scorecardresearch
Thursday, 14 August, 2025
होमदेशअधिकारी निलंबन : पश्चिम बंगाल सिविल सेवा के अधिकारियों ने मुख्य सचिव से हस्तक्षेप की मांग की

अधिकारी निलंबन : पश्चिम बंगाल सिविल सेवा के अधिकारियों ने मुख्य सचिव से हस्तक्षेप की मांग की

Text Size:

कोलकाता, छह अगस्त (भाषा) मतदाता सूची में कथित अनियमितताओं के लिए पश्चिम बंगाल सरकार के चार अधिकारियों को निलंबित करने के निर्वाचन आयोग के ‘‘फैसले’’ पर निराशा व्यक्त करते हुए डब्ल्यूबीसीएस (कार्यकारी) अधिकारी संघ ने बुधवार को राज्य के मुख्य सचिव मनोज पंत को पत्र लिखकर आदेश पर ‘‘पुनर्विचार’’ करने के लिए उनके हस्तक्षेप की मांग की।

यह पत्र ऐसे दिन लिखा गया, जब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नौकरशाही बिरादरी को आश्वासन दिया कि वह अधिकारियों के साथ उनके ‘पहरेदार’ के रूप में खड़ी रहेंगी और निलंबन आदेश को लागू नहीं करेंगी।

अधिकारी संघ ने पत्र में कहा, ‘‘हमारी समझ यह है कि संबंधित अधिकारी चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में ईमानदारी से अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रहे हैं और यदि कोई प्रक्रियागत चूक हुई है तो उसके पीछे कोई जानबूझकर या दुर्भावनापूर्ण इरादा नहीं था।’’

पत्र में कहा गया है, ‘‘इस संदर्भ में निलंबन एक कठोर कदम प्रतीत होता है और इससे अधिकारी समुदाय में गहरी चिंता पैदा हो गई है, तथा इससे उस समय मनोबल पर असर पड़ सकता है जब सार्वजनिक सेवा में समर्पण और तटस्थता की सबसे अधिक आवश्यकता होती है।’’

मंगलवार को निर्वाचन आयोग द्वारा पश्चिम बंगाल में चार अधिकारियों- दो निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी (ईआरओ) और दो सहायक निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी (एईआरओ) तथा एक डाटा एंट्री ऑपरेटर एवं एक अस्थायी कर्मचारी- को निलंबित किया गया। इन अधिकारियों पर दक्षिण 24 परगना और पूर्व मेदिनीपुर जिलों के क्रमश: बरुईपुर पूर्व और मोयना विधानसभा क्षेत्रों में मतदाता सूची तैयार करते समय अनियमितताएं बरतने का आरोप है।

भाषा शफीक देवेंद्र

देवेंद्र

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments