दिनों के भीतर दिल्ली में कोरोना के 1,000 मामले सामने आए हैं. 1 दिसंबर को इनकी संख्या करीब 300 के आसपास थी जो कि अब तेजी के साथ बढ़ते हुए 1,300 के आसपास पहुंच चुकी है. आने वाले दिनों में इन मामलों में और तेजी से इजाफा होने की संभावना जताई जा है.

कोरोना संक्रमण दर आज 0.68 फीसदी तक पहुंच गई है. वहीं सोमवार रात्रि से दिल्ली में आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) के एक आदेश के मुताबिक दिल्ली में नाइट कर्फ्यू भी लागू हो गया है. यह रात्रि 11:00 बजे से सुबह 5:00 बजे तक लागू रहेगा.

दिल्ली में 0.5 फीसदी संक्रमण दर होने के साथ ही कोरोना रोकथाम के लिए बनाए गए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान नियम लागू हो गए हैं. इसके तहत अलग-अलग पाबंदियां लगाई जाएंगी.


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आईआईटी कानपुर का दावा

भारत में कोविड-19 महामारी की तीसरी लहर अगले साल तीन फरवरी तक चरम पर हो सकती है. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर के शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में यह दावा किया.

शोधकर्ताओं ने लिखा, ‘मामले 15 दिसंबर के करीब बढ़ने शुरू हुए और तीसरी लहर का चरम तीन फरवरी, बृहस्पतिवार को होगा.’

शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी और रूस जैसे देशों से प्राप्त आंकड़ों का इस्तेमाल किया, जो पहले ही महामारी की तीसरी लहर का सामना कर रहे हैं.

वैज्ञानिकों ने इन देशों में मामलों के दैनिक आंकड़ों का इस्तेमाल कर भारत में तीसरी लहर के असर और समय-सीमा का अनुमान व्यक्त किया. अध्ययन में भारत में पहली और दूसरी लहर के आंकड़ों का भी इस्तेमाल किया गया है.


 

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