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Thursday, 14 August, 2025
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एनएसयूआई ने फेलोशिप में कटौती और भर्ती में अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन किया

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नयी दिल्ली, दो अगस्त (भाषा) नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) ने शनिवार को यहां शास्त्री भवन स्थित शिक्षा मंत्रालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया।

एनएसयूआई ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार छात्र कल्याण योजनाओं को खत्म कर रही है और हाशिए पर पड़े समुदायों को फेलोशिप में कटौती एवं भर्ती में अनियमितताओं के जरिए निशाना बना रही है।

कांग्रेस की छात्र शाखा ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि विरोध प्रदर्शन में सैकड़ों छात्र शामिल हुए और प्रदर्शन दिल्ली पुलिस द्वारा एनएसयूआई के कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेने के साथ समाप्त हुआ।

एनएसयूआई के नेताओं ने सरकार पर छात्रवृत्ति में भारी कटौती करने का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी), अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और अल्पसंख्यक छात्रों के लिए पोस्ट-मैट्रिक और प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति में 40 प्रतिशत की कटौती की गई है और इसके वितरण में अक्सर देरी होती है।

उन्होंने मौलाना आजाद राष्ट्रीय फेलोशिप (एमएएनएफ) को बंद करने की भी निंदा की और कहा कि इसे बंद करने से हजारों अल्पसंख्यक छात्रों को उच्च शिक्षा और शोध छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा।

प्रदर्शनकारी छात्रों ने राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) फेलोशिप राशि में तत्काल संशोधन की मांग की, जो 2006 से 8,000 रुपये प्रति माह है और इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है।

एनएसयूआई ने दलील दी कि बढ़ती मुद्रास्फीति और जीवन-यापन की बढ़ती लागत को देखते हुए वजीफे को जूनियर रिसर्च फेलोशिप (जेआरएफ) के बराबर लाया जाना चाहिए।

प्रदर्शनकारी छात्रों ने नेशनल ओवरसीज फेलोशिप में देरी पर भी चिंता जतायी और कहा कि अनिश्चित समय-सीमा के कारण कई इच्छुक छात्र असमंजस में हैं। भर्ती में पारदर्शिता को लेकर भी चिंताएं जताई गईं।

एनएसयूआई ने कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) और संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा आयोजित परीक्षाओं में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं का आरोप लगाया और दावा किया कि निविदाएं काली सूची में डाली गई कंपनियों को दी जा रही हैं, जिससे इन संस्थानों में जनता का विश्वास कम हो रहा है।

विरोध प्रदर्शन को संबोधित करते हुए, एनएसयूआई नेताओं ने भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार पर शिक्षा को आउटसोर्स करने और समानता के संवैधानिक वादे को कमजोर करने का आरोप लगाया।

छात्र समूह ने पुलिस कार्रवाई की निंदा की और इसे लोकतांत्रिक आवाजों को दबाने की कोशिश बताया। एनएसयूआई ने आने वाले हफ्तों में देश भर के परिसरों में विरोध प्रदर्शन करने की योजना की घोषणा की।

भाषा

अमित संतोष

संतोष

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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