भुवनेश्वर, 11 दिसंबर (भाषा) ओडिशा सरकार ने पिछले 10 वर्षों के दौरान विभिन्न योजनाओं के तहत 14 उद्योगों के लिए 4097.67 करोड़ रुपये की बिजली बकाया राशि माफ कर दी है। उपमुख्यमंत्री कनक वर्धन सिंह देव ने बुधवार को विधानसभा में यह जानकारी दी।
कांग्रेस विधायक ताराप्रसाद बहिनीपति के एक प्रश्न के लिखित उत्तर में, ऊर्जा विभाग के प्रभारी उपमुख्यमंत्री ने कहा कि औद्योगिक नीति प्रस्ताव (आईपीआर) और विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड) नीति जैसी योजनाओं के तहत वित्तीय वर्ष 2015-16 से इन 14 उद्योगों के लिए बिजली शुल्क में छूट दी गई थी।
सिंह देव द्वारा प्रस्तुत बयान के अनुसार, ओडिशा सरकार ने एसईजेड नीति-2015 के तहत वेदांता लिमिटेड, झारसुगुड़ा के लिए 3599.88 करोड़ रुपये के उच्चतम बिजली बकाये को माफ कर दिया, जबकि केंद्रीय पीएसयू, इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल), पारादीप को 314.03 करोड़ रुपये की छूट मिली। इसके अतिरिक्त, अंगुल स्थित जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड (जेएसपीएल) को बिजली शुल्क में 103.16 करोड़ रुपये की छूट दी गई।
उपमुख्यमंत्री ने सदन को बताया कि इन छूटों के अलावा राज्य सरकार ने ऊर्जा विभाग की एकमुश्त समाधान योजना, 2022 के तहत 36 उद्योगों के लिए 1324.83 करोड़ रुपये की बिजली बकाया राशि (लंबित बिलों के ब्याज पर छूट के माध्यम से) में भी छूट दी है।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना के तहत सरकार ने सेल की इकाई राउरकेला स्टील प्लांट (आरएसपी) का 550.12 करोड़ रुपये, चौद्वार स्थित आईएमएफए लिमिटेड का 440.12 करोड़ रुपये तथा केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम नेशनल एल्युमीनियम कंपनी (नाल्को) का 203.91 करोड़ रुपये का बिजली बकाया माफ कर दिया है।
उन्होंने बताया कि अन्य कंपनियों के अलावा, जेएसपीएल, अंगुल (35.76 करोड़ रुपये), आदित्य एल्युमीनियम लिमिटेड, संबलपुर (17.79 करोड़ रुपये), टाटा स्टील लिमिटेड, कलिंगनगर (16 करोड़ रुपये) और वेदांता लिमिटेड, लांजीगढ़ (10.13 करोड़ रुपये) के बिजली बिलों में भी ओडिशा सरकार ने छूट दी है।
सिंह देव ने बताया कि मुख्य अभियंता सह प्रमुख मुख्य विद्युत निरीक्षक द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष अक्टूबर तक 23 उद्योगों पर 1096.32 करोड़ रुपये का बिजली बिल बकाया था।
भाषा प्रशांत मनीषा
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